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Loksabha Election 2019 : रामपुर में जनसभा में फूट-फूटकर रोने लगे Azam Khan, मुझे नहीं लड़ना चुनाव

समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय महासचिव और रामपुर से गठबंधन प्रत्याशी आजम खान कल रात दढिय़ाल में जनसभा में फूट फूट कर रो पड़े। उन्होंने लोगों से कहा- मुझे मार दो मुझे नहीं लडऩा चुनाव।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 10:11 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 11:10 AM (IST)
Loksabha Election 2019  : रामपुर में जनसभा में फूट-फूटकर रोने लगे Azam Khan, मुझे नहीं लड़ना चुनाव
Loksabha Election 2019 : रामपुर में जनसभा में फूट-फूटकर रोने लगे Azam Khan, मुझे नहीं लड़ना चुनाव

रामपुर, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के फायरब्रांड नेता और चुनाव आयोग से प्रतिबंध झेलने वाले आजम खान कल रात बिल्कुल जुदा थे। समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय महासचिव और रामपुर से गठबंधन प्रत्याशी आजम खान कल रात दढिय़ाल में हुई जनसभा में फूट फूट कर रो पड़े। उन्होंने जनसभा में लोगों से कहा- मुझे मार दो, मुझे नहीं लडऩा चुनाव।

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उन्होंने कहा कि मैं मुरादाबाद से लौटा ही था कि पता लगा कि रामपुर में जिला प्रशासन ने दहशत फैला रखी है। मेरा झंडा लगाने वालों के घर पर छापे मार दिए। मेरे चाहने वालों को सताया जा रहा है। लोगों के घरों के दरवाजे तोड़ दिए गए। उनके घरों की औरतों को बेइज्जत किया गया। उनके सामान लूटे गए। यह कैसा इंसाफ है? यहां दौलत वाला बाहर से आकर हम गरीबों को कैसे सता रहा है। आप लोग जाकर देखो रामपुर शहर छावनी बना हुआ है। गरीबों के घरों के दरवाजे तोड़ जा रहे हैं।

आजम खान ने कहा कि मैं सरकार से और उसके प्रशासन से कहना चाहता हूं कि मेरे घर के दरवाजे तोड़ दो, मुझे गोली मारो, मुझे मार दो ताकि चुनाव से पहले ही ये किस्सा खत्म हो जाए। मेरा जीना जमीन के लिए बोझ बन गया है। मुझे मार कर खत्म कर दो, मुझे नहीं लडऩा चुनाव। उन्होंने कहा, मैं जुल्म से नहीं घबराऊगा, लेकिन कमजोरों के साथ जुल्म करोगे तो मुझसे बर्दाश्त नहीं होगा। यह कहते हुए आजम रोने लगे और बोले मैं पूरे रास्ते रोता हुआ आया हूं। मैं क्या कर सकता हूं। बस यही मेरा गुनाह है कि मैंने आपके बच्चों की किस्मत संभालने की कोशिश की। आपके बच्चों के लिए यूनिवर्सिटी बना दी।

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निर्वाचन आयोग ने विवादित बयान देने के मामले में आजम खान पर 72 घंटे की पाबंदी लगा दी थी। पाबंदी हटने के बाद वह कल सबसे पहले मुरादाबाद के जामा मस्जिद पार्क में गठबंधन प्रत्याशी डॉ.एसटी हसन की जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। उनका अंदाज बदला-बदला था। निशाने पर उन्होंने सबको लिया, लेकिन इशारों में।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने हमारे बच्चों को झाड़ पकड़ाई थी, हम बच्चों को कलम पकड़ाना चाहते हैं। भाषण में उनका दर्द भी छलक पड़ा। शुरुआत रामपुर में उर्दू गेट तोड़े जाने के मुद्दे से की। उन्होंने कहा कि गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए जौहर विश्वविद्यालय का निर्माण कराया था। उसकी दीवारों को गिराया जा रहा है। बच्चों को प्रताडि़त करने के साथ ही वहां के पानी की सप्लाई को रोक दिया गया।

दुश्मन एकजुट होकर खड़ा हो गया है, आप सोच नहीं सकते उनकी तैयारी क्या है। बिरादरी के नाम पर वोट को बंटने न दें, सभी एकजुट होकर गठबंधन के पक्ष में वोट करें। आस्तीन के सांप और गद्दारों को पहचानने की जरूरत है। आज देश का माहौल देखें, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक क्या हाल है। अगर इस बार चूक गए तो हो सकता है अगली बार बटन दबाने का मौका ही न मिले। देश में दो विचारधाराओं का दौर चल रहा है, जिसमें एक वह है, जिसमें बापू के नजरिए को अपनाया जा रहा है। वहीं दूसरी विचारधारा में बापू के मारने वाले लोगों के नजरिए को अपनाया जा रहा है।

मुरादाबाद में हुए 1980 के दंगे की याद दिलाते हुए कहा कि हमें ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है, लेकिन याद रखना मेरठ, मलिहाबाद व भिवंडी में क्या हुआ था। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि बीते दो दिन में चैनलों की बातें सुनकर मैं पत्थर हो गया हूं, अगर पत्थर न होता तो फट जाता।  

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समर्थक से मिलने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे जेल आजम 

आजम खान जुमे की नमाज पढ़ने के बाद जिला जेल में बंद अपने एक युवा समर्थक से मुलाकात करने के लिए पहुंच गए। इस दौरान उनके साथ अजहर खां और शानू खां भी रहे। शानू ने बताया कि जेल में बंद युवक का नाम सहाब है जो खजान खां का कुआं मुहल्ले का रहने वाला है।

पुलिस ने दो दिन पहले उसे मारपीट कर जेल भेज दिया। उसका कहना है कि मुहल्ले में भाजपा प्रत्याशी जया प्रदा की जनसभा हो रही थी। कुछ लोग इसका विरोध करने लगे। वह भी वहां खड़ा देख रहा था। इसी दौरान पुलिस आई और उसे पकड़ कर ले गई। मारपीट कर उसे जेल भेज दिया।

मीडिया से बनाई दूरी, जनसभाओं में भाजपा रही निशाने पर

सपा के कद्दावर नेता आजम खान अपने विवादित बयानों से मीडिया में सुर्खियों में बने रहते हैं, लेकिन अब वह मीडिया से दूरी बनाए हैं और किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं। शुक्रवार को जब वह मस्जिद से नमाज पढ़ कर बाहर निकले तो मीडिया कर्मियों ने उनसे सवाल पूछा कि चुनाव आयोग की पाबंदी हट गई है। इस बारे में आप क्या कहेंगे? सवाल सुनकर मुस्कुराए और कुछ न बोलने का इशारा करते हुए आगे बढ़ गए। दोपहर बाद वह मुरादाबाद के लिए रवाना हो गए। लौटने के बाद आजम खान ने स्वार और दढ़ियाल में जनसभाएं की। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा।

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