लोकसभा में जब भाजपा को मिला था प्रचंड बहुमत, एक नजर 2014 चुनाव पर
Lok Sabha Election 2019 16वीं लोकसभा का चुनाव 2014 में हुआ था। इस चुनाव में मोदी लहर के बदौलत एनडीए को 336 सीटें मिली थी।
नई दिल्ली,एजेंसी। चुनाव आयोग शाम 5 बजे प्रेस कांफ्रेंस करने करने वाला है। माना जा रहा है कि आयोग लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) की तारीखों का ऐलान करेगा। अगर ऐसा होता है तो इसके साथ ही आचार संहिता भी लग जाएगी। यह चुनाव मोदी बनाम महागठबंधन होने वाला है। तमाम राजनीतिक दल भाजपा के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं। बता दें कि इससे पहले 16वीं लोकसभा का चुनाव 2014 में हुआ था। इस चुनाव में 'मोदी लहर' के बदौलत एनडीए को 336 सीटें मिली थी। इसमें अकेले भाजपा के खाते में 282 सीटें आई थीं। इस चुनाव में 'मोदी लहर' के दम पर 1984 में कांग्रेस के बाद भाजपा पहली ऐसी पार्टी बनी थी जिसने अपने दम पर सरकार बनाने लायक सीटें जीती थीं।
'मोदी लहर' के बदौलत एनडीए को 336 सीटें
इस दौरान 543 सीटों पर चुनाव हुआ था। इसमें एनडीए को 336 सीटें मिली थी। भाजपा ने अकेले 282 सीटें जीती थीं। इस चुनाव में कांग्रेस के खाते में केवल 44 सीटें आई थीं। यूपीए ने कुल 60 सीटें जीती थीं। शिवसेना ने 2014 के लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीती थी इसके अलावा एनसीपी के खाते में 6 सीटें गई थीं। 2014 के चुनाव में राजस्थान और गुजरात में भाजपा ने लोकसभा की सभी सीटें जीती थीं।
30 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा
भाजपा ने इस दौरान पिछले 30 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। इसस पहले 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला था। उस वक्त कांग्रेस ने अपने दम पर 404 सीटें जीती थीं।
9 चरणों में हुआ था चुनाव
16वीं लोकसभा का चुनाव 9 चरणों में हुआ था। लोकसभा चुनाव 7 अप्रैल से 12 मई तक हुआ था। लोकसभा चुनाव 2014 में वोटों की गिनती 16 मई को हुई थी और उसी दिन नतीजों का ऐलान हुआ था।
वाराणसी और बड़ौदा से जीते थे मोदी
2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी बड़ौदा और वाराणसी सीटे से चुनाव लड़े थे। वडोदरा में मोदी ने कांग्रेस उम्मीदवार मधुसूदन मिस्त्री और वाराणसी में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल को हराया था।
यूपी में भाजपा को 71 सीटों पर मिली जीत
16वीं लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में एनडीए को 80 में से 73 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस के खाते में सिर्फ दो सीटें आई थी। इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने 7 सीटें, दो सीटें अपना दल ने और आरएलडी ने एक सीट जीती थीं, जबकि बसपा का खाता भी नहीं खुल सका था।