lok sabha election 2019: राहुल छत्तीसगढ़ में कर सकते हैं 10 चुनावी सभाएं
lok sabha election 2019 , कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी छत्तीसगढ़ में 10 सभाएं कर सकते हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी हर संभाग में इसकी तैयार कर रही है।
By TaniskEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 03:57 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 03:57 PM (IST)
रायपुर, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनाव (lok sabha election 2019) के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी छत्तीसगढ़ में 10 सभाएं कर सकते हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी हर संभाग में राष्ट्रीय अध्यक्ष की सभा का प्रस्ताव तैयार कर रही है, जिसे जल्द ही दिल्ली भेजा जाएगा। राहुल की सभा के लिए उन विधानसभा क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पिछड़ गई थी।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यहां राहुल दो सभाएं कर चुके हैं। उनकी पहली सभा अटलनगर (नया रायपुर) और दूसरी बस्तर के धुरागांव में हुई। उनकी पहली सभा किसानों और दूसरी आदिवासियों को साधने के लिए हुई थी। अब लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी चाहती है कि राहुल लोकसभा क्षेत्रवार सभाएं करें। प्रदेश में 11 लोकसभा सीटें हैं और पीसीसी 10 सभाओं का प्रस्ताव बना रही है। मतलब, कोई दो लोकसभा क्षेत्र ऐसे हो सकते हैं, जिनके बीच में एक सभा होगी। बाकी नौ लोकसभा क्षेत्रों में एक-एक सभा हो सकती है। पीसीसी की कोशिश रहेगी कि पहले उन विधानसभा क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाए, जहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पिछड़ गई थी। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 90 में से 22 सीटों में हार का सामना करना पड़ा था।
बिलासपुर संभाग में ज्यादा सभाएं कराने की जरूरत
राहुल की सभा के लिए पीसीसी जिस फॉर्मूले पर प्रस्ताव बना रही है, उसके आधार पर देखा जाए तो बिलासपुर संभाग में ज्यादा सभाएं कराने की जरूरत महसूस की गई है। इसका कारण यह है कि बिलासपुर संभाग में 24 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें से 12 सीटों पर कांगे्रस को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसमें रामपुर, मरवाही, कोटा, बिल्हा, बेलतरा, मस्तूरी, लोरमी, मुंगेली, अकलतरा, जांजगीर-चांपा, जैजैपुर, पामगढ़ शामिल हैं। बिलासपुर संभाग में ही सबसे ज्यादा चार लोकसभा सीट बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़ व जांजगीर-चांपा है। अभी चारों लोकसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। इस कारण बिलासपुर संभाग में तीन सभाएं कराने का विचार हो सकता है।
सरगुजा का गढ़ सुरक्षित मान रही कांग्रेस
विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव के लिए भी कांग्रेस सरगुजा के गढ़ को सुरक्षित मान रही है। सरगुजा संभाग में केवल एक लोकसभा सीट सरगुजा है, जहां की सभी 14 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। इस कारण यह हो सकता है कि सरगुजा संभाग में एक सभा कराई जाए और यहां की दूसरी सभा बिलासपुर संभाग में रख दी जाए।
रायपुर में दो सभा का विचार
रायपुर संभाग में 20 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें से 14 कांग्रेस के पास हैं। लोकसभा सीटों की बात करें, तो रायपुर और महासमुंद है और अभी दोनों ही भाजपा के पास हैं। विधानसभा चुनाव में छह सीटों में पिछड़ने और दोनों लोकसभा सीटों पर विपक्ष का कब्जा होने के कारण रायपुर संभाग में दो सभाएं कराने का विचार हो रहा है।
दुर्ग में मजबूत, फिर भी दो सभाएं
दुर्ग संभाग की 20 विधानसभा सीटों में से केवल तीन वैशालीनगर, खैरागढ़ और राजनांदगांव में कांग्रेस हारी है। यहां दो लोकसभा सीट दुर्ग व राजनांदगांव है। पिछले लोकसभा चुनाव में दुर्ग में कांग्रेस और राजनांदगांव में भाजपा को जीत मिली थी। विधानसभा चुनाव की लहर को देखते हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस खुद को मजबूत मान रही है। इसके बाद भी यहां राहुल की दोनों लोकसभा सीटों पर सभाएं कराने का विचार है।
बस्तर में सीट नहीं गंवाना चाहेगी कांग्रेस
आदिवासी बहुल बस्तर संभाग में दो लोकसभा सीट बस्तर व कांकेर है। पिछले चुनाव में दोनों सीटों पर भाजपा का कब्जा हुआ था। इस बार विधानसभा चुनाव में बस्तर संभाग में कांग्रेस की लहर देखने को मिली। यहां की 12 में से 11 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हुआ है। कांग्रेस इस लोकसभा चुनाव में दोनों सीटें हथियाना चाहती है। इस कारण राहुल ने बस्तर में अभी एक सभा भी कर ली है। बस्तर और कांकेर में एक-एक सभा का प्रस्ताव बनाया जा रहा।
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