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Exit Poll का रिपोर्ट कार्ड: जानें- कितनी बार फेल और कितनी बार पास हुए सर्वे

Loksabha Election Exit poll 2019 कुछ ही देर में लोकसभा चुनाव के लिए एग्जिट पोल के आंकड़ें सामने आने वाले हैं। जानें- अभी तक कितनी बार पास हुए ये सर्वे...

By Mohit PareekEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 05:34 PM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 05:34 PM (IST)
Exit Poll का रिपोर्ट कार्ड: जानें- कितनी बार फेल और कितनी बार पास हुए सर्वे
Exit Poll का रिपोर्ट कार्ड: जानें- कितनी बार फेल और कितनी बार पास हुए सर्वे

नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मतदान पूरे होने के साथ ही एग्जिट पोल आने का सिलसिला शुरू होने वाला है। कहा जाता है कि एग्जिट पोल से तस्वीर साफ हो जाएगी कि भारत का जनादेश किस तरह है और कौन केंद्र की सत्ता पर विराजमान होने वाला है? कई बार यह एग्जिट पोल साफ तस्वीर दिखा देते हैं तो कई बार गलत साबित हो जाते हैं और वास्तविक रिजल्ट एग्जिट पोल से उलट होते हैं। भारत में 80 के दशक से ही इनकी शुरुआत हो गई थी और हर बार सर्वे के आधार पर एक अंदाजा लगाया जाता है। ऐसे में जानते हैं एग्जिट पोल का रिपोर्ट कार्ड कि आखिर ये कितनी बार फेल हुए और कितनी बार पास...!

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अगर लोकसभा चुनावों की बात करें तो बहुत कम बार ऐसा हुआ है, जब एग्जिट पोल सटीक साबित हुए हैं। पिछले आंकड़ों के अनुसार, जब एग्जिट पोल में किसी पार्टी की सत्ता वापसी की बात कही गई तो वास्तविक जनादेश में उस पार्टी को बाहर जाना पड़ा। वहीं कई बार ऐसा भी हुआ जब एग्जिट पोल ने सत्तारूढ़ पार्टी की हार बताई, लेकिन रिजल्ट आने पर सत्तारूढ़ पार्टी ने दोबारा केंद्र में बहुमत हासिल किया।

2014 में एग्जिट पोल हुए थे पास

पिछले लोकसभा चुनाव में अधिकतर एग्जिट पोल में दावा किया गया था कि एनडीए, 10 साल से सत्तारूढ़ कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने में सफल होगी। हालांकि एक एजेंसी के अलावा किसी ने बीजेपी की इतनी बड़ी जीत का दावा नहीं किया था। उस वक्त एग्जिट पोल में कांग्रेस को करीब 100 सीट मिलने का दावा किया गया था, लेकिन कांग्रेस 44 पर सिमट गई। वहीं बीजेपी को अनुमान से परे 282 और एनडीए को 336 सीटें मिलीं थीं। बता दें एजेंसी ने बीजेपी को 291 और एनडीए को 340 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था।

2009 में फेल हुए थे एग्जिट पोल

साल 2009 के लोकसभा चुनावों में भी सर्वे करवाने वाली एजेंसियों के दावे फेल साबित हुए थे। एग्जिट पोल में बताया जा रहा था कि चुनाव में यूपीए को 199 और एनडीए को 197 सीटें मिल सकती हैं, लेकिन यूपीए ने 262 सीटें हासिल की थीं। वहीं एनडीए 159 सीटों पर सिमटकर रह गई थी। अधिकतर एग्जिट पोल में कहा गया था कि कांग्रेस वापसी नहीं करेगी, लेकिन कांग्रेस ने फिर सरकार बनाई।

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2004 में भी फेल था एग्जिट पोल

साल 2004 में तो सभी एजेंसियों ने 'इंडिया शाइनिंग' का नारा देने वाली एनडीए को दोबारा जनादेश मिलने का अनुमान लगाया था। रिजल्ट के दिन एनडीए 200 का आंकड़ा भी नहीं छू पाई थी। इस बार एग्जिट पोल काफी ज्यादा गलत साबित हुए। इस चुनाव में 222 सीटें हासिल करने वाली यूपीए ने समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सहयोग से सत्ता हासिल की। सभी ने बीजेपी को बहुमत मिलता दिखाया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

वहीं 1999 में एग्जिट पोल में सटीक अंदाजा नहीं लगाया गया और मिलते जुलते आंकड़े सामने आए। इस चुनाव में अटल बिहारी वाली एनडीए को 296 सीटें मिली थीं, जबकि यूपीए को 134 सीटें मिली थीं।

विधानसभा चुनाव का क्या है रिपोर्ट कार्ड?

विधानसभा चुनाव में भी एग्जिट पोल के रिपोर्ट कार्ड में मिला-जुला रिजल्ट सामने आ रहा है। कई बार एग्जिट पोल सही साबित हुए तो कई बार एग्जिट पोल एजेंसियों को निराशा हाथ लगी। बिहार विधानसभा चुनाव 2015, तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2015 में एग्जिट पोल गलत साबित हुए। वहीं असम, केरल, पश्चिम बंगाल में एग्जिट पोल सही साबित हुए। वहीं कई विधानसभा चुनाव में एजेंसियों ने अलग-अलग आंकड़े जारी किए थे, जिसमें कई एजेंसी सही तो कई गलत साबित हुई।

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