LokSabha Elections 2109 : साक्षरता भले ही कम, यहां लोकतंत्र के प्रति सजग हैं महिलाएं
साक्षरता दर में महिलाएं भले ही पुरुषों से अभी पीछे हैं लेकिन लोकतंत्र के पर्व में हिस्सेदारी व देश के लिए नुमाइंदों के चुनने में वह पुरुषों की अपेक्षा अधिक सजग हैं।
गोरखपुर, शैलेन्द्र श्रीवास्तव। गोरखपुर में साक्षरता दर में महिलाएं भले ही पुरुषों से अभी पीछे हैं लेकिन लोकतंत्र के पर्व में हिस्सेदारी व देश के लिए नुमाइंदों के चुनने में वह पुरुषों की अपेक्षा अधिक सजग हैं। आंकड़े इसे प्रमाणित करते हैं कि चुनाव में उनका मतदान प्रतिशत अधिक रहा है।
शहरी पर भारी ग्रामीण महिलाएं
शहरी व ग्रामीण की तुलना करने के लिए गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र की गोरखपुर शहर और गोरखपुर ग्रामीण विधान सभा उदाहरण है। पिछले चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि गोरखपुर ग्रामीण की महिलाएं भारी पड़ी थीं। गोरखपुर शहर की 48.36 फीसद और गोरखपुर ग्रामीण की 54.17 महिलाओं ने मतदान किया था।
गोरखपुर-बस्ती मंडल की साक्षरता दर (फीसद में)
जिला पुरुष महिला
गोरखपुर 81.80 59.36
देवरिया 83.27 59.38
कुशीनगर 77.71 52.36
महराजगंज 75.85 48.92
बस्ती 77.88 56.23
सिद्धार्थनगर 70.92 47.41
संतकबीर नगर 78.88 54.80
2014 में लोकसभावार मतदान (फीसद में)
लोस पुरुष महिला
गोरखपुर 54.03 55.47
बांसगांव 46.93 53.56
डुमरियागंज 50.95 55.67
बस्ती 57.14 60.49
संतकबीर नगर 49.89 57.18
महराजगंज 58.12 54.08
कुशीनगर 54.35 59.22
देवरिया 50.96 57.14
सलेमपुर 49.87 53.47
पिछले चुनाव में 53.38 फीसद महिलाओं ने किया था मतदान
गोरखपुर जिले में पिछले चुनाव में 53.38 फीसद मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था। इनमें महिला मतदाताओं का प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा। इसमें गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र में 54.60 फीसद और बांसगांव में 50 फीसद मतदान हुआ था। जिले के कुल 30,45,945 मतदाताओं में से 16,01,519 ने वोट डाले थे। 16,92,130 पुरुष मतदाताओं में से 8,63,831 और 13,53,477 महिला मतदाताओं में से 7,37,686 ने भागीदारी की थी।
महिलाओं के लिए प्रत्येक विस. क्षेत्र में बनाया जाएगा सखी बूथ
लैंगिक समानता को लेकर निर्वाचन प्रक्रिया में महिलाओं की वृहद सहभागिता के लिए अलग व्यवस्था रहेगी। इसको लेकर लोकसभा चुनाव में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक सखी बूथ बनाया जाएगा, जहां महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था रहेगी। बैठने के लिए कुर्सी का इंतजाम रहेगा, तो बूथ पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी रहेगी। छाया के लिए टेंट भी लगा रहेगा। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर शहरी क्षेत्र में बूथ चयन करने का निर्णय लिया गया है।