LokSabha Elections 2019 : यहां सिपाहियों से ज्यादा हैं बदमाशों की संख्या, पुलिस ने की ऐसी तैयारी
LokSabha Elections 2019 चुनाव के लिए थानेदारों ने दस साल के अंदर आपराधिक वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों की सूची तैयार कर ली है। साथ ही उन सफेदपोशों पर भी पुलिस की पैनी नजर है।
गोरखपुर, सतीश कुमार पांडेय। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। एसएसपी के निर्देश पर थानेदारों ने दस साल के अंदर आपराधिक वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों की सूची तैयार कर ली है। इनके साथ ही उन सफेदपोशों पर भी पुलिस की पैनी नजर है, जो इन बदमाशों को पनाह देते हैं। उन्हें आर्थिक मदद भी करते रहे हैं।
शांत माहौल मे चुनाव कराने के लिए जिले में 2500 अपराधियों को चिंहित कर लिया गया है। इनसे चुनाव में गड़बड़ी की आशंका जताई गई है। इसलिए पुलिस टीमें पहले से ही उन पर नजर बनाए हुए हैं। एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि लोक सभा चुनाव के मद्देनजर दस साला अपराधियों की सूची तैयार की गई है। सभी थानाध्यक्ष और चौकी प्रभारियों से इनका सत्यापन कराया जा रहा है। इन अपराधियों में 387 कुख्यात और इनामी भी शामिल हैं। जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जिले के बदमाशों को तीन श्रेणी में रखा गया है। पहली श्रेणी में वो बदमाश हैं जो जेल से बाहर आते ही वारदात करते हैं। दूसरी श्रेणी में लूट, पर्स व चेन लूट करने वाले अपराधी हैं। जबकि तीसरी श्रेणी में महिला अपराध से संबंध हैं। पुलिस कर्मी अपराधियों का सत्यापन कर रहे हैं। वारंटियों के खिलाफ चलाए गए अभियान में 50 से अधिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एसएसपी ने बताया कि पहली श्रेणी में जो बदमाश शामिल हैं, इनमें से कुछ के संबंध नेताओं से भी हैं। मुख्य तौर पर ऐसे बदमाशों और उनसे मिलने वाले नए लोगों पर भी पुलिस की टीम नजर बनाए हुए है।
गश्त के लिए मिली पीएसी व सेंट्रल फोर्स
एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि गश्त के लिए दो कंपनी पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स मिल गई है। चुनाव तक यह टीमें पुलिस के साथ रहेंगी। एसएसपी ने बताया कि जल्द ही पैरामिलिट्री फोर्स और पीएसी तथा अन्य पुलिस बल मिलने की उम्मीद है।
सिपाहियों से ज्यादा हैं बदमाश
जनपद की कुल आबादी 40 लाख से अधिक है। आए दिन लूट, हत्या, छिनैती, चोरी, जानलेवा हमले की वारदातों से लोग सहमे हुए हैं। जिले में महिला थाना समेत 26 थाने हैं। मौजूदा समय में इन थानों पर कुल 1459 सिपाही तैनात हैं। बदमाशों की संख्या की तुलना में सिपाहियों की संख्या बहुत कम है। ये तो पुलिस रिकार्ड वाले बदमाशों की संख्या है। इसके अलावा दूसरे छोटे बड़े अपराधियों का नाम भले ही पुलिस रिकार्ड में न दर्ज हो, लेकिन पुलिस को उनकी सरगर्मी से तलाश रहती है।
सिपाहियों और बदमाशों का थानावार विवरण
थाना सिपाही बदमाश
कोतवाली 76 101
राजघाट 61 58
तिवारीपुर 39 77
कैंट 129 160
खोराबार 92 149
गोरखनाथ 63 105
शाहपुर 100 145
महिला थाना 40 00
कैंपियरगंज 35 53
पीपीगंज 37 77
सहजनवां 75 145
चिलुआताल 53 121
बांसगांव 49 55
गगहा 45 85
बेलीपार 44 87
गोला 53 83
बड़हलगंज 64 85
उरुवा 35 30
बेलघाट 32 59
खजनी 49 60
सिकरीगंज 32 85
हरपुर बुदहट 24 58
चौरीचौरा 58 146
झंगहा 55 40
पिपराइच 54 70
गुलरिहा 65 89
जेल से बाहर हैं 86 गैंग के 233 बदमाश
जिले में आपराधिक माफिया के 86 गैंग पंजीकृत हैं जिसमें सरगना समेत 387 बदमाश शामिल हैं। वर्तमान माफिया गैंग से जुड़े 233 बदमाश जेल से बाहर हैं। चुनाव में इनको काबू में रखना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
माफिया गिरोह का विवरण
माफिया गैंग सदस्य
आपराधिक माफिया 24 138
वन माफिया 05 21
ठेकेदार माफिया 03 21
खनन माफिया 01 01
भू-माफिया 09 16
आबकारी माफिया 11 37
पासपोर्ट माफिया 01 03
लुटेरा गैंग 20 95
वाहन चोर 08 29
डकैती गैंग 01 11
चोर गैंग 03 15
दो दिन पुलिस के इशारे पर चलेंगी एंबुलेंस
लोकसभा चुनाव के एक दिन पहले और मतदान के दिन स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस पुलिस के इशारे पर दौड़ेंगी। पुलिस की ओर से जहां बताया जाएगा, एंबुलेंस वहीं खड़ी रहेंगी।
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि चुनाव के दो दिन काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इसमें सबसे ज्यादा मूवमेंट पुलिस का ही होता है। इसलिए पुलिस अफसरों के साथ समन्वय बैठाकर एंबुलेंस की तैनाती करने से ज्यादा से ज्यादा लोगों को कम समय से फायदा दिलाया जा सकता है। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने कहा कि दो दिन तक पुलिस अधीक्षक के साथ समन्वय बनाकर एंबुलेंस की तैनाती की जाएगी।
प्राइवेट में होगा इलाज, बाद में भुगतान
मतदान और मतगणना की ड्यूटी में लगे कर्मचारियों के साथ कोई अनहोनी होने पर पहले सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। यहां संबंधित समस्या का इलाज न होने की स्थिति में तत्काल प्राइवेट अस्पताल भेजा जाएगा। प्राइवेट अस्पतालों के संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह कर्मचारियों का पूरी रह कैशलेस इलाज करेंगे। बाद में कर्मचारी यदि पुलिसबल का है तो पुलिस विभाग और अन्य विभाग का है तो प्रशासन अस्पताल को भुगतान करेगा।