Lok Sabha Election Result 2019: पीएम मोदी ने और ज्यादा मजबूत की भारत के भरोसे की डोर
Lok Sabha Election Result 2019 प्रधानमंत्री ने और मजबूत की भरोस की डोर - बोले- देश में सिर्फ दो जातियां ही रहेगी एक गरीब और दूसरी उन्हें मदद देने वाले लोग - देशवासियों को उज्ज्वल भविष्य का दिया भरोसा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। Lok Sabha Election Result 2019: 2014 के मुकाबले 2019 का चुनाव अगर आशा की बजाय भरोसे का चुनाव था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी ने पहले से भी बड़ी जीत हासिल की, तो जीत के तत्काल बाद ही मोदी ने इस भरोसे की डोर को और मजबूत कर दिया। जीत के बाद भाजपा मुख्यालय में समर्थकों की भीड़ के जरिए देश को संबोधित करते हुए उन्होंने खुद को तीन कसौटी पर परखने के लिए कहा है। 'पहला-कभी बदनीयती और बदइरादे से काम नहीं करूंगा। दूसरा- कभी अपने लिए कुछ नहीं करूंगा और तीसरा जीवन का पल-पल देशवासियों और देश की सेवा में समर्पित रहेगा।'
दरअसल इस आश्चर्यजनक जीत के साथ ही मोदी ने हर किसी को यह संदेश दे दिया है कि उनके किसी भी कार्य और फैसले को किसी के खिलाफ न माना जाए। जाहिर है कि अगर कुछ होता है तो वह देश हित में लिया गया फैसला होगा। दरअसल भ्रष्टाचार के खिलाफ और सख्त होने वाली लड़ाई की संभावनाओं के बीच यह बयान अहम है। मोदी ने कहा कि चुनाव में किसने क्या बोला, इसकी तह में अब जाने की जरूरत नहीं है। सबको साथ लेकर चलना है। घोर विरोधी को भी साथ लेकर चलना है। कुछ देर पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बयान देते हुए कहा था कि उनकी कोई निजी लड़ाई नहीं है, केवल विचारधारा की लड़ाई थी। तीन कसौटियों पर लगातार खुद को कसने की सलाह देते हुए प्रधानमंत्री ने जनता के मन में यह भी बिठा दिया है कि राफेल जैसे विवादों में उनको घसीटा जाना सर्वथा गलत है।
चुनावी नतीजों ने जाति की राजनीति को ध्वस्त कर दिया है। लेकिन प्रधानमंत्री ने इसकी जिस तरह व्याख्या की वह अहम है। उन्होंने जाति को गरीब और गरीबी हटाने के के प्रयास में जुटे लोगों जिसमें आयकर देने वाले मध्यमवर्ग भी शामिल हैं, के बीच बांट दिया। उन्होंने कहा- 'देश में अब सिर्फ दो ही जातियां है। पहली जाति गरीब लोगों की है, जबकि दूसरी जाति ऐसे लोगों की है, जो गरीबों को मदद कर रहे है। इनमें टैक्स अदा करने वाले वह लोग भी शामिल है, जिनके पैसे से गरीबों से जुड़ी योजनाएं चल रही है।' भाजपा की भविष्य की राजनीति के लिहाज से भी इसे अहम माना जा रहा है। ये दो वर्ग ऐसे हैं जिसपर भाजपा की नजरें हैं। आकार के लिहाज से भी यही वर्ग अहम है और पिछले पांच साल में मोदी सरकार ने भी इन्हें ही साधने की कोशिश की थी।
लोगों ने सीमा तोड़कर अपेक्षाओं के साथ भाजपा को पचास फीसद वोटों वाली पार्टी के करीब पहुंचाया तो प्रधानमंत्री ने भी भरोसा को बढ़ाने में कोताही नहीं की। उज्जवल भविष्य की गारंटी देते हुए उन्होंने कहा कि आज अगर कोई विजयी हुआ, तो हिन्दुस्तान विजयी हुआ है। लोकतंत्र विजयी हुई है। जनता विजयी हुई है। कृष्ण का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा- जब कृष्ण से पूछा गया कि वह किसके पक्ष मे हैं तो उन्होंने कहा था कि वह हस्तिनापुर के साथ हैं। चुनाव में लोगों ने साबित कर दिया कि वह देश के साथ थे।
सेकुलरिज्म पर कसा तंज
पीएम ने सेकुलज्मि का चोला ओढ कर राजनीति करने वालों पर भी निशाना साधा और कहा कि 'तीस साल से देश में यह टैग लगाए लोग राजनीतिक कर रहे थे। लेकिन 2014 से 19 के बीच जिस तरीके का माहौल बना है, उनमें सेकुलरिज्म का मुखौटा लगाकर घूमने वाले इस बार गायब हो गए है। ' यह ऐसा चुनाव है, जिसमें सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है। अमूमन इससे पहले के चुनावों में महंगाई, भ्रष्टाचार मुद्दा रहता था, लेकिन पहली बार ऐसा चुनाव है, जिसमें न महंगाई है न ही भ्रष्टाचार दिखाई दे रहा है।
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