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Lok Sabha Elections 2019: वोट देने में आगे पर वोट पाने में पीछे महिलाएं

यह लोकसभा चुनाव जरूर थोड़ा अलग साबित हो रहा है। इसमें बीजू जनता दल और तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टियां महिला उम्मीदवारों पर खुलकर दांव लगा रही हैं।

By Vikas JangraEdited By: Published: Wed, 20 Mar 2019 10:50 AM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 12:58 PM (IST)
Lok Sabha Elections 2019: वोट देने में आगे पर वोट पाने में पीछे महिलाएं
Lok Sabha Elections 2019: वोट देने में आगे पर वोट पाने में पीछे महिलाएं

माला दीक्षित, नई दिल्ली। यह लोकसभा चुनाव जरूर थोड़ा अलग साबित हो रहा है। इसमें बीजू जनता दल और तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टियां महिला उम्मीदवारों पर खुलकर दांव लगा रही हैं।  आमतौर पर महिलाएं केवल वोट देने में ही आगे दिखती हैं, लेकिन खुद वोट नहीं खींच पाती हैं। महिलाओं में वोट डालने का औसत लगभग पुरुषों के बराबर ही रहता है। यह बात पिछले पांच लोकसभा चुनाव के आंकड़ों से साफ हो जाती है। 

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1998 में कुल महिला मतदाताओं में से 57.69 फीसद ने वोट डाला था, जबकि उस चुनाव में कुल मतदान प्रतिशत 61.97 रहा था। 1999 की 13वीं लोकसभा में 55.64 फीसद महिलाओं ने वोट डाला था और चुनाव में कुल मतदान प्रतिशत 59.99 रहा था। 2004 में भी चुनाव में कुल मतदान प्रतिशत मे कमी आयी थी और महिलाओं का मतदान प्रतिशत भी घटा था। तब 53.64 फीसद महिलाओं ने वोट डाला था। कुल मतदान 58.07 फीसद रहा था।
Womein in Loksabha Elections in india

2009 के चुनाव में महिलाओं की भागेदारी में दो फीसद से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई, जबकि कुल मतदान के औसत में नाममात्र की बढ़त दिखी थी। उस चुनाव में 55.82 फीसद महिलाओं ने वोट डाला था, जबकि कुल मतदान 58.13 फीसद दर्ज हुआ था।

2014 के पिछले चुनाव में महिलाओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। 65.54 फीसद महिला मतदाताओं ने वोट डाला था। हालांकि कुल मतदान का प्रतिशत भी करीब आठ फीसद बढ़ा था। इतना ही नहीं पुरुषों की तुलना में महिलाओं का वोट प्रतिशत मात्र डेढ़ प्रतिशत ही कम था। पिछले चुनाव में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 67 फीसद था। अब महिला उम्मीदवारों को मिले मतों का औसत देखें तो पता चलता है कि उन्हें वोट बहुत कम मिलते है। 
Wome in Loksabha Elections in india

ज्यादातर की जमानत हो जाती है जब्त
ज्यादातर महिला उम्मीदवारों की जमानत जब्त होती है। 1998 में 43 महिलाएं चुनकर संसद पहुंचीं थीं। 1999 में यह संख्या बढ़कर 49 हो गई। 2004 में महिला उम्मीदवारों की संख्या तो बढ़ी, लेकिन चुनाव जीतने वाली महिलाओं की संख्या घट कर 45 रह गई।

2009 में पिछली बार से 201 महिलाएं ज्यादा चुनाव में खड़ी हुईं, लेकिन जीती मात्र 59। 2014 में अब तक सर्वाधिक 62 महिलाएं जीती थीं, लेकिन चुनाव में खड़ी होने वाली महिलाओं की संख्या में इस बार और इजाफा हुआ था। जीतने की संख्या में मात्र तीन की बढ़ोत्तरी हुई।


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