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गोडसे मुद्दे को भुनाने में जुटी कांग्रेस, प्रचार थमने के बाद बदली ट्विटर की प्रोफाइल फोटो

Lok Sabha Election 2019 नाथूराम गोडसे को लेकर उस वक्त सियासी बवंडर खड़ा हो गया था जब साध्वी प्रज्ञा ने उसे देशभक्त बताया था। कांग्रेस अंतिम चरम में इसे भुनाने में जुटी हुई है।

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 17 May 2019 08:02 PM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 07:30 AM (IST)
गोडसे मुद्दे को भुनाने में जुटी कांग्रेस, प्रचार थमने के बाद बदली ट्विटर की प्रोफाइल फोटो
गोडसे मुद्दे को भुनाने में जुटी कांग्रेस, प्रचार थमने के बाद बदली ट्विटर की प्रोफाइल फोटो

नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने वाला है। 19 मई को लोकसभा चुनाव 2019 के सातवें और अंतिम चरण के लिए मतदान होगा। इसके लिए शुक्रवार (17 मई 2019) की शाम चुनाव प्रचार थम चुका है। हालांकि चुनाव प्रचार थमने से ठीक पहले भाजपा और कांग्रेस ने प्रेसवार्ता कर एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान भी कांग्रेस ने गोडसे विवाद को भुनाने का पूरा प्रयास किया।

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चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले ही चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों को निर्देश जारी कर दिया था। चुनाव आयोग ने निर्देशित किया था कि साइलेंट पीरियड में राजनेता किसी तरह की बयानबाजी, प्रेस कॉफ्रेंस या मीडिया इंटरव्यू नहीं देंगे। ऐसे में गोडसे मुद्दे को भुनाने के लिए कांग्रेस ने सोशल मीडिया का सहारा लिया।

कांग्रेस पार्टी ने चुनाव प्रचार खत्म होते ही अपने ट्विटर हैंडल @INCIndia की प्रोफाइल फोटो बदल दी। कांग्रेस ने अब अपने ट्विटर हैंडल पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पोटो लगाई है। साथ ही जनता से कांग्रेस को वोट देने की अपील की है। इससे पहले कांग्रेस के ट्विटर हैंडल पर पार्टी का चुनाव चिन्ह (हाथ के पंजे का निशान) प्रोफाइल फोटो में यूज किया जा रहा था।

इतना ही नहीं चुनाव प्रचार थमने के कुछ देर बाद कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो भी पोस्ट किया है। इस वीडियो का टाइटल है, Who Killed Gandhi Ji? मतलब गांधी जी को किसने मारा? वीडियो के टाइटल बैंक ग्राउंड में महात्मा गांधी के सामने खड़े नाथूराम गोडसे की वो फोटो लगाई गई है, जिसमें नाथूराम के हाथ में पिस्तौल दिखाई दे रही है। ये ब्लैक एंड व्हाइट फोटो नाथूराम गोडसे द्वारा महात्मा गांधी को गोली मारे जाने के ठीक पहले का है।

ट्विटर पर एक दूसरे पोस्ट में कांग्रेस ने लिखा है, ‘गांधी जी के हत्यारे को देशभक्त बताने वाली प्रज्ञा ठाकुर महात्मा गांधी के सिद्धान्त "सत्याग्रह" की प्रतीक कभी नहीं हो सकती। लेकिन भाजपा के दोगले चरित्र के लिए यह नई बात नहीं है।’ कांग्रेस के इन पोस्ट से साफ है कि अंतिम चरण में वह गोडसे के मुद्दे को पूरी तरह से भुनाने में जुटी हुई है। इतना ही नहीं कांग्रेस अंतिम चरण के मतदान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के छवि को भुनाने में संकोच नहीं कर रही।

उधर भाजपा पहले ही भोपाल से पार्टी की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के उस बयान से किनारा कर चुकी है, जिसमें उन्होंने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। इतना ही नहीं भाजपा ने इस बयान के लिए प्रज्ञा ठाकुर से माफी मांगने को भी कहा और ये भी स्पष्ट कर दिया कि महात्मा गांधी के बलिदान का वो भी आदर करते हैं।

भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा के बयान पर एक कमेटी गठित की है, जो 10 दिन में उन पर फैसला लेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शुक्रवार को अंतिम चरम के चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में सार्वजनिक तौर पर कहा कि वह साध्वी प्रज्ञा को मन से कभी माफ नहीं कर पाएंगे। बावजूद कांग्रेस अंतम चरण में गोडसे विवाद और कांग्रेस से जुड़ी महात्मा गांधी की छवि को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही।

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