हिमाचल: बद्दी में हुई कोर कमेटी की बैठक में एक भी प्रत्याशी के नाम पर नहीं हुई चर्चा
Lok Sabha Election 2019 भाजपा कोर कमेटी की दो दिवसीय बैठक में लोकसभा चुनाव का खाका तैयार कर चारों सीटों पर फिर से भगवा लहराने का प्रण लिया गया।
बद्दी, जेएनएन। Lok Sabha Election 2019 बस...संसदीय बोर्ड और आलाकमान की मंजूरी बाकी है अन्यथा हिमाचल प्रदेश भाजपा चारों सांसदों को ही मैदान में उतारने का का संकेत दे चुकी है। भाजपा कोर कमेटी की दो दिवसीय बैठक के दूसरे दिन मंगलवार को लोकसभा चुनाव का खाका तैयार कर चारों सीटों पर फिर से भगवा लहराने का प्रण लिया गया। बैठक में मुख्यमंत्री सहित पार्टी प्रभारियों व प्रदेशाध्यक्ष सहित दो दर्जन वरिष्ठ नेताओं ने शिरकत की।
यहां इस बात पर मंथन हुआ कि जो प्रदर्शन पिछले चुनाव हुआ था, उसे दोहराया जाए। इसके लिए हरसंभव नीति अपनाई जाएगी। पार्टी इस बार और ज्यादा आक्रामक होकर चुनावी रण में उतरेगी, वहीं हर कार्यकर्ता को काम बांटकर कांग्रेस को चित किया जाएगा। सूत्रों के अुनसार पार्टी में किसी भी प्रकार की खींचतान से बचने के लिए प्रदेश हाईकमान ने मौजूदा सांसदों पर ही दाव खेलने का निर्णय लिया है। इस पर सभी नेता सहमत भी दिखे।
कुछ सांसदों के टिकट कटने की जो चर्चाएं थी, उस पर कोर कमेटी में कोई बात नहीं हुई। कोर कमेटी की बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती से बताया कि फिलहाल पार्टी पुराने सांसदों के साथ ही रणभूमि में उतर रही है। अगर हाईकमान ने नाम मांगे तो ही भेजे जाएंगे अन्यथा नहीं। पार्टी मोदी के पांच साल व जयराम सरकार के एक साल के कार्यों के दम पर वोट मांगने जनता के बीच उतरेगी। मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ा जाएगा, जिसकी कमान स्वयं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर संभालेंगे।
संसदीय बोर्ड की बैठक में होगी नामों की घोषणा : सत्ती
सतपाल सत्ती से कहा कि कोर कमेटी की बैठक में यह पहले ही साफ निर्देशित कर दिया था कि यहां किसी की टिकट काटने और देने पर चर्चा नहीं होगी। यह बैठक सीधे तौर पर चुनावी रण में उतरने और विजय परचम लहराने पर ही केंद्रित थी। बैठक में तय किया गया है कि फाइनल नाम आने तक वर्तमान सांसदों के चेहरों के साथ ही कार्यकर्ता मैदान में उतरेंगे और उनके नाम पर ही वोट और सपोर्ट की अपील होगी। पंद्रह दिन में संसदीय बोर्ड के 11 सदस्यीय लोग तय करेंगे कि कौन प्रत्याशी मैदान में होगा।
बैठक में ये रहे उपस्थित
प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, मंत्री वीरेंद्र कंवर, राजीव सैजल, गोविंद ठाकुर, विपिन परमार, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, सांसद शांता कुमार, रामस्वरूप शर्मा, वीरेंद्र कश्यप, अनुराग ठाकुर सहित चंद्रमोहन ठाकुर, राम सिंह, रणधीर शर्मा, कृपाल परमार, संगठन मंत्री पवन राणा भी उपस्थित थे।
तस्वीर का दूसरा रुख
यह ठीक है कि प्रदेश भाजपा ने चारों सांसदों को ही मैदान में उतारने का मन बनाया है लेकिन भाजपा के ही खास लोगों का यह कहना है कि यह एक रणनीति है। रणनीति यह है कि अभी अगर विकल्प खुले रख दिए गए तो टिकट के तलबगारों की संख्या बढ़ जाएगी। इसलिए यह दांव खेला जा रहा है। बाकी होना वही है जो आलाकमान चाहेगा। कल को टिकट बदल भी जाएं तो यह कहा जा सकेगा कि ऊपर से हुआ है, हमें कुछ पता नहीं। भाजपा के खास नेता का कहना है कि कल को बेशक यही सांसद चेहरे बनें लेकिन एक से अधिक नामों पर विचार करने और फीडबैक लेने की प्रक्रिया अवश्य पूरी की जाएगी। वह ‘एक नाम का प्रस्ताव’ के सिद्धांत से सहमत नहीं हैं।