Lok Sabha Election 2019 : प्रत्याशियों के वादों के पिटारे में एक से बढ़कर एक वादे, जानिए
Lok Sabha Election 2019. प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए एक से बढ़ कर एक चुनावी वादा कर रहे हैं। सबसे अधिक आदिवासी क्षेत्र होने के नाते आदिवासी हित की बात करते हुए दिख रहे।
चाईबासा, जेएनएन। Lok Sabha Election 2019 सिंहभूम लोकसभा चुनाव के लिए स्क्रूटनी के बाद 9 प्रत्याशी मैदान में हैं। सभी प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए एक से बढ़ कर एक चुनावी वादा कर रहे हैं। इसमें सबसे अधिक आदिवासी क्षेत्र होने के नाते आदिवासी हित की बात करते हुए दिख रहे हैं। साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा और बेरोजगारी दूर करने की सभी प्रत्याशी एक साथ सुर मिलाकर हित साधने की कोशिश कर रहे हैं। आइये जानते हैं प्रत्याशियों के पांच प्रमुख चुनावी मुद्दे क्या हैं।
गीता कोड़ा, कांग्रेस
-शिक्षा के क्षेत्र में उचित कदम उठाना, खास कर उच्च शिक्षा को प्रखंड स्तर पर आसानी से उपलब्ध कराना।
-स्वास्थ्य इस क्षेत्र का बड़ा मुद्दा रहा है। पश्चिम सिंहभूम व सरायकेला स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी पिछड़ा है, गांव-गांव स्तर कर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना लक्ष्य।
- महिला सुरक्षा पर विशेष कदम उठना।
-स्वच्छ पेयजल गांव-गांव तक पहुंचाना।
- कोल्हान से पलायन को रोक कर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर देना।
हरि उरांव, कलिंग सेना
-हो भाषा को 8 वीं अनुसूची में शामिल करना।
-स्कूलों के विलय को रोकर गांव-गांव में शिक्षा की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना।
-भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की पहल करना।
-स्वरोजगार को बढ़ावा देना।
-स्वास्थ्य सुविधा को गांव-गांव तक सुलभ करना।
- किसानों के लिए विशेष योजना।
लक्ष्मण गिलुवा, भाजपा
- गांव, गरीब और वंचित तबके तक विकास पहुंचाना।
- देश का सर्वांगगी विकास के लिए मोदी को पुन: पीएम बनाना जरुरी।
-राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए केन्द्र में भाजपा की सरकार जरुरी।
-क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने की कोशिश होगी।
- रोजगार के अधिक से अधिक साधन उपलब्ध हो, जिससे पलायन रुक।
अनिल सोरेन, निर्दलीय
- प्राथमिक स्तर से क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई शुरु करवाने की कोशिश रहेगी।
- संविधान की 5 वीं अनुसूची को कोल्हान क्षेत्र में मजबूती के साथ लागू करावाना।
- औद्योगिक प्रतिष्ठानों के द्वारा कंपनी अधिनियम व औद्योगिक कानूनों का अनुपालन कराने का प्रयास कराना।
-ईचा-खरकई डैम को बंद करवाना, जिससे हजारों को विस्थापित कर पूर्नवास नहीं कराना।
- जनगणना 2021 में आदिवासियों के सरना धर्म कोड़ को प्रावधान कराना।
प्रताप सिंह बानरा, अंबेडकराइट पार्टी आफ इंडिया
-विलकिंसन रुल को कोल्हान में लागू कराना।
- सच्चर कमेटी के रिपोर्ट को देश भर में लागू करवाना।
- ओबीसी के हेड में बजट का प्रावधान कराना।
- देश के अंदर 45 प्रतिशत को सख्ती से लागू कराना।
-आदिवासियों को कंपनी पर 20-25 प्रतिशत का शेयर होल्डर बनाना।
पुष्पा सिंकू, निर्दलीय
-मजदूर, किसान, आदिवासियों के लिए हक की मांग।
- कोल्हान क्षेत्र में शिक्षा का स्तर को ऊंचा करना।
-कोल्हान में 5 वीं अनुसूची को सख्ती से लागू कराना।
-पलायन की समस्या को रोक कर बेरोजगारों को रोजगार दिलाने का प्रयास।
-गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल की समस्या दूर करना।
-गांवों बिजली, सड़क समेत अन्य मूलभूत सुविधाएं दूर करना।
चन्द्र मोहन हेम्ब्रम, एसयूसीआइ कम्यूनिष्ट
-प्रारंभिक से लेकर उच्च शिक्षा को गांव तक सरल बनाना।
- प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था करना।
-जल-जंगल-जमीन के लिए लड़ाई लड़ना।
-पलायन रोक कर कोल्हान में रोजगार का अवसर पैदा करना।
-नशापान मुक्त समाज का निर्माण कराना।
कृष्णा मार्डी, झामुमो उलगुलान
- जल-जंगल-जमीन के हक से आदिवासियों को दूर किया जा रहा है। इसके लिए सांसद में आवाज उठाना।
- झारखंड के आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी घोषित कराने की पहल ।
-बेरोजगारों को अनुबंध में सरकारी कार्य दिया जा रहा है। जिसमें पारा शिक्षक आदि शामिल हैं, उन सभी को स्थायीकरण कराने का प्रयास।
-आदित्यपुर व ईचा डैम के विस्थापितों को हक दिलाने के लिए प्रयास करना।
परदेशी लाल मुंडा, बहुजन समाजवादी पार्टी
-पश्चिम सिंहभूम क्षेत्र में कंपनियों के द्वारा सीएसआर के तहत विकास का कार्य सख्ती से कराना।
-शिक्षा के विकास में केन्द्र से विशेष सहायता प्राप्त करना।
-गांव-गांव में स्वास्थ्य की सुविधा को पहुंचाना।
-कंपनियों में रोजगार के लिए युवाओं को मौका दिलाना।
- कृषि के क्षेत्र में बड़े स्तर से कार्य करना।