Lok Sabha Election 2019: गोड्डा में एनडीए-यूपीए के सामने भितरघात ही सबसे बड़ी चुनाैती
सीएम ने मधुपुर गोड्डा महगामा के विधायकों के साथ बैठक कर निर्देश दिए हैं। महागठबंधन में भी ठीक नहीं चल रहा है। पूर्व सांसद फुरकान की नाराजगी ने महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी है।
गोड्डा, जेएनएन। गोड्डा संसदीय क्षेत्र में चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। बावजूद एनडीए और यूपीए दोनों को ही भितरघात से जूझना पड़ रहा है। पार्टी के रणनीतिकार डैमेज कंट्रोल में लगे हैं। यहां नामांकन 22 अप्रैल से शुरू होगा। हालांकि सूबे के सीएम रघुवर दास संताल की तीन सीटों के लिए दुमका और देवघर में कैंप कर डैमेज कंट्रोल की कवायद भी कर चुके हैं।
सीएम ने मधुपुर, गोड्डा, महगामा के विधायकों के साथ बैठक कर अहम निर्देश दिए हैं। महागठबंधन में भी सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। पूर्व सांसद फुरकान अंसारी की नाराजगी महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ा रही है। अब तक उनका खेमा प्रचार में नहीं कूदा है। कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन ङ्क्षसह और प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार राज्य में महागठबंधन को बढ़त दिलाने के हर कोशिश में लगे हैं। हाल में महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर जो खटास पैदा हुई उसका असर दिख रहा है। पूर्व सांसद फुरकान अंसारी की क्षेत्र में अच्छी पैठ भी है। आसन्न चुनाव में भाजपा को रोकने का महागठबंधन का मंसूबा तभी पूरा होता तब फुरकान अंसारी पूरे मनोयोग से प्रत्याशी प्रदीप यादव के पक्ष में उतरेंगे। हालांकि गांव-गांव में भाजपा और महागठबंधन के लोग चुनावी चौपाल लगाकर बातें रख रहे हैं। भाजपा के पास यहां जनता को बताने के लिए अपने किए गए काम की फेहरिस्त है। भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे हैट्रिक लगाने के लिए कोई कसर नहीं छोडऩा चाहते। कई और प्रत्याशी भी ताल ठोंक रहे हैं। गोड्डा भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश झा ने बताया कि भाजपा पूरी एकजुटता के साथ चुनाव लड़ रही है। चुनाव में पूरा संगठन एकजुट है। सांसद निशिकांत दुबे ने विकास की जो लकीर खींची है, उसके आगे विरोधियों रणनीति फेल होगी। भितरघात का कोई खतरा नहीं है। सीएम रघुवर दास स्वयं संताल की तीनों सीटों को लेकर सजग हैं।
इधर झारखंड विकास मोर्चा के जिलाध्यक्ष धनंजय यादव ने बताया कि महागठबंधन में शामिल घटल दल के कार्यकर्ता और नेता पूरी एकता के साथ लगे हैं। जेवीएम, जेएमएम, कांग्रेस की संयुक्त बैठकें नियमित हो रही है। महागठबंधन के प्रत्याशी प्रदीप यादव की छवि भी संघर्षशील प्रतिनिधि की है। पूर्व सांसद फुरकान अंसारी को अभी कांग्रेस ने अलग जिम्मेदारी दे रखी है। जरूरत पडऩे पर वे भी आएंगे। कहीं कोई नाराजगी नहीं है।