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लोकसभा चुनावः टिहरी संसदीय सीट में भाजपा और कांग्रेस के बीच सिमटी चुनावी जंग

वैसे तो टिहरी लोकसभा सीट पर 15 सूरमा मैदान में है लेकिन चुनाव की आखिरी बेला तक मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सिमटता दिखाई पड़ रहा है।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 01:27 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 08:25 PM (IST)
लोकसभा चुनावः टिहरी संसदीय सीट में भाजपा और कांग्रेस के बीच सिमटी चुनावी जंग
लोकसभा चुनावः टिहरी संसदीय सीट में भाजपा और कांग्रेस के बीच सिमटी चुनावी जंग

उत्तरकाशी, जेएनएन। तराई से लेकर हिमालय की तलहटी तक फैली टिहरी लोकसभा सीट का राजनीतिक मिजाज राष्ट्रीय पार्टियों के बीच और राष्ट्रीय मुद्दों की धुरी पर घूम रहा है। वैसे तो इस सीट पर 15 सूरमा मैदान में है, लेकिन चुनाव की आखिरी बेला तक मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सिमटता दिखाई पड़ रहा है। यह दीगर बात है कि यहां मतदाता खामोश है, उसका यह मिजाज क्या गुल खिलाता है, नतीजे सामने आने पर ही इसका पता चलेगा। 

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सूरमाओं की बात करें तो इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह खुद मैदान में हैं, जबकि भाजपा ने टिहरी राजपरिवार से ताल्लुक रखने वाली मौजूदा सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह को एक बार फिर से मैदान में उतारा है। चुनावी रण में दोनों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी हुई है, एक दूसरे के क्षेत्र में सेंध भी लगा रहे हैं।

भाजपा प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह की ताकत 

- टिहरी राजपरिवार से ताल्लुक रखने के साथ मोदी रथ पर सवार

- 2012 के उपचुनाव और 16वीं लोकसभा के चुनाव में जीत दर्ज कराना

- बूथ स्तर तक मजबूत सांगठिनक ढांचा, गोर्खाली मतदाताओं पर पकड़

कमजोरी

- पिछले कार्यकाल में लोकसभा क्षेत्र में कम सक्रियता 

- केंद्र और राज्य सरकार की एंटी इनकमबेंसी फैक्टर से जूझना

- केवल प्रधानमंत्री मोदी के नाम के सहारे वोट मांगना

कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह की ताकत 

- पांच बार विधानसभा सदस्य रहने के साथ सियासत में लंबा अनुभव

-जनजातीय जौनसार बावर व रवाईं क्षेत्र में मजबूत पकड़

-केंद्र और राज्य सरकार की एंटी इनकमबेंसी फैक्टर का लाभ

कमजोरी

-लोकसभा के एक सीमित क्षेत्र में पकड़ होना

-कांग्रेस में धड़ेबाजी और संगठन का मजबूत न होना

- लोकसभा चुनाव में नए सूरमा के रूप में उतरना 

चुनाव के मुददे 

- बहुप्रतीक्षित डोबरा चांटी पुल का निर्माण अधर में

- भूस्खलन प्रभावित गांवों का सर्वे और विस्थापन

- प्रस्तावित व बंद पड़ी जल विद्युत परियोजनाओं का पुनर्निर्माण

- ईको सेंसिटिव जोन की शर्तों को शिथिल करना

सामाजिक समीकरण

तीन जनपदों की 14 विधानसभाओं से मिलकर बनी टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट पर सामाजिक तानाबाना काफी रोचक है। जनसंख्या का आंकड़े पर गौर करे तो 2011 की जनगणना के अनुसार टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट की जनसंख्या 1923454 थी। इसमें 62 फीसद आबादी गांवों में निवास करती है, जबकि 38 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्रों में निवास कर रही है। 

इस इलाके में अनुसूचित जाति की जनसंख्या का आंकड़ा 17.15 फीसद है। जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 5.8 फीसद है। मतदाताओं की स्थिति पर गौर करें तो 40 फीसद ठाकुर, 30 फीसद ब्राह्मण, 17 फीसद एससी व 5 फीसद एसटी व आठ फीसद अल्प संख्या व गोर्खाली मतदाता हैं।

स्टार प्रचारकों का असर

यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के स्टार प्रचारक अपने-अपने प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा के लिए आए। इनमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट प्रमुख रहे। स्टार प्रचारकों ने उत्तराखंड के सैन्य बाहुल्य मुद्दे को भी छूने का प्रयास किया है। 

मत व्यवहार

लोकतंत्र में राजा कहे जाने वाला मतदाता का मिजाज स्थानीय मुद्दों से अधिक राष्ट्रीय मुद्दों पर केंद्रित रहा है। इसी कारण राजनीतिक दलों के सूरमाओं से लेकर स्टार प्रचारकों ने स्थानीय समस्याओं को मुद्दा नहीं बनाया। भले ही भावनात्मक रूप से जोडऩे का प्रयास प्रत्याशियों ने किया। मतदाताओं के बीच भी इस बार स्थानीय मुद्दे गौण ही दिखे। मतदाताओं के बीच भी एयर स्ट्राइक, राफेल, देश सुरक्षा, अफस्पा, राजद्रोह कानून, विदेश नीति और नेतृत्व सहित आदि मुद्दे हावी दिखे हैं। इन्हीं मुद्दों के आधार पर मतदाता प्रत्याशियों का आंकलन कर रहे हैं।

अतीत के आईने में

टिहरी रियासत का आजादी के बाद भारत में विलय होने के बाद टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट पर चुनाव में राजशाही राजनीतिक की धुरी पर रही है। 10 आम चुनाव व एक उपचुनाव में राजशाही परिवार के सदस्य ही सांसद चुने गए। राजनीतिक दलों के हिसाब से देखे तो आठ  आम चुनाव व एक बार उप चुनाव में यह सीट कांग्रेस और छह  आम चुनाव व एक उप चुनाव में भाजपा जीती है। एक बार इस सीट पर जनता दल व एक बार निर्दल सांसद ने भी प्रतनिधित्व किया है।

बोलीं भाजपा प्रत्याशी

टिहरी सीट से भाजपा प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह के मुताबिक, पूरे देश में मोदी लहर है, हर व्यक्ति मोदी को फिर से प्रधानमंत्री देखना चाहता है। मोदी सरकार ने जनता के लिए तमाम योजनाएं लाई और पांच साल तक जो

काम किए हैं, उसका इनाम जनता अब देने जा रही है।

कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह बोले

कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह के अनुसार, मोदी सरकार की विफलता और किए गए झूठे वादों से जनता पार पाना चाहती है। साथ ही जनता चाहती है कि संसद में भी उनकी आवाज उठा सके और जनता को हक मिल सके। इस लिए कांग्रेस जीत रही है।

टिहरी लोकसभा सीट पर एक नजर 

कुल विधानसभा- 14

कुल मतदाता: 1493524

पुरुष: 775603

महिला: 705533

सर्विस वोटर: 12329अन्‍य: 59

कुल उम्‍मीदवार: 15

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