पूनम सिन्हा ने ली समाजवादी पार्टी की सदस्यता, राजनाथ सिंह के खिलाफ लखनऊ से लड़ेंगी चुनाव
पूनम सिन्हा के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद अब लखनऊ से उनके गठबंधन का उम्मीदवार घोषित करने की सिर्फ औपचारिकता ही बची है।
लखनऊ, जेएनएन। बॉलीवुड में शॉटगन के नाम से मशहूर भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा भी राजनीति में सक्रिय हो गई हैं। लखनऊ में आज पूनम सिन्हा से समाजवादी पार्टी की सांसद डिम्पल यादव की उपस्थिति में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली। उनको लखनऊ से गठबंधन का उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। लखनऊ में पांचवें चरण के दौरान 6 मई को मतदान होना है। नामांकन की आखिरी तारीख 18 अप्रैल है। माना जा रहा है कि यहां से कांग्रेस कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारेगा।
पूनम सिन्हा के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद अब लखनऊ से उनके गठबंधन का उम्मीदवार घोषित करने की सिर्फ औपचारिकता ही बची है। समाजवादी पार्टी के नेता तथा पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा ने बताया कि पूनम सिन्हा लखनऊ से सपा-बसपा-रालोद की उम्मीदवार होंगी। हम कांग्रेस से अपील कर रहे हैं कि यहां से किसी को मैदान में न उतारें। महागठबंधन मिलकर भाजपा से मुकाबला करेगा। लखनऊ में राजनाथ सिंह के आज नामांकन के बाद गठबंधन ने पूनम सिन्हा के रूप में अपना दांव खेल दिया है। यह तय है लखनऊ से कांग्रेस अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। पूनम सिन्हा को टिकट मिलना कोई संयोग नहीं है।शत्रुघ्न सिन्हा ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के दौरान उन्होंने पूनम के लिए लोकसभा सीट का टिकट मांगा था। समाजवादी पार्टी चाहती थी कि पहले शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस में शामिल हो जाएं, ताकि लखनऊ सीट से विपक्ष का एक साझा उम्मीदवार मैदान में हो।
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भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा लखनऊ में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी। पूनम सिन्हा समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर भाजपा के सांसद राजनाथ सिंह को चुनौती देंगी। कांग्रेस ने सपा-बसपा की उम्मीदवार पूनम सिन्हा की उम्मीदवारी का समर्थन करने का फैसला किया है। कांग्रेस की ओर से अपना उम्मीदवार खड़ा न करने की सूरत में इस सीट पर चुनावी मुकाबला राजनाथ और पूनम सिन्हा के बीच होगा।
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भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब से भाजपा के रविशंकर प्रसाद के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर ताल ठोंक रहे हैं। उनकी पत्नी पूनम सिन्हा के राजनीति में सक्रिय होने से अब राजनीतिक दलों को लाभ मिलेगा। शत्रुघ्न सिन्हा पहले 28 मार्च को ही कांग्रेस में शामिल होने वाले थे। वह आठ अप्रैल को शामिल हुए तभी से संभावना थी कि पूनम सिन्हा भी राजनीति में सक्रिय हो सकती हैं।
कांग्रेस के जितिन प्रसाद चुनाव पहले लखनऊ सीट से लडऩे के इच्छुक थे लेकिन उनके धौरहरा सीट से खड़ा होने पर पूनम सिन्हा का दावा मजबूत हो गया है। कांग्रेस ने सपा-बसपा गठबंधन के लिए सात सीटें छोडऩे की बात कही है, लखनऊ सीट उनमें से एक होगी। विपक्ष लखनऊ सीट पर राजनाथ सिंह को कड़ी चुनौती देना चाहता है। इसलिए वह संयुक्त रूप से उम्मीदवार उतारकर राजनाथ सिंह को घेरना चाहता है। सपा ने इस सीट पर अपना गुणा-भाग कर लिया है।
सपा के एक नेता ने कहा कि लखनऊ में 3.5 लाख मुस्लिम वोटर्स के अलावा चार लाख कायस्थ वोट और 1.3 लाख सिंधी मतदाता हैं। पूनम सिन्हा सिंधी परिवार से आती हैं जबकि शत्रुघ्न सिन्हा कायस्थ हैं। इससे तो पूनम सिन्हा की उम्मीदवारी को मजबूती मिलेगी। 2014 के चुनाव में राजनाथ सिंह को लखनऊ सीट पर 5,61,106 वोट (54.23%) और दूसरे स्थान पर कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी को 2, 88,357 वोट (27.87%) मिले थे।
पूनम को नहीं मिला कांग्रेस का साथ
पूनम सिन्हा के समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही वह सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन की लखनऊ से उम्मीदवार होंगी और 18 अप्रैल को नामांकन करेंगी। इसके बाद चर्चा शुरू हो गई कि कांग्रेस सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी का साथ देगी लेकिन, शाम को कांग्रेस ने इससे किनारा कर लिया। इसके कुछ घंटे बाद ही कांग्रेस ने बड़ा दांव खेलते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम को लखनऊ से चुनाव लड़ाने का फैसला किया है।इसके साथ अब लखनऊ की जंग की रोचक हो गई है। आचार्य प्रमोद कृष्णम भी बेहद लोकप्रिय हैं। उन्हें समाज के सभी वर्गों के लोग खूब पसंद करते हैं।
HM Rajnath Singh on Poonam Sinha to contest against him from Lucknow as SP-BSP-RLD candidate: Yes somebody must contest, that is the beauty of democracy. We will fight elections with full dignity, tehzeeb jo Lucknow ki bohot badi dharohar hai usko bhi hum kayam rakhenge. pic.twitter.com/rtFHtIxuqi— ANI UP (@ANINewsUP) April 16, 2019
लखनऊ से गठबंधन की संभावित उम्मीदवार पूनम सिन्हा के मैदान में उतरने पर भाजपा के प्रत्याशी राजनाथ सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी को तो चुनाव लड़ना ही चाहिए, यही लोकतंत्र की सुंदरता है। हम पूरी तन्मयता और मर्यादा के साथ चुनाव लड़ेंगे। लखनऊ की बहुत बड़ी धरोहर तहजीब है, उसको भी हम कायम रखेंगे।
पहले भी कांग्रेस-सपा बाहर से ला चुकी है उम्मीदवार
एक बार फिर से सपा और कांग्रेस की तरफ से बाहरी उम्मीदवार लाया गया है। अब राजनाथ सिंह के खिलाफ सपा ने फिल्म अभिनेता शत्रुघन सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को तो कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को लखनऊ संसदीय सीट से मैदान में उतारा है। यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कांग्रेस व सपा अन्य राज्यों से जुड़े लोगों को उम्मीदवार बना चुकी है लेकिन कोई भी जीत नहीं पाया।
समाजवादी पार्टी ने 1996 में फिल्म अभिनेता राजबब्बर को भाजपा उम्मीदवार अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ मैदान में उतारा था। 1998 में फिल्मकार मुज्जफर अली को अटल बिहारी के खिलाफ लाया गया था लेकिन वह भी हार गए थे। 2009 में सपा ने फिल्म अभिनेत्री नफीसा अली को भाजपा उम्मीदवार लालजी टंडन के खिलाफ मैदान में उतारा था और चौथे नंबर पर रहीं थी। इससे पहले कांग्रेस ने 1999 के चुनाव में कश्मीर के शाही परिवार के डॉ.कर्ण सिंह को अटल बिहारी के खिलाफ मैदान में उतारा था और वह भी हार गए थे। हालांकि वर्ष 2014 में आम आदमी पार्टी ने फिल्म अभिनेता जावेद जाफरी और वर्ष 2004 में निर्दल उम्मीदवार के रूप में जाने-माने वकील राम जेठमलानी को मैदान में उतरा था।