CM योगी आदित्यनाथ ने कहा- चुनाव प्रचार के मंच से भजन गाना संभव नहीं, देंगे आयोग को जवाब
निर्वाचन आयोग से एक बार प्रतिबंध झेल चुके योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोई भी चुनावी मंच विरोधियों पर निशाना साधने के लिए ही होता है। अब हम विरोधी पर हमला कैसे बोलेंगे।
लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निर्वाचन आयोग से 72 घंटा का प्रतिबंध झेलने के बाद भी अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में सब-कुछ झोंक देते हैं। उनका साफ मानना है कि चुनाव के मंच से पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में हमको जनता को संबोधित करना होता है। विपक्षी जब बेवजह हमला करेंगे तो हमारा भी मंच से भजन गाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकसभा चुनाव 2019 में प्रचार के दौरान अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। उत्तर प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों में भी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने वाले योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगा था। इसके बाद अब चुनाव आयोग ने उनको 'बाबर की औलाद' कहने पर नोटिस जारी किया है। निर्वाचन आयोग से एक बार प्रतिबंध झेल चुके योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोई भी चुनावी मंच विरोधियों पर निशाना साधने के लिए ही होता है। अब हम विरोधी पर हमला कैसे बोलेंगे। हमारे प्रत्याशी के बारे में भी काफी बुरा कहा जाता है, ऐसे में हम चुनावी जनसभा के मंच से दूसरे के लिए भजन तो गाने से रहे। हमको भी हमला बोलना है। मंच दूसरों को उखाड़ देने और अपने विरोधियों को घेरने के लिए होता है। जब हम प्रचार करने मंच पर जाते हैं तो हमारा प्रयास दूसरे को उखाडऩे का ही होता है। हमारा काम विरोधियों की कमियों को उजागर करना और उन्हें जनता के सामने रखना है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर गठबंधन के समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के प्रत्याशी व नेता हमें चुनाव के दौरान गाली दें, तो हम बुरा नहीं मानेंगे। हमको लेकर उनको भी बुरा नही मानना चाहिए।
संभल में एक जनसभा के दौरान योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को 'बाबर की औलाद' बताया था। जिस पर चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा और 24 घंटे में जवाब देने को कहा है। इससे पहले चुनाव आयोग योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे के लिए प्रचार पर बैन लगा चुका है। योगी ने अपने एक भाषण में मुस्लिम लीग के झंडों को वायरस बताया था, तो वहीं उन्होंने भारतीय सेना को मोदी जी की सेना कहकर संबोधित किया था।
आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाली बयानबाजियों के खिलाफ चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपनाए है। उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी ने चुनाव आयोग को 20 अप्रैल को रिपोर्ट दी थी, जिसमें योगी आदित्यनाथ के भाषण की वीडियो क्लिप भेजी गई थी। योगी आदित्यनाथ ने संभल में चुनावी सभा के दौरान कहा था कि कांग्रेस की सरकार में डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, उन्होंने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। कांग्रेस कौन-सी राजनीति कर रही है। योगी ने कहा था कि एक बार संसद में बैठा था तो संयोग से संभल से जो वर्तमान प्रत्याशी हैं, मैने इनसे पूछा कि भाई तुम्हारे पूर्वज कहां से हैं, तो ये सज्जन बोल पड़े कि हम बाबर की औलाद हैं। क्या आप लोग बाबर की औलाद कहने वालों और बजरंगबली के विरोधियों के हाथ में देश की बागडोर सौपेंगे। इससे पहले 15 अप्रैल को चुनाव आयोग ने विवादित बयान देने पर मुख्यमंत्री योगी पर 72 घंटे की पाबंदी लगा दी थी। इस दौरान उन पर चुनावी सभा करने या मीडिया से बात करने पर भी रोक थी। इससे पहले पांच अप्रैल को भी आयोग ने सीएम योगी को उनके 'मोदीजी की सेना' टिप्पणी को लेकर भी एतराज जताया था।हालांकि, उनके खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया था।
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