Loksabha Election 2019: पार्टियों के पंजीकरण की होड़, देश में हैं 2293 राजनीतिक दल
इस साल ही महज फरवरी और मार्च के बीच 149 राजनीतिक दलों ने आयोग में अपना पंजीकरण करवाया है। इस साल फरवरी तक ही देश में केवल 2143 पार्टियां थीं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। 2019 में होने वाले आम चुनावों से पहले देश में कुल 2,293 राजनीतिक दल बन चुके हैं। इन छोटे-बड़े दलों में दिल्ली से पंजीकृत 'सबसे बड़ी पार्टी', तेलंगाना से 'भरोसा पार्टी' और जयपुर से 'राष्ट्रीय साफ नीति पार्टी' जैसे कई दल पंजीकृत किए गए हैं। इसमें से सात मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और 59 मान्यता प्राप्त राज्य स्तरीय पार्टियां हैं।
आम तौर पर चुनाव आने से पहले दलों के पंजीकरण का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस बार भी लोकसभा चुनाव से पहले ढेर सारे राजनीतिक दलों ने पंजीकरण के लिए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया। इस साल ही महज फरवरी और मार्च के बीच 149 राजनीतिक दलों ने आयोग में अपना पंजीकरण करवाया है। इस साल फरवरी तक ही देश में केवल 2,143 पार्टियां थीं। राजनीतिक दलों के पंजीकरण का यह सिलसिला लोकसभा चुनावों की घोषणा के एक दिन पहले, नौ मार्च तक चला।
पिछले साल नवंबर-दिसंबर के दौरान मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों से पहले 58 राजनीतिक पार्टियों ने अपना पंजीकरण कराया था। हाल-फिलहाल आयोग में पंजीकरण करने वाली राजनीतिक पार्टियों में 'भरोसा पार्टी', 'राष्ट्रीय साफ नीति पार्टी' और 'सबसे बड़ी पार्टी' सरीखे राजनीतिक दल शामिल हैं।
बिहार के सीतामढ़ी से 'बहुजन आजाद पार्टी', उत्तर प्रदेश के कानपुर से 'सामूहिक एकता पार्टी' और तमिलनाडु के कोयंबटूर से 'न्यू जेनरेशन पीपुल्स पार्टी' ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। हालांकि ये पंजीकृत, लेकिन गैर-मान्यताप्राप्त राजनीतिक पार्टियां हैं। उनका अपना कोई तय विशिष्ट चुनाव चिन्ह नहीं होता है जिसपर ये चुनाव लड़ सकें। उन्हें चुनाव आयोग से जारी 'मुक्त चुनाव चिन्हों' में से चुनना होगा। आयोग के नवीनतम सर्कुलर के अनुसार ऐसे 84 चुनाव चिन्ह हैं। इन पार्टियों के उम्मीदवारों को हर चुनाव क्षेत्र में अलग-अलग चुनाव चिन्हों पर भी लड़ना पड़ सकता है।