Lok Sabha Election 2019: नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ के इस गांव में आजादी के बाद पहली बार हुआ मतदान
छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ के अति नक्सल प्रभावित कुंडला मतदान केन्द्र में आजादी के बाद पहली बार ग्रामीणों को मतदान करने का अवसर मिला है।
नारायणपुर, जेएनएन। Lok Sabha Election 2019 1st Phase छत्तीसगढ़ में नारायणपुर जिला मुख्यालय से करीब 27 किमी दूर अबूझमाड़ के अति नक्सल प्रभावित कुंडला मतदान केन्द्र में आजादी के बाद पहली बार मतदान करने के लिए हरीमरका के ग्रामीण आए हैं। सात दशक बाद मतदाता सूची में नाम जुड़ने के बाद ग्रामीणों ने नक्सल पाबंदी के बाद भी दूध मुंहे बच्चों के सात घने जंगलों और नदी नालों को पार कर अपना राष्ट्रधर्म निभाया है। नई दुनिया की पहल पर जिला प्रशासन के द्वारा हरि मरका के लोगों को मतदान का अधिकार दिया गया है।
यहां के ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के दौरान कई बार वोट डालने के लिए वह मतदान केन्द्रों में आते थे, लेकिन मतदाताओं की सूची में उनके गांव का नाम नहीं होने से वे वोट नहीं डाल पाते थे। वोट डालने के लिए दुधमुंहे बच्चे के साथ पहुंची बेलू वट्टी, रनोति दुग्गा और जगराते बाई ने बताया कि पहली बार वोट डालने का मौका मिला है। गांव के विकास के लिए वोट करने की बात इन महिलाओं के द्वारा कही गई है। कुंडला मतदान केन्द्र में 440 मतदाताओं के नाम है। 11 बजे तक 54 फीसदी मतदान हो चुका है। जिसमे 120 पुरुषों और 140 महिलाओं ने मतदान किया है। यहाँ सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए है। मतदान करने आए अधिकांश लोगों को देश के प्रधानमंत्री का नाम नहीं मालूम है। कुछ ग्रामीण अभी भी रमन सिंह को मुख्यमंत्री बता रहे है।
मतदान के लिए दिखा अनोखा उत्साह
नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने मतदान शुरू होने से पहले एक पोलिंग बूथ के नजदीक आइईडी ब्लास्ट किया। नक्सलियों ने पोस्टर बैनर लगाकर मतदान न करने की धमकी भी दी है, लेकिन यहां के लोग लोकतंत्र के प्रति अपनी आस्था और सुरक्षा बलों पर भरोसे के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पूरा उत्साह दिखा रहे हैं। दो दिनों पहले दंतेवाड़ा जिले के श्याम गिरी गांव के नजदीक नक्सलियों ने आइईडी ब्लास्ट किया था, जिसमें स्थानीय विधायक भीमा मंडावी की मौत हो गई थी। इस घटना में 4 जवान भी शहीद हुए। इसी श्याम गिरी पोलिंग बूथ में आज मतदान के लिए ग्रामीणों का अनोखा उत्साह दिख रहा है। यहां ग्रामीणों ने नक्सलियों की धमकी और हिंसा की परवाह किए बिना मतदान के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दिखाया है। बस्तर के लोग लोकतंत्र के प्रति किस कदर आस्था रखते हैं यह बात वोटिंग के शुरूआती आंकड़ों से ही स्पष्ट हो रही है। यहां शुरुआती दो घंटों में ही करीब 20 फीसद मतदान हो चुका है। पूरे बस्तर में बड़ी संख्या में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं और ग्रामीणों को पूरी तरह सुरक्षित माहौल में मतदान कराया जा रहा है। दोपहर तक वोटिंग के आंकड़े और भी तेजी के साथ बढ़ेंगे। कई अत्यधिक संवेदनशील मतदान केंद्रों में दोपहर तीन बजे तक ही मतदान होंगे।