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Lok Sabha Election 2019: ब्रज की सियासत में सबला बनने में लगे 57 साल

ब्रज की छह सीटों में सीकरी से सीमा बनी थीं पहली महिला सांसद। वर्ष 2014 में भाजपा से हेमामालिनी पहुंचीं थीं संसद में।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 02:35 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 09:37 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: ब्रज की सियासत में सबला बनने में लगे 57 साल
Lok Sabha Election 2019: ब्रज की सियासत में सबला बनने में लगे 57 साल

आगरा, अमित दीक्षित। आजादी के बाद से ही विभिन्न क्षेत्रों में अबला भले ही सबला बनती रहीं, मगर सियासत में सबला बनने मेें ब्रज को 57 साल लग गए। हालांकि दिल्ली पहुंचने के ख्वाब तो कई महिलाओं ने पाले, लेकिन कामयाबी मिली वर्ष 2009 में फतेहपुर सीकरी से बसपा की सीमा उपाध्याय को। इसके बाद अगले चुनाव में मथुरा से भाजपा की टिकट पर सिनेतारिका हेमामालिनी भी सांसद निर्वाचित हुई थीं।

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ब्रज की छह सीटों में से मथुरा में वर्ष 1984 में किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की पत्नी गायत्री देवी ने चुनाव लड़ा था। लोकदल की गायत्री देवी को कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह ने हराया था। इसके बाद के चुनाव में चौधरी चरण सिंह की पुत्री ज्ञानवती ने चुनाव लड़ा, लेकिन वो भी जीत नहीं पाईं।

वर्ष 1984 में ही जलेसर सीट से सुशीला ब्रजराज सिंह ने लोकदल की टिकट पर चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में कांग्रेस से कैलाश यादव, जनता पार्टी से मुल्तान सिंह, बीएस फोर से भारत सिंह मैदान में थे। इस चुनाव में सुशीला ब्रजराज सिंह दूसरे स्थान पर रहीं थीं। कांग्रेस के कैलाश यादव चुनाव जीते थे। सुशीला ब्रजराज सिंह ने वर्ष 1991 में जनता दल की टिकट पर फिर किस्मत आजमाई। मगर, हार गई थीं। वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद जलेसर संसदीय सीट खत्म कर दी गई और ये विधानसभा क्षेत्र आगरा सुरक्षित में समाहित कर दिया गया।

वर्ष 2004 में मैनपुरी में उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुमन चौहान ने चुनाव लड़ा, लेकिन सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव से हार गईं। वर्ष 2009 में मैनपुरी से भाजपा प्रत्याशी तृप्ति शाक्य ने चुनाव लड़ा। तृप्ति को भी सफलता नहीं मिली। वर्ष 2014 के चुनाव में मैनपुरी से भाजपा प्रत्याशी डॉ. संघमित्रा मौर्य चुनाव लड़ीं, लेकिन मुलायम सिंह से चुनाव हार गईं थीं।

2009 में फीरोजाबाद में हुए उप चुनाव में सपा ने डिंपल यादव को मैदान में उतारा। मगर, कांग्रेस प्रत्याशी राजबब्बर से वे हार गईं थीं।

परिसीमन के बाद वर्ष 2009 में पहली बार सृजित फतेहपुर सीकरी सीट से बसपा से सीमा उपाध्याय मैदान में उतरीं। सीमा ने कांग्रेस के राजबब्बर को हराया था। सीमा को 2.09 लाख और राजबब्बर को 1.99 लाख वोट मिले थे। सीमा उपाध्याय ब्रज की पहली महिला सांसद बनी थीं। हालांकि वर्ष 2014 के चुनाव में वे फतेहपुरसीकरी से हार गईं। भाजपा के बाबूलाल ने उन्हें हराया था। वर्ष 2014 में मथुरा से भाजपा प्रत्याशी हेमा मालिनी ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वह ब्रज की दूसरी महिला सांसद बनीं।  


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