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एचडी देवगौड़ा ने तुमकुर सीट से भरा पर्चा, बोले- लोकसभा चुनाव लड़ने का इरादा नहीं था लेकिन...

जनता दल सेक्युलर के संस्थापक एच डी देवगौड़ा ने राज्य की तुमकुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का एलान किया है और आज नामांकन भी भर दिया।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 06:01 PM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 06:01 PM (IST)
एचडी देवगौड़ा ने तुमकुर सीट से भरा पर्चा, बोले- लोकसभा चुनाव लड़ने का इरादा नहीं था लेकिन...
एचडी देवगौड़ा ने तुमकुर सीट से भरा पर्चा, बोले- लोकसभा चुनाव लड़ने का इरादा नहीं था लेकिन...

कर्नाटक, एएनआइ। पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा ने आज तुमकुर सीट से पर्चा दाखिल किया। इस अवसर पर उन्‍होंने कहा, 'मैंने 29 वर्षों तक लोकसभा सांसद के तौर पर काम किया है। इसलिए मैंने कहा था कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा। मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि प्रजावल रेवान्ना हास्सन से उम्मीदवार बनें। लेकिन मेरे दोस्त फारुख अब्दुल्ला, ममता बनर्जी, गुलाब नबी आजाद और कई नेताओं ने मुझे चुनाव में उतरने की

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सलाह दी।'

दरअसल, जनता दल सेक्युलर के संस्थापक एच डी देवगौड़ा ने राज्य की तुमकुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का एलान किया है और आज नामांकन भी भर दिया। हालांकि, तुमकुर सीट कांग्रेस के पास है, यहां से मुद्दाहनुमेगौड़ा सांसद हैं। लेकिन गठबंधन फार्मूले के तहत ये सीट जेडीएस के खाते में गई है। कांग्रेस के साथ गठबंधन पर देवगौड़ा ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश में 80 सीट जीतने के बावजूद हमें मुख्‍यमंत्री का पद दिया, जबकि हमारे पास सिर्फ 37 सीटें हैं। राहुल गांधी और सोनिया गांधी के समर्थन से हमने प्रदेश में सरकार बनाई है। इसलिए हम भी गठबंधन का धर्म निभाएंगे। मैं राज्‍य में हर जगह प्रचार करूंगा, जहां भी मेरी जरूरत होगी। आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडु ने भी मुझे प्रचार करने के लिए आमंत्रित किया है।'

उन्‍होंने कहा, 'मुझे पता है कि जब हमने यह निर्णय किया, तो तुमकुर के मौजूदा सांसद का बुरा जरूर लगा होगा। हालांकि, मेरा इरादा उन्‍हें दुखी करने का नहीं था। कांग्रेस नेताओं ने सीटों के बंटवारे का पूरा गणित उन्‍हें समझा दिया है। मैंने तुमकुर सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय कांग्रेस और जेडीएस नेताओं की मांग पर किया है।'

ये है कर्नाटक का राजनीतिक गणित

एंग्लो इंडियन समुदाय के एक नामित सदस्य समेत कर्नाटक विधानसभा की कुल सदस्य संख्या 225 है। लिहाजा बहुमत का आंकड़ा 113 का है। इसमें स्पीकर समेत कांग्रेस के 80, जदएस के 37 और भाजपा के 104 सदस्य हैं। इनके अलावा एक-एक विधायक बसपा, केपीजेपी और निर्दलीय का है। यहां भाजपा सबसे ज्‍यादा सीटें हासिल करने के बाद भी सरकार नहीं बना पाई। हालांकि, कांग्रेस और जेडीएस को बार ये डर सताता है कि कहीं उनके विधायकों को तोड़कर भाजपा अपनी संख्‍या न बढ़ा ले और सत्‍ता पर काबिज हो जाए।


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