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चुनावी मौसम में इवेंट मैनेजमेंट का स्कोप, पीआर कंपनियां संभाल रही 'इलेक्शन मैनेजमेंट'

चुनाव के मौके पर अब इवेंट मैनेजमेंट और पीआर कंपनियां राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों का चुनाव अभियान भी संभालने लगी हैं। प्रशांत किशोर जैसे मैनेजमेंट गुरुओं की मिसाल हमारे सामने है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 12:42 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 01:38 PM (IST)
चुनावी मौसम में इवेंट मैनेजमेंट का स्कोप, पीआर कंपनियां संभाल रही 'इलेक्शन मैनेजमेंट'
चुनावी मौसम में इवेंट मैनेजमेंट का स्कोप, पीआर कंपनियां संभाल रही 'इलेक्शन मैनेजमेंट'

नई दिल्ली, जेएनएन। पिछले कुछ वर्षों से चुनावी प्रचार के तौर-तरीकों में काफी बदलाव दिखने लगा है। पहले जहां राजनीतिक दल खुद अपना कैंपेन किया करते थे, रैलियों-सभाओं के लिए जीतोड़ मेहनत करते थे, वहीं अब तमाम उम्मीदवारों और पार्टियों का इलेक्शन कैंपेन इवेंट मैनेजमेंट या पीआर कंपनियां संभाल रही हैं। प्रत्याशी अपनी कैंपेनिंग के लिए इवेंट मैनेजमेंट/पीआर कंपनियों को हायर करने लगे हैं।

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विचारधाराओं से परे लगभग सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव के लिए मीडिया मैनेजमेंट, रैली मैनेजमेंट, सोशल मीडिया मैनेजमेंट तथा पोस्टर-वार आदि कराने के लिए इन मैनेजमेंट कंपनियों से संपर्क साध रही हैं। वैसे देखा जाए, तो देश में लगभग पूरे साल विवाह उत्सवों से लेकर कॉरपोरेट इवेंट, फिल्मी शो-लॉन्च, प्रोडक्ट लॉन्च, थीम वेडिंग जैसे आयोजन होते रहते हैं। इन आयोजनों की भव्यता भी ऐसी कि देखने वालों की आंखें खुली की खुली रह जाएं।

दरअसल, इवेंट मैनेजमेंट से जुड़े यही लोग इस तरह के समारोहों को आयोजित करते हैं। ये क्लाइंट या कंपनी के बजट को ध्यान में रखकर प्रोग्राम के आयोजन से लेकर होटल की बुकिंग, डेकोरेशन, एंटरटेनमेंट, लंच/डिनर के लिए मेन्यू तैयार करवाने और गेस्ट का स्वागत करने जैसी तमाम जिम्मेदारियों का सटीक प्रबंधन करते हैं।

इसके लिए उनके साथ प्रोफेशनल्स की बकायदा पूरी टीम होती है, जो ये सब काम प्लानिंग के साथ व्यवस्थित ढंग से करते हैं। अब सिर्फ दिल्ली, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु जैसे महानगरों में ही नहीं, बल्कि लखनऊ, पटना, इंदौर, कानपुर, रांची, चंडीगढ़, अमृतसर, रायपुर, भोपाल जैसे तमाम अन्य शहरों में भी इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों की लोकप्रियता और मांग तेजी से बढ़ रही है। दरअसल, अब लोग ऐसे किसी भी आयोजन से जुड़े किसी भी काम के लिए परेशान होने की बजाय इन कंपनियों को प्रतिस्पर्धी दरों पर एकमुश्त सारा काम देकर निश्चिंत होकर कार्यक्रमों का आनंद लेना चाहते हैं।

ग्रोइंग फील्ड:

ग्लैमर, चमक-दमक और स्टाइल आज हर इवेंट की पहली मांग है। एक अनुमान के अनुसार, अभी देशभर में करीब 2 हजार से अधिक इवेंट मैनेजमेंट कंपनियां काम कर रही हैं, जो फैशन शो, एग्जिबिशन, प्रोडक्ट लॉन्चिंग, शादी, सगाई, जन्मदिन जैसे समारोहों का आयोजन कराती हैं। हाल के वर्षों में लोगों द्वारा निजी फंक्शन भी इवेंट कंपनियों से कराए जाने के कारण इस क्षेत्र में करियर के स्कोप पहले से काफी तेजी से बढ़ रहे हैं।

जिन युवाओं को इस तरह के प्रोग्राम हैंडल करना अच्छा लगता है और क्रिएटिव स्वभाव के हैं, वे किसी भी इवेंट कंपनी/पीआर एजेंसी में इवेंट मैनेजर, एग्जीक्यूटिव या फिर कोआर्डिनेटर के रूप में एक अच्छी जॉब पा सकते हैं। इवेंट मैनेजमेंट का कोर्स करके चाहें तो किसी बड़ी कंपनी के ब्रांड विभाग में भी नौकरी पा सकते हैं। इस फील्ड का अनुभव हो जाने पर अपनी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी खोलकर भी अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

इस तरह की कंपनी आप अपने शहर में भी खोलकर अपने करियर को पंख लगा सकते हैं। अगर आपकी कंपनी के काम से लोग प्रभावित होते हैं, तो वे अपने जानने वालों से भी आपकी अनुशंसा करते हैं। अच्छे काम और संपर्कों के आधार पर चुनावों के दौरान पार्टियों और प्रत्याशियों से भी काम मिल सकता है।

कोर्स एवं योग्यता:

देश में इवेंट मैनेजमेंट की पढ़ाई अभी हर जगह उपलब्ध नहीं है। कुछ विशेष संस्थानों में ही यह कोर्स कराया जा रहा है। हालांकि मास कम्युनिकेशन/जर्नलिज्म, पीआर के यूजी और पीजी लेवल के कोर्सेज में भी इसके लिए एक अलग माड्यूल के तौर पर पब्लिक रिलेशन एवं एडवर्टाइजिंग जैसे विषय की पढ़ाई कराई जाती है। जो इस फील्ड में आना चाहते हैं, उनके सामने एक विकल्प यह भी है कि वे किसी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में कुछ दिन काम करके इस फील्ड की बारीकियां सीख सकते हैं।

इवेंट मैनेजमेंट के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए 12वीं पास होना जरूरी है। 12वीं के बाद इस क्षेत्र में आगे की पढ़ाई करके विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। इंटरनेट और यूट्यूब के जरिए भी खुद को अपडेट कर सकते हैं। फिलहाल यह कोर्स डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट तथा पीजी डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट ऐंड पब्लिक रिलेशंस नामों से संचालित हो रहे हैं। वैसे जोरदार स्कोप देखते हुए पीजीडीएम और एमबीए डिग्रीधारी युवा भी इस फील्ड में करियर बनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। हालांकि गहरी रुचि है, तो किसी भी स्ट्रीम की पढ़ाई करने वाले युवा इसमें आ सकते हैं।

प्रमुख संस्थान

  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मॉस कम्युनिकेशन, नई दिल्ली
    www.iimc.nic.in
  • माखनलाल चतुर्वेदी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ जर्नलिज्म, भोपाल
    www.mcu.ac.in
  • गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
    www.ipu.ac.in
  • एडिटवर्क्स स्कूल ऑफ मॉस कम्यूनिकेशन, नोएडा
    www.editworks.co.in
  • जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली
    http://jmi.ac.in

प्रबंधन में कुशलता:

इस फील्ड में सफल होने के लिए ऊंची डिग्री होना जरूरी नहीं है। इसके लिए आप में प्रबंधन की कुशलता होनी चाहिए। साथ ही, क्रिएटिव सोच के हों।

सैलरी:

इवेंट मैनेजमेंट कमाई के मामले में आकर्षक फील्ड है। नए प्रोफेशनल्स को शुरुआत में इस क्षेत्र में 20 हजार रुपये तक आसानी से मिल जाता है। अनुभव के आधार पर सैलरी बढ़ती रहती है। खुद की कंपनी खोलकर भी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। वैसे, ऐसे लोगों की मार्केट में एक बार पकड़ बन जाने के बाद कमाई की कोई सीमा नहीं होती।

चुनौतियों के साथ नित नया करने का आकर्षण

इवेंट एक्टिविटी पहले पीआर/एडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री के रूप में शुरू हुई, लेकिन आज यह स्वतंत्र रूप से हजारों करोड़ रुपये की इंडस्ट्री है। शादी-ब्याह, जन्मदिन से लेकर प्रोडक्ट की लॉन्चिंग,फैशन शो, एक्सपो, प्रदर्शनी जैसे सभी आयोजन आजकल इवेंट मैनेजमेंट प्रोफेशनल ही करा रहे हैं। हाल-फिलहाल में एक नया ट्रेंड यह देखा जा रहा कि चुनावों के दौरान लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां भी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों के माध्यम से अपना प्रचार-प्रसार प्रोफेशनल तरीके से करा रही हैं, जिसका लाभ उन्हें अपने अभियान को तेजी से आगे बढ़ाने में मिल रहा है। दूसरी बात यह कि प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में जहां रोजगार की संभावनाएं घट रही हैं, वहीं इवेंट मैनेजमेंट में युवाओं के लिए अवसर विभिन्न नए क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहे हैं। चूंकि यह एक नए तरह की जॉब है, जहां फन और ग्लैमर दोनों है जिससे युवा भी इधर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। इस फील्ड में युवाओं का भविष्य भी अच्छा है, क्योंकि आज सभी कंपनियों को इवेंट मैनेज कराने के लिए स्किल्ड प्रोफेशनल चाहिए। 
- डॉ. दुर्गेश त्रिपाठी  
प्रोफेसर, यूएसएमसी, जीजीएसआइपी यूनिवर्सिटी, दिल्ली 


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