Move to Jagran APP

नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर दो दिग्गजों में है मुकाबला, दिलचस्‍प है यहां का चुनावी सफर

इस सीट के लिए बीजेपी-कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है।

By Rizwan MohammadEdited By: Published: Sat, 30 Mar 2019 05:30 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 05:30 PM (IST)
नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर दो दिग्गजों में है मुकाबला, दिलचस्‍प है यहां का चुनावी सफर
नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर दो दिग्गजों में है मुकाबला, दिलचस्‍प है यहां का चुनावी सफर

नई दिल्ली, जेएनएन। 2019 के लोकसभा चुनाव के अब चंद दिन ही बाकी रह गए हैं, ऐसे में सभी पार्टियों ने जोर आजमाइश शुरू कर दी है। 11 अप्रैल को पहले चरण के मतदान होंगे, जिनमें उत्तराखंड की पांचों सीटें भी शामिल हैं। सीरीज के तहत हम उत्तराखंड की पांच सीटों में काफी अहम मानी जाने वाली नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट के चुनावी इतिहास के बारे में बता रहे हैं। इस सीट के लिए बीजेपी-कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है।

loksabha election banner

कांग्रेस महासचिव और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अशोक भट्ट के मैदान में उतरने से उत्तराखंड की नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट राज्‍य की सबसे खास सीट हो गई है। इसीलिए इस सीट पर सभी की निगाहें टिक गई हैं।

पहले चुनाव से कांग्रेस ने बनाई बढ़त
1952 में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस की तरफ से खड़े सी.डी पांडे ने स्वतंत्र पार्टी के दान सिंह को हराया था। पांडे ने यहां 74314 वोट अपने खाते में दर्ज किए, वहीं दान सिंह 54828 वोट पर ही सिमट गए। इसके बाद 1957 के चुनाव में भी चंद्र दत्त पांडे यहां से दूसरी बार सांसद चुने गए और लगातार दो बार कांग्रेस को जीत दिलवाई। हालांकि 1962 में कांग्रेस ने नए उम्मीदवार को टिकट देकर मैदान में उतारा। कांग्रेस ने लगातार तीन चुनावों 1962, 1967 और 1971 में कृष्णा चंद्र पंत उर्फ राजा को यहां से चुनाव लड़वाया और केसी पंत ने तीनों ही चुनाव में लगातार तीन बार जीत दर्ज की।

BLD ने कांग्रेस को पछाड़ा
इसके बाद 1977 में यहां भारतीय लोक दल ने जीत का खाता खोला। बीएलडी उम्मीदवार के तौर पर खड़े हुए भारत भूषण ने यहां से चुनाव लड़ा और जीतने में कामयाब रहे। उन्होंने कांग्रेस के मजबूत नेता कृष्णा चंद्र को पछाड़ा। भारत ने 196304 वोट पाकर जीत दर्ज कराई, वहीं कृष्णा चंद्र 111658 वोट पाकर हार गए।

कांग्रेस ने की वापसी, इस उम्मीदवार ने दिलाई जीत
इसके बाद 1980 में कांग्रेस ने फिर से वापसी की और पार्टी की तरफ से लड़े नारायण दत्त तिवारी ने जनता पार्टी के भारत भूषण को हराया, वो भी बहुत बड़े अंतर से। तिवारी ने 163117 वोटों से जीत दर्ज कराई और भरत सिर्फ 58695 वोट ही जुटा पाए। इसके बाद 1984 में कांग्रेस के नए उम्मीदवार सत्‍येंद्र चंद्र यहां से जीतकर संसद पहुंचे।

कांग्रेस के हाथ से फिर फिसला नैनीताल
1989 में कांग्रेस के हाथ से फिर नैनीताल फिसला और जनता दल ने उसे अपने पाले में ले लिया। जनता दल उम्मीदवार महेंद्र सिंह पाल ने कांग्रेस उम्मीदवार सत्‍येंद्र चंद्र को हराया। 1989 में हारने के बाद कांग्रेस कई सालों तक इस सीट पर जगह नहीं बना पाई। 1991 के चुनाव में भी कांग्रेस के दिग्गज नेता एनडी तिवारी हार गए। उन्हें बीजेपी के बलराज पासी ने हराया। हालांकि हार का फर्क बहुत ज्यादा नहीं था, दोनों के बीच वोटों का अंतर लगभग 1 हजार वोट का रहा।

इस बार अपनी पार्टी बनाकर लड़े और जीते तिवारी
1991 में हार झेलने के बाद नारायण दत्त तिवारी ने कांग्रेस का साथ छोड़कर ऑल इंडिया इंदिरा कांग्रेस में शामिल हो गए। एआईआईसी(टी) से चुनाव लड़ना नारायण के लिए सफल रहा और उन्होंने यहां से जीत दर्ज की और बीजेपी उम्मीदवार बलराज पासी को हराया। लेकिन तिवारी के लिए ये जीत ज्यादा दिन नहीं टिक सकी। 1998 में एक बार फिर से उन्हें यहां से हार का सामना करना पड़ा। तिवारी को एक बार फिर बीजेपी उम्मीदवार इला पंत ने हराया।

1999 में हालांकि कांग्रेस ने फिर से वापसी की और 2009 तक इस जीत को बरकरार रखा। 1999 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने फिर से नारायण दत्त तिवारी को आजमाया और चुनावी दंगल में उतारा। लंबे समय बाद नारायण ने कांग्रेस के खाते में जीत डाली और बीजेपी के बलराज पासी को हराया। इसके बाद 2004 में यहां से कांग्रेस के करन चंद सिंह बाबा सांसद चुने गए और 2009 में भी करन सिंह बाबा ने ही यहां से जीत का परचम लहराया। वर्तमान में हालांकि यहां बीजेपी का राज है। 2014 के चुनाव में यहां से बीजेपी के भगत सिंह कोश्यारी ने जीत दर्ज की और सांसद चुने गए। उन्होंने कांग्रेस के करन चंद सिंह बाबा को हराया।

नैनीताल-ऊधम सिंह की खास बातें
नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तराखंड का महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्र है। इस संसदीय क्षेत्र को 2002 में गठित भारत के परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद 2008 में गठित किया गया। इस क्षेत्र में पहली बार 2009 में लोकसभा चुनाव हुए। इस संसदीय सीट को दो जिलों नैनीताल और ऊधमसिंह नगर की 14 विधानभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया है। प्राकृतिक सुंदरता में डूबा यह क्षेत्र बेहद खूबसूरत है। हिमालय की पर्वत श्रृंखलाएं इस क्षेत्र को अलौकिक बना देती हैं। इस इलाके में नैनीताल झील का सौंदर्य देखते ही बनता है। यहां पर बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.