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Loksabha Election 2019 : सीएम योगी आदित्यनाथ ने 163 रैलियों से दी भाजपा के प्रचार अभियान को धार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी पार्टी के प्रत्याशियों का जमकर प्रचार किया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 02:17 PM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 02:47 PM (IST)
Loksabha Election 2019 : सीएम योगी आदित्यनाथ ने 163 रैलियों से दी भाजपा के प्रचार अभियान को धार
Loksabha Election 2019 : सीएम योगी आदित्यनाथ ने 163 रैलियों से दी भाजपा के प्रचार अभियान को धार

लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के स्टार प्रचारक में शुमार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी पार्टी के प्रत्याशियों का जमकर प्रचार किया। दक्षिण से लेकर पूर्वी व उत्तरी भारत में उन्होंने भाजपा विजय संकल्प रैली को संबोधित किया। पश्चिम बंगाल में तो तमाम विषम परिस्थितियों के बाद भी उन्होंने काफी चुनावी सभा करने के साथ ही सीएम ममता बनर्जी को चुनौती दी।

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17वें लोकसभा चुनाव के नतीजे तो 23 मई को आएंगे लेकिन, भाजपा ने चुनाव प्रचार में ही विपक्ष को पीछे छोडऩे में पूरी ताकत लगा दी। खासकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा डॉ. दिनेश शर्मा ने प्रदेश और बाहर के राज्यों में धुआंधार प्रचार किया। सीएम योगी आदित्यनाथ की मांग तो बाहर के राज्यों में भी खूब रही और इन रैलियों से योगी ने भाजपा को धार दी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने आक्रामक तेवर से जनता के बीच जादू चलाते रहे। इस बीच उन पर चुनाव आयोग ने 72 घंटे का प्रतिबंध भी लगाया लेकिन, उसके बाद उनकी मांग और बढ़ गई। प्रवक्ता के मुताबिक योगी ने कुल 163 रैलियों और सभाओं को संबोधित किया। इनमें 37 रैलियां बाहर के राज्यों में रहीं। देश के अधिकांश राज्यों में योगी का दौरा हुआ और उन्होंने चुनावी अभियान को गति दी। योगी की सभाओं में भीड़ उमड़ी। योगी इन रैलियों के अलावा कई क्षेत्रों में रोड शो भी किये। बैठकों और अन्य कार्यक्रमों के जरिये भी उन्होंने माहौल बनाया।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने करीब 110 रैलियां की। केशव उप्र में सपा-बसपा पर खूब आक्रामक रहे। 2017 में सरकार बनने से पहले वह बतौर प्रदेश अध्यक्ष पूरे उत्तर प्रदेश को मथ चुके थे इसलिए कार्यकर्ताओं से उनका जुड़ाव कुछ ज्यादा ही रहा। केशव की भी मांग खूब रही। वह मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, कर्नाटक, असम, राजस्थान आदि राज्यों में दो दर्जन से ज्यादा रैलियों को संबोधित किए। बिहार में एनडीए से उपेंद्र कुशवाहा के अलग होने के बाद वहां भरपाई के लिए केशव प्रसाद ही सबसे कारगर साबित हुए। उप्र में केशव ने करीब 85 रैलियों और सभाओं को संबोधित किया।

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने उत्तर प्रदेश और बाहर के राज्यों में जनसभाओं के जरिये भाजपा को मजबूती दी। शर्मा की उत्तर प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों में भी सक्रियता बनी रही। उप्र और अन्य राज्यों मिलाकर डॉ. दिनेश शर्मा ने 17 मार्च से 16 मई के बीच कुल 84 रैलियों को संबोधित किया। डॉ. शर्मा ने उप्र से बाहर दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, उड़ीसा, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल मिलाकर 19 सभाओं को संबोधित किए जबकि उत्तर प्रदेश के विभिन्न चुनाव क्षेत्रों में 65 सभाओं को संबोधित किया। उन्होंने कुल 37 पत्रकार वार्ता को भी संबोधित किया। डॉ. दिनेश शर्मा भाजपा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और गुजरात के प्रभारी रह चुके हैं। इसी कारण संगठन का उन्हें भी तजुर्बा है। इस वजह से उनकी भी खूब मांग रही। 

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