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प्रचार-प्रपंच: जम्मू-कश्मीर में सी-विजिल पर बेतुकी शिकायतों की भरमार

जम्मू-कश्मीर में पहली बार लोगों को इसकी जानकारी दी गई लेकिन इसके माध्यम से आयोग के पास बेतुकी व निराधार शिकायतें ही मिल पाई है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 11:40 AM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 11:40 AM (IST)
प्रचार-प्रपंच: जम्मू-कश्मीर में सी-विजिल पर बेतुकी शिकायतों की भरमार
प्रचार-प्रपंच: जम्मू-कश्मीर में सी-विजिल पर बेतुकी शिकायतों की भरमार

जम्मू, ललित कुमार। चुनाव प्रक्रिया के दौरान आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत दर्ज करवाने के लिए भारतीय चुनाव आयोग ने देश की जनता को सी-विजिल(सिटीजन विजिल) का हथियार दिया है, ताकि अगर किसी को भी आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी मिले तो वह उसकी फोटो खींच कर या वीडियो बनाकर आयोग के पास भेजे।

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जम्मू-कश्मीर में पहली बार लोगों को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन इसके माध्यम से आयोग के पास बेतुकी व निराधार शिकायतें ही मिल पाई है। सी-विजिल के माध्यम से अस्सी शिकायतें दर्ज हुई, जिनमें से 51 शिकायतों को प्रारंभिक जांच में निराधार पाते हुए खारिज कर दिया। रोजाना पांच से आठ शिकायतें आ रही हैं, लेकिन इनमें से कुछ-एक को छोड़ शेष में किसी पर आचार संहिता उल्लंघन नहीं पाया। जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी शैलेंद्र कुमार के मुताबिक दस में से अगर एक भी शिकायत सही आती है तो आयोग का मकसद पूरा हो जाता है। जहां कहीं भी आचार संहिता का उल्लंघन होता है, तत्काल उसकी जानकारी आयोग को दें। पहली बार लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, ऐसे में कुछ नासमझी तो होगी ही।

अब तक आई शिकायतें

  • कुल शिकायतें : 80
  • खारिज हुई : 51
  • सही पाई गई : 20
  • जांच जारी : 6
  • निर्णय लंबित : 2
  • आरओ के पास लंबित : 1

शहरों तक ही सीमित

सी-विजिल चूंकि मोबाइल ऐप है, लिहाजा इसका प्रयोग शहरों तक ही सीमित है। अभी तक आयोग के पास जो शिकायतें आई है, उनमें से नब्बे फीसद शहरों व कस्बों से है। ग्रामीण इलाकों से आने वाली शिकायतें काफी कम है। जानकारों की माने तो ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट व टेक्नॉलजी के कम इस्तेमाल व जागरूकता के कारण लोग इससे अनजान है।

कैसे करें सी-विजिल पर शिकायत

सी-विजिल चुनाव आयोग की मोबाइल ऐप है जिसे गूगल प्ले-स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। डाउनलोड करने के बाद आपको अपने मोबाइल नंबर के साथ अन्य जानकारी भरनी होगी। इसे हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में इस्तेमाल किया जा सकता है। चुनाव आचार संहिता की फोटो या वीडियो खींच कर आयोग को भेजी जा सकती है। यह आवश्यक है कि अपने मोबाइल की लोकेशन आन रखे। मोबाइल ऐप से मिलने वाली शिकायतों की कंट्रोल रूम से निगरानी होती है और उसे संबंधित जिले के निर्वाचन अधिकारी के पास भेजा जाता है।


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