Loksabha Election 2019 : Priyanka Gandhi नहीं लड़ेंगी वाराणसी से चुनाव, PM Modi को अजय राय देंगे चुनौती
वाराणसी से कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ अजय राय को प्रत्याशी घोषित किया है। अजय राय 2014 में भी कांग्रेस के प्रत्याशी थे और तीसरे स्थान पर थे।
लखनऊ, जेएनएन। वाराणसी से प्रियंका गांधी के नामांकन का दावा खारिज हो गया है। कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ अजय राय को प्रत्याशी घोषित किया है। कांग्रेस ने गोरखपुर सीट से मधुसूदन तिवारी को टिकट दिया है। वाराणसी में सातवें चरण में 19 मई को वोटिंग होना है। यहां नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 अप्रैल है।
वाराणसी सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार पर जारी संशय खत्म हो गया है। इस हाई-प्रोफाइल सीट पर पीएम मोदी का मुकाबला प्रियंका गांधी से नहीं बल्कि अजय राय से होगा। अजय राय 2014 में भी कांग्रेस के प्रत्याशी थे और तीसरे स्थान पर थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री तथा आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल दूसरे स्थान पर थे जबकि पीएम मोदी ने जीत दर्ज की थी। माना जा रहा था कि कांग्रेस पीएम मोदी को तगड़ी चुनौती पेश करेगी। लंबी कवायद के बाद कांग्रेस की ओर से वाराणसी से आखिरकार अजय राय को लोकसभा का टिकट दे दिया गया है। अब पूर्व विधायक अजय राय ही पीएम मोदी को चुनौती पेश करेंगे।
वाराणसी में 2004 में आखिरी बार राजेश मिश्रा सांसद बने थे। इसके बाद 2009 में इस सीट से भाजपा के मुरली मनोहर जोशी जीते थे। 2014 में यह सीट पीएम मोदी ने पांच लाख 81 हजार वोट लेकर जीती थी। अरविंद केजरीवाल दो लाख नौ हजार वोट के साथ दूसरे व कांग्रेस के अजय राय 75 हजार वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
दबंग छवि के पूर्व विधायक अजय राय पर कांग्रेस ने एक बार फिर से भरोसा जताया है। कांग्रेस महासचिव तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी को लेकर लंबे समय से चल रहा सस्पेंस आज खत्म हो गया। भाजपा के सबसे बड़े नेता को चुनौती देने वाले अजय राय ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा से की थी। वे छात्र संघ के सदस्य थे। इसके बाद 1996 में भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और जीते। 2009 में उन्होंने भाजपा छोड़ दी। समाजवादी पार्टी के टिकट पर राज्यसभा चुनाव लड़े थे। बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए।
समाजवादी पार्टी ने वाराणसी से शालिनी यादव को टिकट दिया है। समाजवादी पार्टी ने शालिनी यादव को वाराणसी में सपा-बसपा के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है। शालिनी यादव राज्यसभा के पूर्व उप सभापति श्यामलाल यादव की बेटी हैं। प्रियंका के चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस की सपा-बसपा गठबंधन से भी कोई सहमति नहीं बन सकी। सपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस ने इस बाबत कोई औपचारिक संदेश तक नहीं भेजा था और इन हालात में किस बात का समर्थन दिया जाता। कांग्रेस के कोई फ़ैसला लेने से पहले ही सपा ने यहाँ से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यह साफ़ कर दिया है कि कांग्रेस के लिए गठबंधन ने पूरे उत्तर प्रदेश में केवल दो सीटें अमेठी और रायबरेली छोड़ी हैं।