UP Election Result 2019: उत्तर प्रदेश में नहीं चली गठबंधन की चाल, इस कारण भारी पड़ा मोदी मैजिक
UP Election Result 2019 लोकसभा की 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में जातियों की गोलबंदी की कोशिश सफल नहीं हुई जबकि भाजपा का मोदी मैजिक खूब चला।
नई दिल्ली (सुरेंद्र प्रसाद सिंह)। UP Election Result 2019 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में महागठबंधन की चाल को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई। सपा, बसपा और रालोद राज्य के सामाजिक परिवेश में तेजी से हो रहे परिवर्तन को समझने में नाकाम साबित हुए। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में महागठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों को पिछले लोकसभा व विधानसभा चुनाव के मुकाबले कम मत मिले। सबसे ज्यादा नुकसान समाजवादी पार्टी को हुआ है। उसके मत प्रतिशत में पांच फीसद तक की गिरावट आई है।
टूट गई जातियों की गोलबंदी
प्रदेश में भाजपा को 50 फीसद मत प्राप्त होते दिख रहे हैं, जिसे भाजपा ने चुनौती के रूप में लिया था। लोकसभा की 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में जातियों की गोलबंदी की कोशिश सफल नहीं हुई, जबकि भाजपा का मोदी मैजिक खूब चला। पिछले चुनाव में बसपा शून्य पर पहुुंच गई थी, जो इस बार गठबंधन के भरोसे अपनी स्थिति को थोड़ा मजबूत करने में सफल रही है। मतगणना के रुझान को आधार मानकर चलें तो राज्य में भाजपा को करीब 60 सीटें मिल सकती हैं।
हर दल ने बनाई थी रणनीति
सबसे ज्यादा सीटों वाले इस राज्य पर राजनीतिक कब्जा जमाने के लिए हर दल ने रणनीति बनाई थी। इसीलिए भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी व यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ रही थीं। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी, जनरल वीके सिंह और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय राज्य में ही चुनाव लड़ रहे थे। योगी की परंपरागत गोरखपुर सीट से रवि किशन चुनाव जीत रहे हैं। मतगणना के रुझानों में ये सभी प्रत्याशी आगे चल रहे है।
हार से गठबंधन को नुकसान
समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव, पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, डिंपल यादव, अक्षय प्रताप यादव व धमेंद्र् यादव चुनाव मैदान में हैं। सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं। सपा को इस बार 18 फीसद और बसपा को 19 फीसद मत मिले हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने खुद चुनाव लड़ने की बजाय मैदान में अपने नेताओं को उतारा है। दूसरे छोटे दलों में केवल राजग का सहयोगी अपना दल दो सीटों से चुनाव लड़ रहा है, जिनमें मिर्जापुर की सीट वह जीत रहा है। वहीं महागठबंधन के सहयोगी रालोद के अध्यक्ष अजित सिंह रुझानों के हिसाब से मुजफ्फरनगर से चुनाव हार रहे हैं।
कांग्रेस को महागठबंधन में शामिल नहीं करने से हुआ नुकसान
महागठबंधन में कांग्रेस को शामिल न करना सपा व बसपा को भारी पड़ता दिख रहा है। कांग्रेस के उतारे प्रत्याशी भी कई सीटों पर महागठबंधन को हराते दिख रहे हैं। पार्टी ने वोटकटवा की भूमिका निभाई है, जिसका जिक्र चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका गांधी ने किया भी था। इस चुनाव में प्रियंका गांधी की चुनावी रैलियां और रोड शो फुस्स रहा।
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