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पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को सुनने के लिए हसनपुर में उमड़ा था जनसैलाब

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली से लखनऊ की पदयात्रा करते समय हसनपुर के नुमाइश ग्राउंड में जनसभा को संबोधित किया था।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 10:43 AM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 11:50 AM (IST)
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को सुनने के लिए हसनपुर में उमड़ा था जनसैलाब
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को सुनने के लिए हसनपुर में उमड़ा था जनसैलाब

राशिद चौधरी, हसनपुर (जेएनएन) :  पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली से लखनऊ की पदयात्रा करते समय हसनपुर के नुमाइश ग्राउंड में जनसभा को संबोधित किया था। उन दिनों वह कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव थे। उन्होंने वर्ष 1984 में संगठन को मजबूत करने के लिए यह पदयात्रा की थी। उनके साथ सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्र भी आए थे। 

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विकास कार्यों को गिनाते हुए छोड़े थे सियासी तीर

जनपद मुरादाबाद के तत्कालीन यूथ कांग्रेस के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष तारिक मुहम्मद खां बताते हैं कि उन दिनों प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का दौर था। राजीव गांधी पार्टी के महासचिव की हैसियत से कांग्रेस संगठन को मजबूत बनाने में जुटे हुए थे। दिल्ली से सम्भल होते हुए लखनऊ जाते वक्त पदयात्रा हसनपुर में रुकी थी। यहां नुमाइश ग्राउंड में राजीव गांधी व मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्र ने जनसभा को संबोधित किया था। 

राजीव गांधी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करने की अपील के साथ ही केंद्र व राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों को गिनाते हुए सियासी तीर छोड़े थे। राजीव गांधी को सुनने के लिए हसनपुर की सरजमीं पर बड़ी तादात में लोगों का जनसमूह उमड़ा था।

मेटाडोर के परमिट किए थे बहाल 

पदयात्रा लेकर हसनपुर आए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी व मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्र से हसनपुर निवासी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता तारिक मुहम्मद खां ने पूरे सूबे में मेटाडोर के परमिट निरस्त करने से लोगों के रोजगार छीनने व जनता को असुविधा होने की बात रखी थी। राजीव गांधी ने तत्काल उनकी मांग पर मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्र से सूबे में मेटाडोर के समस्त लाइसेंस बहाल कराने के आदेश जारी कराए थे।

उस दौर में नेताओं पर था भरोसा

पांच दशक से राजनीति में सक्रिय तारिक मुहम्मद खां बताते हैं कि उस दौर में नेताओं की बात पर जनता भरोसा करती थी तथा नेता भी जनता से किए वादों को पूरा करते थे। जनसभा में जो कहकर जाते थे सदन में पहुंचकर उस पर अमल कराने का पूरा प्रयास करते थे। आज के दौर में निश्चित रूप से नेताओं की बात से जनता का भरोसा उठता जा रहा है। 


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