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Madhubani, Bihar Lok Sabha Election 2019: यहां नए चेहरों की लड़ाई, आसान नहीं हुकुमदेव के बेटे की राह

Madhubani Bihar Lok Sabha Election 2019 बिहार के मधुबनी में नए चेहरों की लड़ाई हो रही है। यहां बड़ा सवाल यह है कि क्‍या ब्राह्मण बहुल इलाके में हुकुमदेव नारायण के बेटे जीतेंगे?

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sun, 05 May 2019 10:50 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2019 04:52 PM (IST)
Madhubani, Bihar Lok Sabha Election 2019: यहां नए चेहरों की लड़ाई, आसान नहीं हुकुमदेव के बेटे की राह
Madhubani, Bihar Lok Sabha Election 2019: यहां नए चेहरों की लड़ाई, आसान नहीं हुकुमदेव के बेटे की राह

पटना [जेएनएन]। बिहार के मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में पांचवें चरण में मतदान हो रहा है। यहां राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन की लड़ाई में पूर्व मंत्री शकील अहमद किसका स्‍वाद बिगाड़ेंगे, यह आज तय हो जाएगा। यहां बड़ा सवाल यह है कि भाजपा के सिटिंग सांसद हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे ब्राह्मण बहुल इस इलाके में अपने पिता की विरासत संभालने में कामयाब होते हैं या नहीं?
त्रिकोणीय मुकाबला तय
राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने यहां भाजपा के पूर्व सांसद हुकुमदेव नारायण यादव के पुत्र अशोक यादव को मैदान में उतारा है। जबकि, महागठबंधन ने यह सीट वीआइपी के खाते में दी है। वीआइपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मुकेश साहनी ने मधुबनी में बद्री कुमार पूर्वे को अपना उम्‍मीदवार बनाया है। वहीं शकील अहमद इसे त्रिकोणीय मुकाबला का रूप दे रहे हैं। 
आसान नहीं मुकाबला
मधुबनी में मुकाबला आसान नहीं है। यहां ब्राह्मण वोटर निर्यायक हैसियत रखते हैं। भाजपा को ब्राह्मण सहित कथित अगड़ी जातियों के वोटों पर भरोसा है। ऐसे में अशोक यादव को इस वोट बैंक का लाभ मिल सकता है। साथ ही वे अपनी जाति के कारण महागठबंधन के प्रमुख घटक राजद के परंपरागत एमवाइ (मुस्लिम-यादव) समीकरण में भी सेंध लगा सकते हैं। उन्‍हें कांग्रेस के बागी शकील अहमद के निर्दलीय चुनाव लड़ने काभी लाभ मिल सकता है।
शकील के कारण मुस्मिम वोटों में बिखराव होगा, जिसका लाभ अशोक यादव को मिल सकता है। उधर, महागठबंधन के वीआइपी प्रत्‍याशी बद्री कुमार पूर्वे के साथ महागठबंधन के घटक दलों के आधार वोट जा सकते हैं। चुनाव में शकील अहमद बड़ा चेहरा हैं। उनके साथ अगर मुस्लिम मतदाताओं का ध्रुवीकरण हुआ तो वे दोनों प्रमुख गठबंधनों का खेल बिगाड़ सकते हैं।
पिता की विरासत संभालने की चुनौती
राजग उम्‍मीदवार अशोक कुमार यादव अपने पिता हुकुमदेव नारायण यादव की विरासत को आगे बढ़ाने की लड़ाई लड़ रहे हैं तो विकासशील इनसान पार्टी (वीआइपी) के उम्मीदवार बद्री कुमार पूर्वे क्षेत्र में नया इतिहास रचने के लिए पसीना बहा रहे हैं। राजग उम्‍मीदवार अपने पिता के कामों के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी के राष्‍ट्रवाद को मुद्दा बनाए हुए हैं तो मुकेश सहनी के उम्‍मीदवार पूर्वे मोदी विरोधी वोटों को एकजुट करने में लग हुए हैं। इसी लड़ाई को रोमांचक बनाए हुए हैं पूर्व मंत्री शकील अहमद।
शकील के कांग्रेस से निष्‍कासन से महागठबंधन को राहत
हालांकि, महागठबंधन के लिए सुखद है कि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री शकील अहमद को छह साल के निष्‍कासित कर दिया है। साथ ही उन्‍हें साथ दे रही बेनीपट्टी की कांग्रेस विधायक भावना झा को भी पार्टी ने छह साल के लिए निष्‍कासित कर दिया है। अब देखना यह है कि इस कार्रवाई का वोटरों पर कितना असर पड़ेगा।
छह विधानसभा क्षेत्र शामिल 
मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के दायरे के चार विधानसभा क्षेत्र (हरलाखी, बेनीपट्टी, बिस्फी और मधुबनी) मधुबनी जिले में पड़ते हैं, जबकि दो विस क्षेत्र केवटी व जाले दरभंगा जिले में पड़ते हैं। हरलाखी और जाले पर जदयू्, बेनीपट्टी में कांग्रेस, बिस्फी, मधुबनी और केवटी पर राजद का कब्जा है।
17 उम्‍मीदवार मैदान में 
अपने चुनावी दौरों में अशोक कुमार यादव बताते रहे कि पांच साल में केंद्र सरकार ने विकास के कई काम किए। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाई है। दूसरी तरफ, बद्री कुमार पूर्वे इस चुनाव को देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाने की लड़ाई बताते रहे। मधुबनी के मैदान में कुल 17 उम्मीदवार हैं। अब देखना दिलचस्‍प होगा कि यहां जीत का सेहरा किसके सर पर बंधता है।  
- कुल मतदाता: 1787746
- कुल मतदान केंद्र : 1837
- कुल उम्मीदवार : 17

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2014 के नतीजे,एक नजर
- हुकुमदेव नारायण यादव (भाजपा): 358040  वोट (विजयी)
- अब्दुल बारी सिद्दीकी (राजद): 337505 वोट
- प्रो. गुलाम गौस (जदयू): 56392 वोट

2009 के नतीजे, एक नजर
- हुकुमदेव नारायण यादव (भाजपा): 164094 वोट (विजयी)
- अब्दुल बारी सिद्दीकी (राजद): 154167 वोट
- डॉ. शकील अहमद (कांग्रेस): 111423 वोट

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