Loksabha Election 2019 : आठ क्षेत्रों में भाजपा का टिकट घोषित न होने से बढ़ी बेचैनी
भाजपा ने अभी तक आठ संसदीय क्षेत्रों में उम्मीदवार घोषित नहीं किये हैं। इससे पार्टी नेताओं और टिकट के दावेदारों के साथ ही सहयोगी दलों में भी बेचैनी बढ़ गई है।
लखनऊ, जेएनएन। भाजपा ने अभी तक आठ संसदीय क्षेत्रों में उम्मीदवार घोषित नहीं किये हैं। इससे पार्टी नेताओं और टिकट के दावेदारों के साथ ही सहयोगी दलों में भी बेचैनी बढ़ गई है। उम्मीदवारों के नाम पर सहमति बनने के बावजूद पार्टी उनकी घोषणा क्यों नहीं कर रही है, इसको लेकर रहस्य बना हुआ है।
भाजपा ने अभी तक गोरखपुर, देवरिया, संतकबीरनगर, अंबेडकरनगर, प्रतापगढ़, जौनपुर, घोसी और भदोही में अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सोमवार की रात लखनऊ आए और मंगलवार की सुबह वापस गये। इन दोनों दिनों में आठ सीटों पर उम्मीदवार को लेकर मंथन हुआ। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष से उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा हो गई है और अतिशीघ्र उम्मीदवार घोषित कर दिए जाएंगे। उनके बयान से लगा कि मंगलवार रात तक सूची जारी हो जाएगी लेकिन, बुधवार को भी भाजपा ने पत्ता नहीं खोला।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परंपरागत सीट गोरखपुर और कलराज मिश्र के चुनाव न लडऩे के एलान के बाद देवरिया सीट भी अभी तक खाली है। इन दोनों महत्वपूर्ण सीटों के अलावा संतकबीरनगर को लेकर भी पेंच फंसा है। इस बीच निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) अध्यक्ष संजय निषाद ने कई सीटों पर दावेदारी की है। भाजपा ने निषाद को हरी झंडी तो दी है लेकिन, अभी तक सीटों को लेकर असमंजस बना है। उनके पुत्र गोरखपुर से सपा सांसद प्रवीण निषाद अब भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्हें भाजपा कहां से चुनाव मैदान में उतारेगी, यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। कुछ ऐसी ही स्थिति प्रतापगढ़ में भी है।
अपना दल (एस) ने कुछ मुद्दों पर जब भाजपा पर दबाव बनाया तो प्रतापगढ़ के इसी पार्टी के सांसद कुंवर हरिवंश सिंह ने मोदी और योगी के समर्थन में मोर्चा खोल दिया। इस बीच भाजपा ने अपना दल (एस) को दो सीटें दे दी लेकिन, उसमें प्रतापगढ़ नहीं है। अब कुंवर हरिवंश सिंह के अलावा प्रतापगढ़ में भाजपा के टिकट के कई और दावेदार हो गये हैं। पिछले दो वर्षों से भाजपा सरकार पर हमलावर सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर को सीट दिए जाने पर कोई फैसला नहीं हो सका है। राजभर भाजपा सरकार के खिलाफ विपक्षी नेताओं से ज्यादा हमला करते रहे हैं तो अब भाजपा उनसे दूरी बना रही है। इन क्षेत्रों में जो भाजपा के सांसद हैं, अब तक उनकी उम्मीदवारी तय न होने से सांस अटकी है। कई सांसदों के टिकट पर तलवार भी लटकी है।