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शिवपाल से अपनी रार का कारण बनने वाले अफजाल के पक्ष में आज जनसभा करेंगे अखिलेश यादव

गाजीपुर में बीते कई दिनों से चर्चा थी कि अखिलेश यादव अफजाल अंसारी के लिए प्रचार नहीं करेंगे। सपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी कंफ्यूज थे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 01:36 PM (IST)Updated: Mon, 13 May 2019 02:17 PM (IST)
शिवपाल से अपनी रार का कारण बनने वाले अफजाल के पक्ष में आज जनसभा करेंगे अखिलेश यादव
शिवपाल से अपनी रार का कारण बनने वाले अफजाल के पक्ष में आज जनसभा करेंगे अखिलेश यादव

गाजीपुर, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में कई पड़ाव देखने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आज गाजीपुर में गठबंधन के प्रत्याशी अफजाल अंसारी के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। यह वही अफजाल अंसारी हैं जिनके कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय को लेकर अखिलेश यादव तथा शिवपाल सिंह यादव के बीच खटास बढ़ती ही चली गई। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव व बसपा की अध्यक्ष मायावती की दोपहर आरटीआइ मैदान में जनसभा है।

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गाजीपुर में सातवें यानी अंतिम चरण में केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा भाजपा के प्रत्याशी हैं। उनके समर्थन में 11 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां उनके समर्थन में रैली कर चुके हैं। कांग्रेस ने यहां से अजीत कुशवाहा को मैदान में उतारा है। यहां पर 19 मई को मतदान होना है। आज यहां मायावती के साथ अखिलेश यादव अफजाल अंसारी के पक्ष में सभा करेंगे। अफजाल पांच बार विधायक और एक बार सांसद रहे हैं।

गाजीपुर में बीते कई दिनों से चर्चा थी कि अखिलेश यादव, अफजाल अंसारी के लिए प्रचार नहीं करेंगे। सपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी कंफ्यूज थे। आज सिर्फ मायावती को ही सभा को संबोधित करना था। यहां अखिलेश यादव के आने का कोई कार्यक्रम पहले से तय नहीं था। सपा कार्यकर्ताओं के कंफ्यूजन को दूर करने के लिए अब अखिलेश यादव खुद मैदान में उतरेंगे। सपा जिलाध्यक्ष नन्हकू सिंह यादव की माने तो पहले यहां बीएसपी अध्यक्ष मायावती की रैली होनी थी, लेकिन अब हमारे अध्यक्ष अखिलेश यादव भी आएंगे।

ऑल इस फेयर पॉलिटिक्स यानी सियासत में दोस्त कभी भी दुश्मन तो दुश्मन कभी दोस्त भी बन जाते हैं। प्रदेश की राजनीति में कुछ ऐसा ही हो रहा है। बसपा प्रमुख मायावती के साथ सारे गिले शिकवे भुलाने के बाद आज समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी के लिए प्रचार करेंगे। वहीं बाहुबली मुख्तार अंसारी, जिसके सपा में आने पर अखिलेश भड़क गए थे और चाचा शिवपाल यादव से ठन गई थी। अखिलेश के विरोध के कारण मुख्तार की पार्टी कौमी एकता दल का सपा में विलय रद हो गया था।

शिवपाल सिंह यादव 2016 में कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय कर विधानसभा चुनाव में उतरने का मन बना चुके ïथे, लेकिन अखिलेश यादव से मना कर दिया। मुख्यमंत्री रहते अखिलेश यादव जून 2016 अफजाल अंसारी और उनकी कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय पर मुलायम और शिवपाल के खिलाफ खड़े हो गए थे। बदली सियासी जरूरतों के मद्देनजर आज अखिलेश यादव अफजाल अंसारी को जिताने के लिए लोगों से अपील करते नजर आएंगे।

गठबंधन ने गाजीपुर से बसपा नेता तथा पूर्व सांसद अफजाल अंसारी को मैदान में उतारा है। अफजाल बसपा के विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई है। आज अखिलेश यादव के साथ बसपा मुखिया मायावती अफजाल अंसारी के लिए गाजीपुर में चुनावी सभा करेंगे। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती गाजीपुर में साझा रैली करेंगे। दोनों नेता यहां अफजाल अंसारी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। बसपा ने गाजीपुर से बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को उम्मीदवार बनाया है।

शिवपाल यादव ने 2016 में मुलायम सिंह यादव की सहमति से मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय का ऐलान किया था। इस ऐलान से तत्कालीन मुख्यमंत्री और एसपी प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव खफा हो गए थे। अखिलेश ने इसका खुलकर विरोध किया और इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाने वाले मंत्री बलराम यादव को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया गया था। अंसारी बंधुओं की एसपी में इंट्री समाजवादी कुनबे में हुए संग्राम की नींव थी। मुलायम सिंह के दखल के बाद समाजवादी पार्टी के संसदीय बोर्ड ने अंसारी की पार्टी के विलय के प्रस्ताव को रद कर दिया। बलराम यादव की दोबारा मंत्रिमंडल में वापसी हुई। इसके थोड़े दिन बाद ही अंसारी बंधुओं को लेकर अखिलेश यादव और शिवपाल में फिर ठन गई।

दिसंबर में फिर मुलायम की सहमति पर शिवपाल ने न केवल कौमी एकता दल का एसपी में विलय कराया बल्कि अंसारी बंधुओं को टिकट देने का भी ऐलान कर दिया। इसके बाद अखिलेश यादव के हाथों में पार्टी की कमान आते ही कौमी एकता दल के विलय को रद कर दिया गया। इसके साथ ही अंसारी बंधुओं की प्रस्तावित सीटों से दूसरे उम्मीदवार घोषित कर दिए। उधर अखिलेश के इस फैसले नाराज मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी ने कहा था कि अपनी ब्रांडिंग के लिए हमारा अपमान करने वाले अखिलेश ने समाजवादी पार्टी को हाइजैक कर लिया है। पूर्वांचल में हमारी पार्टी सपा को उसकी औकात दिखा देगी। इसके बाद अंसारी बंधुओं ने अपनी पार्टी कौमी एकता दल का विलय बसपा में कर दिया था।

कौमी एकता दल का बसपा में विलय

अखिलेश के इस फैसले नाराज मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी ने कहा था कि अपनी ब्रांडिंग के लिए हमारा अपमान करने वाले अखिलेश ने समाजवादी पार्टी को को हाइजैक कर लिया है। पूर्वांचल में हमारी पार्टी सपा को उसकी औकात दिखा देगी। इसके बाद अंसारी बंधुओं ने अपनी पार्टी कौमी एकता दल का विलय बसपा में कर दिया था। 2017 का विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर अंसारी बंधु लड़े थे। केवल मऊ सदर से मुख्तार अंसारी जीतने में कामयाब हुए थे।

यादव व दलित वोटर की-फैक्टर

गाजीपुर में यादव और दलित वोटर बड़ी तादाद में हैं। यहां यादव 3.75 से 4 लाख, दलित 3.50 से 4 लाख, बिंद 1.50 से 1.75 लाख, ब्राह्मण 80 हजार से 1 लाख, कुशवाहा 1.50 से 1.75 लाख, राजभर 75 हजार से 1 लाख, अन्य ओबीसी 3 लाख, मुस्लिम 1.50 से 1.75 लाख, भूमिहार 50 हजार से अधिक, क्षत्रिय 1.75 से 2 लाख, वैश्य 90 हजार से 1 लाख, अन्य सवर्ण जातियां 50 हजार के आसपास हैं। अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश में 13 सीटों पर मतदान होना है। इसमें वाराणसी भी शामिल है।  

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