LokSabha Election 2019: लखनऊ मेल भी करा रही नेताआें का बेड़ा पार, VIP कोटे में बढ़ी डिमांड
कई बड़े नेताओं की मौजूदगी से बढ़ी स्टेशन पर चहल-पहल लखनऊ मेल और एसी एक्सप्रेस के वीआइपी कोटे में बढ़ी डिमांड।
लखनऊ, [निशांत यादव]। संसद तक पहुंचने के लिए कई नेताओं की हसरत लोकसभा के टिकट पाने की होती है। इसके लिए वर्तमान से लेकर पूर्व सांसद और कई नए भावी उम्मीदवारों की दिल्ली दौड़ शुरू हो जाती है। अवध क्षेत्र के इन नेताओं की दिल्ली पहुंचने की नैया वीआइपी ट्रेन लखनऊ मेल ही पार कराती है। यह वही लखनऊ मेल है, जिससे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सहित कई बड़े नेताओं ने अपना दिल्ली तक का सफर तय किया। मंत्रियों, सांसदों जैसे वीआइपी यात्रियों के कारण लखनऊ मेल के एसी फस्र्ट और एसी सेकेंड के टिकट की डिमांड भी इन दिनों बढ़ गई है।
दरअसल, लखनऊ मेल नई दिल्ली जाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण ट्रेन है। जो रात को 10 बजे छूटकर सुबह 6:50 बजे नई दिल्ली पहुंचती है। नई दिल्ली का सफर करने के लिए प्रदेश के सांसद, कैबिनेट मंत्री और विधायक इसे प्राथमिकता देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि रात को सोते हुए वह सफर करते हैं और आंख खुलते ही नई दिल्ली आ जाती है, जबकि नई दिल्ली में दिनभर काम निपटाने के बाद वह इसी ट्रेन से रात को सोते हुए लखनऊ पहुंच जाते हैं। वीआइपी यात्रियों के कारण ट्रेन सही समय पर नई दिल्ली भी पहुंच जाती है।
लखनऊ मेल से मोहनलालगंज, सीतापुर, बहराइच, बाराबंकी, हरदोई सहित आसपास की संसदीय क्षेत्रों के सांसद अक्सर लखनऊ मेल से ही यात्र करते हैं। इस ट्रेन में वीआइपी यात्रियों की इन दिनों चहल-पहल बढ़ गई है। इन दिनों भाजपा और कांग्रेस सहित सभी पार्टियों के टिकट वितरण की प्रक्रिया चल रही है। टिकट पाने की उम्मीद में कई बड़े नेता दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं। ऐसे में एसी फस्र्ट में रिजर्वेशन कराने वाले वीआइपी यात्रियों की संख्या भी बढ़ गई है। लखनऊ मेल की एसी प्रथम श्रेणी में इन दिनों वेटिंग 20 से अधिक चल रही है, जबकि एसी सेकेंड में वेटिंग का आंकड़ा 120 तक हो गया है। इसमें अधिकतर टिकट वीआइपी यात्रियों के एचओआर पर बनाए गए हैं।
इसलिए खास है लखनऊ मेल
लखनऊ मेल के चारबाग से लखनऊ जंक्शन शिफ्ट होने के बाद यहां पर अब सन्नाटा छाया रहता है। लखनऊ मेल से जाने वाले माननीयों की रौनक अब लखनऊ जंक्शन पर दिखायी देती है। इस ट्रेन को जब लखनऊ जंक्शन शिफ्ट किया गया तो इसका प्लेटफार्म नंबर चार रखा गया। इससे वीआइपी यात्रियों को अधिक पैदल चलना पड़ता था। इसे देखते हुए ट्रेन की दो बोगियां हटाकर लखनऊ मेल को प्लेटफार्म छह से चलाया जाने लगा। जहां पर वह अपनी कारों से सीधे बोगियों के सामने तक पहुंच जाते हैं।
वीआइपी कोटा भी अधिक
चूंकि वीआइपी यात्री सबसे अधिक इस ट्रेन से सफर करते हैं, इसलिए उनको सीट मुहैया कराना रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती रहती है। यहीं कारण है कि अन्य ट्रेनों की अपेक्षा लखनऊ मेल में वीआइपी कोटा सबसे अधिक है।