Lok Sabha Election 2019: इस बार चुनाव में एम- थ्री ईवीएम दिखाएगी दम
लोकसभा चुनाव में पहली बार एम-थ्री ईवीएम का होगा प्रयोग। वर्ष 2004 में पहली बार एम-वन मशीन का किया गया था प्रयोग।
आगरा अमित दीक्षित। कांग्रेस हो या फिर सपा व बसपा। दलों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर अपनी आपत्ति जताई है, लेकिन निर्वाचन आयोग ने हर आपत्ति का सटीक जवाब दिया। इस लोकसभा चुनाव में पहली बार एम-थ्री ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा। एम-टू मशीनों के मुकाबले यह कहीं अधिक बेहतर हैं। छेड़छाड़ करने या फिर इसका स्क्रू खोलने पर मशीन स्वत: बंद हो जाएगी।
देश में पहली बार ईवीएम का प्रयोग वर्ष 1989 के उप चुनाव में हुआ था। यह उप चुनाव नार्थ पारावुर, केरल में हुआ था। फिर राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली के चुनाव में इनका प्रयोग किया गया। सबसे पहले एम- वन ईवीएम का प्रयोग लोकसभा चुनाव-2004 में हुआ था। ईवीएम का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने किया। बदलते वक्त के साथ निर्वाचन आयोग ने एम-टू ईवीएम का प्रयोग करना शुरू कर दिया। ईवीएम को लेकर कांग्रेस सहित अन्य दलों ने आरोप लगाने शुरू कर दिए। निर्वाचन आयोग ने हर आपत्ति का निराकरण किया।
यह है खासियत
मशीन में रियल टाइम क्लॉक और डायनेमिक कोडिम जैसी विशेषता है। अगर कोई इस मशीन से छेड़छाड़ करता है तो मशीन फैक्टरी मोड में चली जाएगी। यानी मशीन ऑटोमेटिक बंद हो जाएगी।
प्रत्याशी का फोटो भी होगा
एम-थ्री ईवीएम में पहली बार प्रत्याशी का फोटो भी होगा। अभी तक चुनाव चिन्ह, प्रत्याशी का नाम शामिल होता था।
एक मशीन में 16 प्रत्याशी
नई ईवीएम में 16 प्रत्याशियों के नाम शामिल हो सकेंगे। सबसे अंतिम में नोटा अंकित होगा। यानी 15 प्रत्याशियों के नाम ही अंकित हो सकेंगे।
पीठासीन अधिकारियों को दी जाएगी विशेष ट्रेनिंग
निर्वाचन आयोग ने सभी पीठासीन अधिकारियों को विशेष तरीके की ट्रेनिंग देने के आदेश दिए हैं। मंडलायुक्त अनिल कुमार ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान पीठासीन अधिकारियों को गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा।