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मिशन2019: दिल्ली गए मदन मोहन झा, दो-चार दिन में फाइनल हो जाएंगी कांग्रेस की सीटें

सीट शेयरिंग को लेकर महागठबंधन में शामिल कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है। राहुल गांधी के बुलावे पर प्रदेश अध्‍यक्ष मदन मोहन झा बुधवार की शाम पटना से दिल्‍ली के लिए रवाना हो गए हैं।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 08:56 PM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 12:56 AM (IST)
मिशन2019: दिल्ली गए मदन मोहन झा, दो-चार दिन में फाइनल हो जाएंगी कांग्रेस की सीटें
मिशन2019: दिल्ली गए मदन मोहन झा, दो-चार दिन में फाइनल हो जाएंगी कांग्रेस की सीटें

पटना [जेएनएन]। सीट शेयरिंग को लेकर बिहार महागठबंधन के घटक दल में शामिल कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी के बुलावे पर प्रदेश अध्‍यक्ष डॉ मदन मोहन झा बुधवार की शाम पटना से दिल्‍ली के लिए रवाना हो गए हैं। कांग्रेस में तेज हो रही हलचल को मानें तो दो-चार दिन के अंदर सीट शेयरिंग फाइनल हो जाएगी।   

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एनडीए में बहुत पहले ही सीटों का हो गया बंटवारा

लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए में बहुत पहले ही सीटों का बंटवारा हो गया है, जबकि महागठबंधन में अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। एनडीए की रैली के बाद सीट शेयरिंग की घोषणा की बात कही जा रही थी। बुधवार को तेज हुई गतिविधि इसी का संकेत माना जा रहा है। बता दें कि 3 फरवरी को जन आकांक्षा रैली में राहुल गांधी ने दाे टूक कह दिया था कि पार्टी राजद एवं अन्य घटक दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। उन्‍होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस, राजद के साथ मिलकर फ्रंट फूट पर खेलेगी। 

वरीय नेताओं से होगी मुलाकात

दरअसल पहले एक मार्च को दिल्ली में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की उपस्थिति में बैठक होनी थी, मगर 2 मार्च को रांची में राहुल गांधी की रैली और 3 मार्च को पटना में होने वाली एनडीए की रैली के मद्देनजर बैठक की डेट आगे बढ़ा दी गई। लेकिन, इसी बीच राहुल गांधी की ओर से प्रदेश अध्‍यक्ष मदन माेहन को बुलावे ने पार्टी के अंदर हलचल को बढ़ा दिया है। बुधवार की शाम मदन मोहन झा राजधानी एक्‍सप्रेस से दिल्‍ली के लिए रवाना हो गए। गुरुवार को वे दिल्‍ली पहुंचेंगे और निर्धारित समय पर उनकी वरीय नेताओं से मुलाकात होगी। 

सीट बंटवारे में नहीं है कोई प्रॉब्लम

दिल्‍ली जाने से पहले प्रदेश अध्‍यक्ष मदन मोहन झा ने मीडिया से कहा कि महागठबंधन में 4-5 दिनों के अंदर सीटों का एेलान हो जाएगा। सभी दलों से बात हो रही है। गठबंधन के सभी दिग्‍गज नेता आपस में संपर्क में हैं और वे आपस में बात भी कर रहे हैं। सीट बंटवारे में कहीं कोई प्रॉब्लम नहीं है। उन्‍होंने कांग्रेस की आेर से चुनाव को लेकर बनाई गई नई कमेटियों का स्‍वागत किया है। कहा कि कमेटियों में समाज के सभी वर्गों का ख्‍याल रखा गया है।  

बंटवारा नहीं होने भ्रम की स्थिति

इधर कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि महागठबंधन की यह बैठक राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और उपेंद्र कुशवाहा की मौजूदगी में होगी। बैठक में शरद यादव, जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी भी शामिल होंगे। सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन में पिछले दो माह से भ्रम की स्थिति बनी हुई है। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने पहले 20 सीटों की मांग की और फिर अब वह पांच सीटों की मांग कर रहे हैं। वहीं रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा सम्मानजनक सीटें नहीं मिलने के कारण ही एनडीए से अलग हुए हैं। 

पहले से मजबूत स्थिति में कांग्रेस

हालांकि कांग्रेस लगातार यह दावा कर रही है कि पार्टी पहले से कहीं अधिक मजबूत स्थिति में है। तीन फरवरी की जन आकांक्षा रैली का हवाला देते हुए पार्टी सूत्रों ने यह भी बताया कि तीन दशकों बाद पार्टी ने अपने बल पर सफल रैली की है। दूसरी ओर सूत्रों की मानें तो घटक दलों की अलग-अलग दावेदारी महज बयानबाजी से अधिक कुछ नहीं है। पहले से तय फार्मूले में ही हलका फेरबदल कर सीटों का बंटवारा हो जाएगा। जेल में बंद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव इस समय रांची के रिम्स में इलाज करा रहे हैं और घटक दलों के नेताओं से उनकी कई राउंड बातचीत हो चुकी है। जो फार्मूला तय हुआ था, उसके तहत प्रदेश की 40 लोकसभा सीटों में से आधी पर राजद के प्रत्याशी लड़ेंगे, जबकि शेष 20 सीटों का बंटवारा अन्य घटक दलों के बीच होगा। कांग्रेस को 10 सीटें दी जा सकती हैं, हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में राजद ने उसे 12 सीटें दी थीं। तब महागठबंधन में रालोसपा, हम या मुकेश सहनी की विकासशील इनसान पार्टी शामिल नहीं थी। 

लालू से कई नेताओं की हो चुकी है मुलाकात

लालू से राहुल गांधी और शक्ति सिंह गोहिल को छोड़ कई नेता मुलाकात कर चुके हैं। इनमें शरद यादव, उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी, मुकेश सहनी प्रमुख हैं। यहां तक कि बीजेपी के बागी सांसद शत्रुघ्‍न सिन्‍हा भी कई दफा मिल चुके हैं। 

समस्‍या उम्‍मीदवारों को लेकर भी

महागठबंधन में समस्या उम्मीदवारों को लेकर भी है। चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को लेकर राजद के अंदर भी मंथन है, जबकि कांग्रेस के टिकट की उम्मीद रखने वालों में भाजपा से आए कीर्ति आजाद, भाजपा छोडऩे की घोषणा कर चुके पूर्णिया के पूर्व सांसद उदय सिंह, पूर्व सांसद लवली आनंद प्रमुख हैं। इन्हें क्रमश: दरभंगा, पूर्णिया एवं शिवहर लोकसभा सीटों के लिए टिकट चाहिए। जन अधिकार पार्टी के संरक्षक सांसद पप्पू यादव और मोकामा से निर्दलीय विधायक अनंत सिंह भी टिकट के लिए कांग्रेस की ओर नजर गड़ाए हैं। इन नेताओं के अलावा शत्रुघ्‍न सिन्‍हा की भी नजर महागठबंध्‍न की ओर लगी हुई है। यह शत्रुघ्‍न सिन्‍हा पर निर्भर है कि वे राजद में जाते हैं या कांग्रेस में।


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