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Loksabha Election 2019 : सत्ता का विधाता सिर्फ मतदाता, हो गया भाग्यविधाता

वोटर ही चुनाव का राजा है और लोकतंत्र का नियंता भी। इसलिए इस बार भी चुनाव आयोग ने मतदाताओं की सहूलियत और सुविधाओं के लिए खास इंतजाम भी किए हैैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 01:39 PM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2019 01:39 PM (IST)
Loksabha Election 2019 : सत्ता का विधाता सिर्फ मतदाता, हो गया भाग्यविधाता
Loksabha Election 2019 : सत्ता का विधाता सिर्फ मतदाता, हो गया भाग्यविधाता

लखनऊ [ज्ञानेन्द्र सिंह]। Loksabha Election 2019 देश की दिशा तय करने में आपके योगदान की बारी आ गई है। अगर आप मतदाता हैं तो एक फिर आप पर सत्ता चुनने की जिम्मेदारी आ गई है। रविवार को चुनावी बिगुल बज चुका है। अब यह तो आप पर है कि जातिगत गीत आपको मीठी लोरी लगते हैं या आधारभूत मुद्दों की गूंज आपको सोने नहीं देती। बाहर निकलिए, खुद मुद्दा चुनिए और मतदान कीजिए।

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नए वायदे किए जाएंगे, गिले शिकवे दूर होते नजर आएंंगे। बाहर नेताओं की लंबी लाइनें होंगी, मुद्दों के अलावा कई रिझाने वाली बाते होंगी क्योंकि चुनाव का बिगुल बज गया है और अब पार्टियों की नहीं आपकी परीक्षा का समय है। वोटर ही चुनाव का राजा है और लोकतंत्र का नियंता भी। इसलिए इस बार भी चुनाव आयोग ने मतदाताओं की सहूलियत और सुविधाओं के लिए खास इंतजाम भी किए हैैं।

प्रदेश में सबसे ज्यादा 80 संसदीय सीटें हैैं और सबसे अधिक मतदाता भी। उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के 14 करोड़ 40 लाख मतदाता देश की लोकतांत्रिक तस्वीर तैयार करेंगे। इस प्रदेश ने पहले भी देश में सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। नये मतदाताओं की बड़ी संख्या को देखते हुए इस बार भी यह जिम्मेदारी यहीं की होगी।

आयोग की ओर से भी मतदाता सूची से लेकर मतदान केंद्रों को दुरुस्त करने का कार्य भी फाइनल हो चुका है। ईवीएम, वीवीपैट का मतदाताओं के सामने प्रदर्शन किया चुका है। सुरक्षा और सहायता की तैयारी भी कर ली गई है। अधिसूचना जारी होने के साथ ही आयोग भी सरकार की भूमिका में है। पारदर्शिता पर आयोग का अधिक जोर है इसलिए सभी मतदान केंद्रों पर वीवीपैट रहेगा। हर वोटर जानेगा कि उसने किसे वोट दिया। यह लोकतंत्र के स्वस्थ होने का सुबूत है।

सी-विजिल एप पर आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत

लोकसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों को लेकर मतदाताओं को एक और हथियार मिल गया है। इस तरह की शिकायतें सी-विजिल एप पर शिकायत की जा सकेंगी। इस एप के माध्यम से मतदाताओं को मोबाइल से ही शिकायत दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। आचार संहिता के मामलों के फोटो अथवा दो मिनट तक के वीडियो स्मार्ट फोन में इस एप के माध्यम से अपलोड किए जा सकते हैं। अपलोडिंग के बाद एक यूनिक आइडी प्राप्त होगी। शिकायतकर्ता की इच्छानुसार पहचान को गुप्त रखने की भी व्यवस्था है।

इस बार मतदाताओं के लिए खास

- सभी मतदान केंद्रों पर मतदाता सहायता बूथ

- ज्यादातर मतदान केंद्रों पर प्रतीक्षा कक्ष

- लगभग हर मतदान केंद्र पर रैंप, बिजली-पानी व शौचालय

- सभी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित मतपत्र प्रणाली (ईटीपीबीएस) के तहत कवर किए जाएंगे।

- संसदीय क्षेत्र के हर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम एक मतदान केंद्र पूर्ण रूप से महिलाएं संचालित करेंगी। 


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