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छत्तीसगढ़ में आदिवासी और किसान दोनों ही मुद्दों अहम, कांग्रेस का लुभाने वाला होगा ये कदम

छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल मामले में बंद आदिवासियों की रिहाई कर सकती हैं। छत्तीसगढ़ की 70 फीसद आबादी कृषि से जुड़ी हुई है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 11:11 AM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 11:11 AM (IST)
छत्तीसगढ़ में आदिवासी और किसान दोनों ही मुद्दों अहम, कांग्रेस का लुभाने वाला होगा ये कदम
छत्तीसगढ़ में आदिवासी और किसान दोनों ही मुद्दों अहम, कांग्रेस का लुभाने वाला होगा ये कदम

रायपुर, राज्य ब्यूरो। देश में हर पार्टी आम चुनावों की तैयारियों में जुट गई हैं। सभी पार्टियां अपने क्षेत्र में हर कदम फूंक-फूंककर रख रही हैं। देश में कुछ ऐसे राज्य भी है जहां पूरे राज्य का चुनाव सिर्फ एक या दो मुद्दों पर लड़ा जाता हैं। इनमें एक राज्य छत्तीसगढ़ भी है, जहां आदिवासी और किसान हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहे है। कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए ही छत्तीसगढ़ में आदिवासी वोट बैंक काफी अहम है। वहीं राज्य में किसानों का भी बोल-बाला पूरा है।

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बता दें कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के लिए चार सीटें आरक्षित हैं और तीन सीटें ऐसी हैं जिनमें उनका व्यापक प्रभाव है। राज्य के उत्तरी क्षेत्र सरगुजा और दक्षिण क्षेत्र बस्तर में सबसे अधिक अदिवासी सीटें हैं। ऐसा माना जाता है कि राज्य में इन सीटों पर जीत के माध्यम से ही सत्ता तक पहुंचा जा सकता है। वहीं देखा जाए तो प्रदेश की 70 फीसद आबादी कृषि से जुड़ी हुई है। विधानसभा चुनाव में किसानों ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। भाजपा को यह खल गया था। प्रदेश में दोनों प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस हमेशा से इन महत्तवर्पूण र्सीटों पर जीत के लिए लड़ती रही है।

राज्य के विधानसभी चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा को उनकी हार इतनी खली की। इसकी प्रतिध्वनि भी साफ सुनाई दी। प्रदेश सरकार ने कर्ज माफी का एलान किया तो भाजपा के कार्यकर्ता बैंकों के आगे प्रदर्शन करने पहुंच गए। कहा-ऋणमुक्ति का प्रमाणपत्र कहां मिला है? राष्ट्रीयकृत बैंकों का कर्ज कब माफ होगा? सरकार ने धान का समर्थन मूल्य बढ़ाया तो विपक्ष ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू करने का राग छेड़ दिया। दोनों सरकारें हमेशा से ही आदिवासी और किसानों को लुभाने में लगी रहती है। वहीं बात अभी राज्य में मौजूदा सरकार की करे तो बहुत जल्द सरकार नक्सल मामले में बंद आदिवासियों की रिहाई सहित अन्य मामलों में भी फूंक-फूंककर कदम उठा रही है।


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