झारखंडः बाबूलाल मरांडी बोले, नहीं संभले तो कटोरा थमा देगी मोदी सरकार
Babu Lal Marandi. झारखंड विकास मोर्चा के रांची लोकसभा सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी ने भाजपा को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।
रांची, राज्य ब्यूरो। झाविमो सुप्रीमो सह राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि जनता अगर 2019 के चुनाव में नहीं संभली तो मोदी सरकार उन्हें कटोरा थमा देगी और कहेगी कि भीख मांगना भी पकौड़ा बेचने और पंक्चर लगाने के समकक्ष रोजगार है। उन्होंने कहा कि जनता पिछले पांच साल का आकलन करे तो स्थिति खुद ब खुद स्पष्ट हो जाएगी। न महंगाई घटी है और न ही दो करोड़ बेरोजगारों को रोजगार मिला। जीएसटी और नोटबंदी के कारण लघु और कुटीर उद्योग बंद हो गए हैं।
मरांडी रविवार को हरमू मैदान में आयोजित रांची लोकसभा सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। बाबूलाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कालाधन के 15-15 लाख रुपये लोगों के अकाउंट में देने के फैसले का क्या हुआ। असल में वह कालाधन जनता की गाढ़ी कमाई थी, जिसे भाजपा के नेताओं ने विदेशी बैंकों में जमा कराया था। केंद्र सरकार ने आरबीआइ, कोर्ट, सीबीआइ जैसी संवैधानिक संस्थाओं को मुट्ठी में लेकर उसे कमजोर करने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार पाक साफ है तो राफेल प्रकरण की जांच संयुक्त संसदीय समिति से क्यों नहीं कराती। मरांडी ने कहा कि झारखंड में भी कमोबेश ऐसे ही हालात हैं। नौकरी देने की बात बस कागजी है। उन्होंने राज्य सरकार को चुनौती दी, कहा कि सरकार नौकरी पाने वालों का नाम-पता किताब की शक्ल में प्रकाशित करे, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि अबतक जो भी सरकारी नौकरियां दी गईं, उनमें बाहरियों का ही वर्चस्व रहा है। अगर सरकार झारखंडी युवाओं की इतनी ही हितैषी है तो 25-30 वर्षों के लिए यहां की नौकरियां स्थानीय के लिए आरक्षित कर दे। महासचिव सह पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि सरकार की कारगुजारियों से उनके ही मंत्री सरयू राय जहां खफा हैं, वहीं स्पीकर तक सदन में यह कहते हुए असहाय नजर आते हैं कि अगर सरकार समस्या का समाधान नहीं कर सकती है, तो सदन स्थगित कर देना चाहिए।
उपलब्धियां कुछ नहीं, वोट के लिए हिंदू-मुस्लिम को लड़ाएंगे : सुबोधकांत
पूर्व केंद्रीय मंत्री सह वरिष्ठ कांग्रेसी सुबोधकांत सहाय ने कहा कि सरकार के पास उपलब्धियां गिनाने के नाम पर कुछ नहीं है। अलबत्ता वे वोट के लिए ङ्क्षहदू और मुसलमानों को आपस में लड़ाने का काम करेगी। कहीं मंदिर तो कहीं मस्जिद में कुछ फेंका जाएगा और राजनीति की जाएगी। लेकिन काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती, जनता भी जानती है। मॉब लिंचिंग के नाम पर लोगों को घेर कर मारा जा रहा है। जनता इसका जवाब देगी।
उग्रवादियों को एक करोड़, शहीदों को 10 लाख दे रही है रघुवर सरकार
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार को कम से कम शहीदों के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। आत्मसमर्पण करने पर वह उग्रवादियों को 50 लाख से एक करोड़ रुपये देती है, जबकि शहीदों को 10 लाख रुपये देकर उनका मखौल उड़ाती है।