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Lok Sabha Election 2019: अमेठी-रायबरेली की तरह है श्रीनगर सीट, अब्दुल्ला परिवार तीन पीढ़ियों से कर रहा राज

करा के पीडीपी से त्यागपत्र देकर कांग्रेस में शामिल होने के बाद वर्ष 2017 में फिर से डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने इस सीट पर से चुनाव लड़ा और जीत गए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 06:41 PM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 06:41 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: अमेठी-रायबरेली की तरह है श्रीनगर सीट, अब्दुल्ला परिवार तीन पीढ़ियों से कर रहा राज
Lok Sabha Election 2019: अमेठी-रायबरेली की तरह है श्रीनगर सीट, अब्दुल्ला परिवार तीन पीढ़ियों से कर रहा राज

जम्मू, रोहित जंडियाल। देश में जब भी अमेठी और रायबरेली का जिक्र होता है तो गांधी परिवार की तीन पीढिय़ों की बात होने लगती है। जम्मू कश्मीर में भी एक ऐसा संसदीय क्षेत्र है जिसका प्रतिनिधित्व एक ही परिवार की तीन पीढिय़ां कर चुकी हैं। यह संसदीय क्षेत्र है कश्मीर का श्रीनगर-बडगाम। इसमें अब्दुल्ला परिवार की तीन पीढिय़ां वर्षो तक सांसद रह चुकी हैं।

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वर्तमान भी इसी परिवार से ताल्लुक रखने वाले डॉ. फॉरूक अब्दुल्ला यहां के सांसद हैं। श्रीनगर-बडगाम संसदीय क्षेत्र में पहली बार साल 1977 में बेगम अकबर जहां अब्दुल्ला नेशनल कांफ्रेंस की टिकट पर चुनाव जीती थीं। वह स्व. शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की पत्नी थीं। इसके बाद 1980 में उनके बेटे डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने इस सीट पर से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 18 साल बाद 1998 और 1999 में डॉ. फारूक अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला ने जीत दर्ज की। वह वर्ष 2004 में भी इसी सीट से सांसद बने। इसके बाद वर्ष 2009 में हुए चुनाव में डॉ. फारूक अब्दुल्ला विजयी रहे। वर्ष 2014 में डॉ. अब्दुल्ला को पीडीपी के तारिक हमीद करा से हार का सामना करना पड़ा।

यह पहली बार था जब अब्दुल्ला परिवार को इस सीट से हार का सामना देखना पड़ा। करा के पीडीपी से त्यागपत्र देकर कांग्रेस में शामिल होने के बाद वर्ष 2017 में फिर से डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने इस सीट पर से चुनाव लड़ा और जीत गए। इस समय इस सीट का प्रतिनिधित्व डॉ. अब्दुल्ला ही कर रहे हैं।

फिर से डॉ. अब्दुल्ला मैदान में

इस बार फिर से नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान डॉ. फारूक अब्दुल्ला इस सीट से चुनाव लडऩे जा रहे हैं। इसकी घोषणा भी हो गई है। उन्होंने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। अभी यह देखना है कि क्या कांग्रेस उनके खिलाफ चुनाव लड़ेगी या नहीं। दोनों दलों के बीच दिल्ली में गठबंधन पर बात चल रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस इस सीट पर उप चुनावों की तरह ही कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी। ऐसे में यह पांचवीं बार होगा जब डॉ. अब्दुल्ला इस सीट से चुनाव लड़ेंगे। इस बार अगर कांग्रेस अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी तो भी यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला होगा। पीडीपी और पीपुल्स कांफ्रेंस के उम्मीदवार उनके खिलाफ होंगे। भाजपा भी इस सीट पर अपना उम्मीदवार उतार सकती है। मुख्य मुकाबला तीन सीटों पर होगा।

अब्दुल्ला परिवार की तीन पीढ़ियां कई वर्षो तक सांसद रह चुकीं

  • 1977 बेगम अकबर जहां
  • 1980 डॉ. फारूक अब्दुल्ला
  • 1998 उमर अब्दुल्ला
  • 1999 उमर अब्दुल्ला
  • 2004 उमर अब्दुल्ला
  • 2009 डॉ. फारूक अब्दुल्ला
  • 2017 डॉ. फारूक (उपचुनाव)

15 विधानसभा क्षेत्र हैं अधीन

सेंट्रल कश्मीर के तीन जिलों श्रीनगर, बडगाम व गांदरबल पर आधारित इस संसदीय क्षेत्र में 15 विधानसभा क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र को नेशनल कांफ्रेंस का गढ़ माना जाता रहा है। तीन बार यहां से नेशनल कांफ्रेंस हारी है। वर्ष 1971 में इस सीट को निर्दलीय शमीम अहमद शमीम ने और 1996 में कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीता था।


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