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Lok Sabha Election 2019: इस चुनाव में क्‍या प्रकाश आंबेडकर बिगाड़ सकते हैं सुशील कुमार शिंदे का गणित

Election 2019 चुनाव लड़ने को मजबूर कांग्रेसी दिग्गज सुशील कुमार शिंदे का गणित दलित नेता प्रकाश आंबेडकर के आने के बाद बिगड़ता दिखाई दे रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 10:38 AM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 10:38 AM (IST)
Lok Sabha  Election 2019: इस चुनाव में क्‍या प्रकाश आंबेडकर बिगाड़ सकते हैं सुशील कुमार शिंदे का गणित
Lok Sabha Election 2019: इस चुनाव में क्‍या प्रकाश आंबेडकर बिगाड़ सकते हैं सुशील कुमार शिंदे का गणित

सोलापुर (महाराष्ट्र), ओमप्रकाश तिवारी। चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा के बावजूद पार्टी आलाकमान के निर्देश पर चुनाव लड़ने को मजबूर कांग्रेसी दिग्गज सुशील कुमार शिंदे का गणित दलित नेता प्रकाश आंबेडकर के आने के बाद बिगड़ता दिखाई दे रहा है। 

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स्वतंत्र भारत के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में ही सोलापुर के लोग डॉ.भीमराव आंबेडकर को अपने उम्मीदवार के रूप में देखना चाहते थे। लेकिन आंबेडकर ने तब बॉम्बे से चुनाव लड़ा और हार गए। अब करीब 67 वर्ष बाद उनके पौत्र प्रकाश आंबेडकर ने सोलापुर (सुरक्षित) लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय कर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

शिंदे ने 2014 का लोकसभा चुनाव करीब डेढ़ लाख मतों से हारने के बाद चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। लेकिन कांग्रेस आलाकमान को सोलापुर में उनसे बेहतर कोई और उम्मीदवार नहीं मिला तो 78 वर्षीय शिंदे को फिर मैदान में उतरना पड़ा।

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भाजपा ने भी क्षेत्र के जातीय-सामाजिक गणित को देखते हुए लिंगायत समाज के धर्मगुरु डॉ. जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य महास्वामी को इस बार अपना उम्मीदवार बनाया है। क्योंकि कर्नाटक से सटे महाराष्ट्र के इस जिले में लिंगायत समाज के लोगों की संख्या अच्छी खासी है। डॉ. जय सिद्धेशवर उच्चशिक्षित हैं और सोलापुर के कई क्षेत्रों में उनका मठ वर्षों से सामाजिक कार्य करता आ रहा है।

शिंदे और स्वामी में मुकाबला रोचक हो सकता था। लेकिन दाल भात में मूसलचंद वाली कहावत सिद्ध करते हुए बाबा साहब आंबेडकर के पौत्र दलित नेता प्रकाश आंबेडकर ने अपनी परंपरागत अकोला सीट के अलावा इस बार सोलापुर से भी पर्चा भर दिया है। ऊपर से करेला वो भी नीम चढ़ा तर्ज पर प्रकाश आंबेडकर ने एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी से हाथ मिलाकर सोलापुर सहित पूरे महाराष्ट्र में कांग्रेस के एक और प्रतिबद्ध वोटबैंक पर गहरी चोट कर दी है।

शिंदे को सोलापुर से प्रकाश आंबेडकर की बिल्कुल रास नहीं आ रही है। वह उन्हें वोट कटवा बताते हैं। जबकि प्रकाश आंबेडकर कांग्रेस को लड़ाई से ही बाहर बता रहे हैं। वह भी अपना मुकाबला भाजपा से मानते हैं। शिंदे के करीबी कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय सलाहकार चंद्रकांत दायमा दावा करते हैं कि कांग्रेस का अपना प्रतिबद्ध वोट हैं। शिंदे को 2009 में 3.87 लाख मत मिले थे और 2014 में भी 3.67 लाख के लगभग वोट मिले थे। लेकिन भाजपा को 2014 में पूर्व की चुनाव की तुलना में करीब सवा दो लाख मत ज्यादा मिले और उसका उम्मीदवार डेढ़ लाख से जीत गया। वह दावा करते हैं कि अब भाजपा से लोगों का मोह भंग हो चुका है। इसका फायदा इस बार कांग्रेस को मिलेगा।

सोलापुर में दलित मतदाताओं की संख्या कुल मतदाताओं की 50 फीसद है। लिंगायत मतदाता भी करीब 3.5 लाख हैं। भाजपा लिंगायत मतदाताओं के साथ-साथ सामान्य वर्ग के मतदाताओं एवं युवाओं से उम्मीद लगाए है। साथ ही ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पिछली सरकार द्वारा किए गए कामों से भी उसे उम्मीद है। स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल इस शहर में पिछले पांच वर्ष में कई अच्छे काम हुए हैं, जो लोगों को नजर आते हैं। इससे आगे की उम्मीदें भी बनती हैं।

लेकिन लड़ाई फिर जाति-धर्म पर ही आकर टिक जाती है। शिंदे के पुराने मित्र शरद पवार उन्हें खुलकर समर्थन कर रहे हैं। कांग्रेस को लगता है कि उनके समर्थन से ग्रामीण क्षेत्रों के करीब दो लाख मराठा मतदाता शिंदे के साथ आ जाएंगे। मुस्लिमों में भी शिंदे की अच्छी पकड़ का दावा किया जा रहा है। दूसरी ओर प्रकाश आंबेडकर को दलितों का अच्छा समर्थन मिल रह है। दलित मतदाताओं के करीब-करीब सभी गुट यहां प्रकाश आंबेडकर के साथ आ गए हैं। यहां तक कि भाजपा के साथ खड़े रामदास आठवले का गुट भी।

मंगलवार की शाम सोलापुर के पार्क स्टेडियम में प्रकाश आंबेडकर के समर्थन में हुई असदुद्दीन ओवैसी की रैली ने जहां कांग्रेस के माथे पर बल डाल दिए हैं, वहीं भाजपा की बांछें खिली दिख रही हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि ओवैसी के कहने से मुस्लिम मतदाता कांग्रेस से दूर होकर प्रकाश आंबेडकर की ओर जाएंगे तो भाजपा का फायदा होगा। लेकिन दलितों के सभी गुटों का प्रकाश के समर्थन में एकजुट होना भाजपा के लिए भी खतरा बन जाए तो ताज्जुब नहीं होना चाहिए।  

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