LokSabha Election 2019: सियासी ट्रैक पर उम्मीदों का सफर
बाराबंकी-जफराबाद रेलवे लाइन के दोहरीकरण में छिपी अयोध्या में विकास की नई संभावना।
अयोध्या, [रमाशरण अवस्थी]। देश में जहां बुलेट ट्रेन की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं, वहीं कुछ हिस्से ऐसे हैं, जहां अब भी वषों से यात्री सिंगल ट्रैक का दंश झेल रहे हैं। ट्रेनों का अनावश्यक ठहराव यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। अयोध्या इन्हीं हिस्सों में एक है, जहां उम्मीदों की रेल रफ्तार मिलने के लिए बेकरार है। अयोध्या में रेल लाइन के दोहरीकरण की मांग बीते डेढ़ दशक से उठ रही है। बाराबंकी-जफराबाद रेल लाइन के दोहरीकरण में इस क्षेत्र का कल्याण छिपा है, लेकिन जनता की आवाज सियासी हुक्म नहीं बन सकी।
देश में लंबे समय तक राज करने वाली कांग्रेस सरकार में रेल सुविधाएं तो बढ़ीं, लेकिन दोहरीकरण को लेकर इच्छाशक्ति कम दिखी। केंद्र में सत्ता परिवर्तन के बाद योजना को नए सिरे से ऑक्सीजन मिलनी शुरू हुई। केंद्र का ध्यान इस परियोजना पर केंद्रित हुआ। अवसर मिलते ही भाजपा सरकार ने दोहरीकरण सहित कई परियोजनाओं की घोषणा कर अपनी ऊर्जास्थली को साधने का काम किया। 2016 में फैजाबाद जंक्शन से रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने 1310 करोड़ की लागत से बाराबंकी से जफराबाद तक 161 किलोमीटर लंबी रेललाइन के दोहरीकरण की घोषणा की। योजना को लेकर वर्तमान में अधिग्रहण के लिए भूमि चिह्नित करने का कार्य शुरू हो चुका है।
ये परियोजना बाराबंकी एवं अयोध्या जिलों को कवर करेगी और फैजाबाद के रास्ते लखनऊ से वाराणसी तक का समूचा रेलमार्ग इससे लाभांवित होगा। पड़ोसी जिले अंबेडकरनगर में अकबरपुर तक विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। ये कार्य फैजाबाद रेल सेक्शन होते हुए बाराबंकी तक जाएगा। रेललाइन के दोहरीकरण के साथ विद्युतीकरण को भी वरीयता दे रहा है, ताकि फैजाबाद सेक्शन में दोनों कार्य एक साथ पूरे हों।
सुरक्षित होगी रेल यात्रा
रेललाइन दोहरीकरण परियोजना से ट्रेनों की गति बढ़ाने के साथ ही देरी से संचालन की समस्या में कमी आएगी। ब्लॉक रखरखाव के लिए अधिक समय मिलने से रेल यात्र में सुरक्षा बढ़ेगी। भविष्य में रेल यातायात में वृद्धि को देखते हुए अतिरिक्त क्षमता सृजित होगी।
यात्रियों की मंशा
हावड़ा जाने के लिए फैजाबाद जंक्शन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्री तालिब कहते हैं कि दोहरीकरण की घोषणा का स्वागत है, लेकिन इसे जल्द से जल्द पूरा कराना होगा। रेल यात्री गौतम प्रसाद एवं दिनेश सिंह कहते हैं कि दोहरीकरण की मांग यदि पहले ही पूरी हो जाती तो सफर की मुश्किलें कम हो गई होतीं। योजना पर काम चल रहा है तो इसे समय रहते पूरा कराया जाना चाहिए।
अयोध्या के बहुरेंगे दिन
अयोध्या और काशी के बीच रेल लाइन के दोहरीकरण का कार्य पूरा होने से अयोध्या के भी दिन बहुरने के आसार हैं। रेल व्यवस्था सुगम होने से अयोध्या जैसे अहम धार्मिक स्थल पर आने वालों की परेशानी कम होगी। व्यवस्था बढ़ने से पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा।
सिंगल ट्रैक का खामियाजा भुगत रहा फैजाबाद
फैजाबाद रेल सेक्शन में प्रतिदिन 86 यात्री ट्रेनें आती-जाती हैं। 12 रेलवे स्टेशनों से आवागमन करने वाली इन ट्रेनों में सवार यात्रियों को सिंगल ट्रैक का खामियाजा भुगतना पड़ता है। सिंगल ट्रैक पर ट्रेनों के संचालन का रूट चार्ट भिन्न होता है। उदाहरण के लिए यदि सुपर फास्ट ट्रेन गुजर रही है तो एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेन को रोककर उसे क्रासिंग दी जाएगी। एक्सप्रेस ट्रेन गुजर रही है तो पैसेंजर को रोककर उसे क्रास कराया जाएगा। डबल ट्रैक होने पर अप-डाउन ट्रेन की अलग लाइनें होंगी, जिससे ट्रेनों का संचालन सामान्य होगा।