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EXCLUSIVE झारखंड ग्राउंड रिपोर्ट, दावों में नहीं दम फिर भी ठोक रहे खम, ये है हकीकत

महागठबंधन में झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में चार पर पेच फंसा हुआ है। महागठबंधन के घटक दल इन पर अपना-अपना दावा ठोंक रहे हैं। इस विशेष ग्राउंड रिपोर्ट में जानें, उन दावों की हकीकत।

By Amit SinghEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 01:57 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 01:13 AM (IST)
EXCLUSIVE झारखंड ग्राउंड रिपोर्ट, दावों में नहीं दम फिर भी ठोक रहे खम, ये है हकीकत
EXCLUSIVE झारखंड ग्राउंड रिपोर्ट, दावों में नहीं दम फिर भी ठोक रहे खम, ये है हकीकत

रांची [जागरण स्पेशल]। महागठबंधन पर दिल्ली में राहुल से हेमंत की मुलाकात के बाद सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय होते ही किचकिच बढ़ गई है। झाविमो, राजद और वामदल ने विरोध का बिगुल बजा दिया है। महागठबंधन में लोकसभा की 14 सीटों में चार सीटों पर पेच फंसा हुआ है। गोड्डा, पलामू, चतरा, और हजारीबाग पर महागठबंधन के दल अपना-अपना दावा ठोंक रहे हैं।

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गोड्डा पर सबसे ज्यादा रार मची है। कांग्रेस और झाविमो दोनों इस सीट पर जीत का दम ठोक रहे हैं। हजारीबाग सीट कांग्रेस को मिली है, वाम दल इस सीट पर ताल ठोक रहा। पलामू सीट झाविमो को मिली है, इस पर राजद भी दावा कर रही है। चतरा सीट राजद के खाते में आई है, जबकि इस सीट पर झाविमो लड़ने को बेताब है। महागठबंधन के दलों के दावों के बीच जागरण टीम ने झारखंड राजनीति की रियलिटी चेक की। पार्टियों के दावे का आधार जानने का प्रयास किया। पढ़ें दैनिक जागरण की ग्राउंड रिपोर्ट।

हजारीबाग : 1984 में आखिरी बार जीती थी कांग्रेस
हजारीबाग संसदीय सीट पर सीपीआइ कांग्रेस से यू हीं रार नहीं कर रही। 1984 के बाद से कांग्रेस कभी इस सीट पर नहीं जीती है। सीपीआइ ने इस सीट पर एक बार कांग्रेस के समर्थन और एक बार अपने बल पर जीत हासिल की है। 1991 व 2004 में सीपीआइ से भुवनेश्वर प्रसाद मेहता यहां से सांसद चुने गए। वहीं 1989 में पहली बार जीत हासिल करने वाली भाजपा का पिछले तीन दशक से हजारीबाग गढ़ बन चुका है। दो मौकों को छोड़ हर बार यहां भाजपा प्रत्याशी जीता है। वर्तमान में भाजपा के जयंत सिन्हा यहां से सांसद हैं।

हजारीबाग सीट पर कब कौन जीता
1984 - दामोदर पांडेय, कांग्रेस
1989- यदुनाथ पांडेय, भाजपा
1991- भुवनेश्वर प्रसाद मेहता- सीपीआइ
1994- महावीर लाल विश्वकर्मा - भाजपा
1999- यशवंत सिन्हा - भाजपा
2004 - भुवनेश्वर प्रसाद मेहता-सीपीआइ
2009- यशवंत सिन्हा - भाजपा
2014 - जयंत सिन्हा - भाजपा

2014 में हजारीबाग सीट पर किसे कितने वोट मिले
जयंत सिन्हा - भाजपा- 406931
सौरभ नारायण सिंह- कांग्रेस- 247803
लोकनाथ महतो - आजसू - 156186
एके मिश्रा - झाविमो - 30,408
भुवनेश्वर प्रसाद मेहता- सीपीआइ- 30,326

चतरा : राजद से मजबूत है झाविमो का संगठन
चतरा संसदीय क्षेत्र में महागठबंधन के घटक दलों में झाविमो की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है। यहां झाविमो का बेहतर संगठन है। इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत पांच विधानसभा क्षेत्र चतरा जिले का चतरा एवं सिमरिया, लातेहार जिले का लातेहार और मनिका और पलामू जिले का पांकी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। चतरा, सिमरिया एवं मनिका विधानसभा पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है। लातेहार सीट पर झाविमो और पांकी से कांग्रेस उम्मीदवार निर्वाचित हुए हैं। यहां झाविमो की स्थिति राजद से काफी बेहतर है। भाजपा के सुनील कुमार सिंह यहां से वर्तमान सांसद हैं।

चतरा सीट पर कब कौन जीता
1957 : विजया राजे, सीएनएसपीजेपी
1962 : विजय राजे, एसडब्ल्यूए पार्टी
1967 : विजय राजे, जेएपी
1971 : शंकर दयाल सिंह, कांग्रेस
1977 : सुखदेव प्रसाद वर्मा, बीएलडी
1980 : रणजीत सिंह, कांग्रेस
1984 : योगेश प्रसाद योगेश, कांगे्रस
1989 : उपेन्द्रनाथ वर्मा, जनता दल
1991 : उपेन्द्रनाथ वर्मा, जनता दल
1994 : धीरेंद्र अग्रवाल, भाजपा
1999 : नागमणि, राजद
2004 : धीरेंद्र अग्रवाल, राजद
2009 : इंदर सिंह नामधारी, निर्दलीय
2014 : सुनील कुमार सिंह, भाजपा

चतरा सीट पर 2014 में किसे कितने वोट मिले
सुनील कुमार सिंह : भाजपा : 2,95,862
धीरज प्रसाद साहु : कांग्रेस : 1,17,836
नीलम देवी : झाविमो : 1,04,176

पलामू : सीट झाविमो को लेकिन अड़ा है राजद
महागठबंधन में पलामू संसदीय सीट झाविमो के खाते में है, लेकिन राजद इस पर दावा कर रहा है। राजद दो बार इस सीट को अपने खाते में कर चुका है। पिछले चुनाव में भी राजद को झाविमो से अधिक मत मिले थे। 2014 में भाजपा प्रत्याशी विष्णु दयाल राम यहां से जीते थे। राजद प्रत्याशी मनोज कुमार दूसरे नंबर पर और झाविमो के घूरन राम तीसरे स्थान पर रहे थे। राजद और झाविमो के मत जोड़ दिए जाएं तो वे भाजपा को टक्कर दे सकते हैं। इसके लिए उनका आपसी मतभेद खत्म होना जरूरी है। पलामू लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा आती हैं।

पलामू सीट पर 2014 में किसे कितने वोट मिले
विष्णु दयाल राम : भाजपा : 4,76,513
मनोज कुमार, राजद : 2,12,571
घूरन राम, झाविमो : 1,56,032

गोड्डा : दो पूर्व सांसद में मची है खींचतान
आजादी के बाद से अब तक यहां कुल 18 बार चुनाव (दो उपचुनाव समेत) हुए, जिनमें आठ-आठ बार भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी जीते। एक-एक बार यहां से झारखंड पार्टी व झामुमो के प्रत्याशी को जीते हैं। जगदंबी प्रसाद यादव यहां चार बार (एक बार जनता पार्टी, तीन बार भाजपा से) जीते हैं। उनके निधन के बाद 2002 में उपचुनाव में भाजपा के प्रदीप यादव सांसद बने। 2004 में इस सीट पर जीते कांग्रेस के फुरकान अंसारी, लगातार दो बार से हार रहे हैं। इस बार कांग्रेस उनकी जगह उनके बेटे व जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष आलमगीर आलम व कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अख्तर अंसारी को उतार सकती है।

गोड्डा लोकसभा सीट पर कब कौन जीता
1989 : जनार्दन यादव, भाजपा
1991 : सूरज मंडल, झामुमो
1996 : जगदंबी प्रसाद यादव, भाजपा
1998 : जगदंबी प्रसाद यादव, भाजपा
1999 : जगदंबी प्रसाद यादव, भाजपा
2003 : प्रदीप यादव, भाजपा
2004 : फुरकान अंसारी, कांग्रेस
2009 : निशिकांत दुबे, भाजपा
2014 : निशिकांत दुबे, भाजपा

गोड्डा सीट पर 2014 में किसे कितने वोट मिले
निशिकांत दुबे : भाजपा : 380500
फुरकान अंसारी : कांग्रेस : 319818
प्रदीप यादव : झाविमो : 193506

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