Lok Sabha Election 2019: जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर दो खिलाड़ियों के बीच रौचक मुकाबला
जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर इस बार दो खिलाड़ी आमने-सामने है। भाजपा के टिकट पर राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ मैदान में हैवहीं कांग्रेस ने विधायक कृष्ण पूनिया को टिकट दिया है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली भाजपा मिशन -25 की रणनीति पर काम कर रही है। प्रत्याशी घोषित होने के बाद दोनों ही पार्टियां जीत की रणनीति बनाने में जुटी है। जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर इस बार दो खिलाड़ी आमने-सामने है। भाजपा के टिकट पर केंद्र राज्यमंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ फिर मैदान में है,वहीं कांग्रेस ने विधायक कृष्ण पूनिया को टिकट दिया है।
राठौड़ और पूनिया दोनों ही अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी है। राठौड़ ने एथेंस ओलंपिक खेल में डबल ट्रैप शूटिंग में सिल्वर मेडल जीता था। वहीं पूनिया दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता रही थी। वे तीन ओलंपिक में भाग ले चुकी है। दोनों खिलाड़ियों के बीच मुकाबला रौचक होता जा रहा है।
राजनीतिक एवं सामाजिक गणित
साल 2008 के परिसीमन में जयपुर और अलवर जिले के कुछ हिस्सों को मिलाकर जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट बनी थी। परिसीमन के बाद हुए पहले लोकसभा में कांग्रेस के लालचंद कटारिया ने भाजपा के राव राजेंद्र सिंह को 52,237 वोटों से हराया था।2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज डॉ.सी.पी.जोशी ने यहां से चुनाव लड़ा और भाजपा प्रत्याशी पूर्व ओलंपियन और सेना में अधिकारी रहे कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से 3,32,896 वोटों से हार गए।
करीब तीन माह पूर्व हुए विधानसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटों में से 5 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की,वहीं भाजपा ने 2 और 1 सीट पर निर्दलीय ने जीत हासिल की थी। इस क्षेत्र में जाट, ब्राह्मण और दलित समाज के मतदाताओं की संख्या अधिक है। हालांकि राजपूत,यादव और मीणा समाज भी चुनावी गणित को प्रभावित करने का दम रखते है। यहां ढाई से तीन लाख के लगभग जाट और डेढ़ से दो लाख के करीब गुर्जर है। पांच साल तक केंद्र में मंत्री रहने के दौरान राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में पूरी तरह से सक्रिय रहे। वे भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ ही आम लोगों के बीच लोकप्रिय माने जाते है ।
सामाजिक कार्यक्रमों में हमेशा दिलचस्पी लेने वाले राठौड़ ने आम मतदाताओं के साथ सीधा संपर्क रखा है। वे 23 साल भारतीय सेना में तैनात रहे। इस दौरान वे जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में भी शामिल रहे। सेना में रहते हुए राज्यवर्धन राठौड़ ने डबल ट्रैप शूटिंग में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 25 अंतरराष्ट्रीय मेडल जीते। 2004 के एथेंस ओलंपिक में उन्होने ने भारत को डबल ट्रैप शूटिंग में रजत पदक दिलाया ।