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चुनाव में दिख रही है डिजिटल इंडिया की धूम, उम्मीदवार, वोटर और चुनाव आयोग सभी डिजिटल रंग में रंगे

देश में हो रहे लोकसभा के चुनाव में इस बार डिजिटल इंडिया की धूम बखूबी देखने को मिल रही है। प्रत्याशी हो या वोटर सभी पूरी तरह इसी रंग में रंगे नजर आ रहे है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 08:05 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 08:05 PM (IST)
चुनाव में दिख रही है डिजिटल इंडिया की धूम, उम्मीदवार, वोटर और चुनाव आयोग सभी डिजिटल रंग में रंगे
चुनाव में दिख रही है डिजिटल इंडिया की धूम, उम्मीदवार, वोटर और चुनाव आयोग सभी डिजिटल रंग में रंगे

नई दिल्ली, शिवांग माथुर। देश में हो रहे लोकसभा के चुनाव में इस बार डिजिटल इंडिया की धूम बखूबी देखने को मिल रही है। प्रत्याशी हो या वोटर सभी पूरी तरह इसी रंग में रंगे नजर आ रहे है। चुनाव में मतदाताओं को मतदान की पूरी जानकारी उनके मोबाइल फोन पर ही उपलब्ध है। प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार के लिए सोशल मीडिया को साधने का काम किया है, तो चुनाव आयोग ने भी मतदाताओं को कई प्रकार की एप से लैेस कर हाईटैक बना दिया है।

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पहले और दूसरे चरण के बाद जो आंकड़ा सामने आया है वो चौकाने वाला है। फरवरी के बाद बीते दो महीनों में चुनाव आयोग ने फंट्रियर कटिंग एज टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर एक करोड़ 16 लाख 63 हजार 506 मतदाता को चुनावी प्रक्रिया में भागीदार बनाया है। इसके बाद देश भर में मतदाताओं का कुल आंकड़ा नब्बे करोड़ 94 लाख पार हो गया हैं।

इसके अलावा आयोग ने देश में 62.09 लाख दिव्यांग वोटरों को चिन्हित किया, जिसमें लगभग 50 फीसद लोगो ने 1950 पर फोन कर और वोटर हेल्प लाइन एप का इस्तेमाल कर अपनी जरूरतों से आयोग को अवगत कराया और इसके चलते मतदान के वक्त आयोग ऐसे वोटरों की मदद के लिए तत्पर दिखा।

वहीं दूर दराज वाले सर्विस वोटरों की बात की जाए तो उन सभी के पंजीकरण के लिए जो सर्विस ऑनलाइन वोटर पोर्टल बनाया गया उसपर 18 लाख वोटर का नामांकन हुआ जो अब तक का सबसे ज्यादा हैं। चुनाव के चार चरणों तक का इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट इन्हें भेजा जा चुका हैं।

चुनाव आयोग ने आम मतदाता के लिए चुनाव के बीच ही वोटर टर्न आउट एप लांच किया, अब इस से मतदाता उनके संसदीय और विधानसभा क्षेत्र का पोलिंग प्रतिशत जान सकते हैं। मतदाताओं को बस इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करना है। पुरुष, महिला, थर्ड जेंडर तीनों का वोटिंग प्रतिशत का आंकडा इस पर उपलब्ध है।

आयोग ने बताया कि चुनाव में आदर्श आचार सहिंता के उल्लघंन को लेकर बनाए गए पोर्टल पर 379 मामले हैं। जिनकी तेजी से सुनवाई हो रही है। इस चुनाव में आम मतदाता के हाथ में चुनाव आयोग ने बड़ी शक्ति दी है। वे अपने मोबाइल से किसी तरह की गड़बड़ी पर नजर रखे सकते है। सी विजिल एप इसके लिए काम कर रहा है। सी विजिल पर अब तक एक लाख एक हजार 448 शिकायत आई हैं। देश भर से हर दिन लगभग 2818 शिकायत आ रही हैं। इनमें 76 प्रतिशत ( 77 398 मामले सही पाए गए) जिसपर आयोग कारवाही कर रहा हैं।

आम मतदाताओं को एक कॉल पर मतदाता सूची में उनका नाम कितने नंबर है, उनका बूथ कहां है, इसकी पूरी जानकारी मिल रही है। इसकेलिए चुनाव आयोग ने टोल फ्री नंबर 1950 जारी किया है। आयोग के अनुसार पहली बार है जब इलेक्टोरल सर्च में वोटर अपना नाम बड़ी संख्या में खोज रहे हैं। मोबाइल एप पर अब तक 2 करोड़ 43 लाख लोगो ने अपना नाम वोटर लिस्ट में वेरीफाई किया हैं। इस एप्प से 4 लाख 70 हजार वोटर ने अपना फॉर्म जमा कराया हैं। नए वोटर इस माध्यम से ज्यादा जुड़े हैं।

वोटर हेल्प लाइन मोबाइल एप का भी मतदाता को बहुत फायदा पहंुचा है, इस एप्प से मतदाता वोट डालने से पहले इवीएम में उम्मीदवार का क्रम जान सकता हैं। इस से पहले यह जानकारी पोलिंग स्टेशन के बाहर जाने पर ही पता चल पाती थी। बात अगर समाधान एप्प की हो तो इसमें देश भर से 12 लाख शिकायत, सुझाव आए हैं जिसमे 99 प्रतिशत का समाधान हुआ हैं।

ये और बात है कि तकनीक के साथ उसके नकारात्मक पहलू भी जन्म लेते है, जिन पर आयोग की पैनी नजर है। आंकड़ा बताता है कि आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन करने वाले तकरीबन 40 ट्वीट और 2 अकांउट को इंटरनेट से हटाया है। फेसबुक पर भी 500 से उपर मामलों में कारवाई की गई है। बावजूद इसके जिस तरह का उत्साह इस चुनाव में डिजिटल इंडिया का है, यह अपने आप में बेहद रोचक है।


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