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गुना लोकसभा सीट: क्या हल्के उम्मीदवार को उतारकार सिंधिया के खिलाफ भाजपा ने पहले ही मान ली हार?

लोकसभा चुनाव 2019 में पांच चरण का मतदान पूरा हो गया है। छठे चरण का मतदान 12 मई रविवार को होगा।

By NiteshEdited By: Published: Fri, 10 May 2019 04:24 PM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 05:53 PM (IST)
गुना लोकसभा सीट: क्या हल्के उम्मीदवार को उतारकार सिंधिया के खिलाफ भाजपा ने पहले ही मान ली हार?
गुना लोकसभा सीट: क्या हल्के उम्मीदवार को उतारकार सिंधिया के खिलाफ भाजपा ने पहले ही मान ली हार?

नई दिल्ली, (जागरण स्पेशल)। लोकसभा चुनाव 2019 में पांच चरण का मतदान पूरा हो गया है। छठे चरण का मतदान 12 मई रविवार को होगा। छठवें चरण में 7 राज्यों की 59 सीटों पर मतदान होना है। जिनमें बिहार, झारखंड, हरियाणा, मध्यप्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में वोट डाले जाएंगे। हम इस खबर में मध्यप्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट गुना के बारे में बता रहे हैं। गुना से कांग्रेस के उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने भाजपा के केपी यादव हैं। जबकि बसपा-सपा गठबंधन से लोकेंद्र सिंह राजपूत अपना भाग्य आजमा रहे हैं। लेकिन इस सीट पर असली मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। सियासी पंडितों का कहना है कि भाजपा ने कांग्रेस के सिंधिया के सामने अपने कमजोर उम्मीदवार उतारकर ये साबित कर दिया है कि पार्टी गुना सीट से पहले ही हार मान चुकी है।

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क्या है गुना सीट का इतिहास
मध्य प्रदेश के गुना-शिवपुरी संसदीय सीट पर अब तक सिंधिया घराने का कब्जा रहा है। पहले यहां से राजमाता विजयाराजे सिंधिया, फिर माधवराव सिंधिया और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 2014 के चुनाव में यहां से सिंधिया के जीत का अंतर कम रहा था। इस सीट से सिंधिया की छवि 'महाराजा' वाली रही है। 1999 से ही यह सीट भाजपा से दूर है। 1989 से 1999 तक यहां भाजपा के टिकट से राजमाता विजयाराजे सिंधिया काबिज रहीं, उसके बाद माधवराव सिंधिया फिर उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया इस सीट पर काबिज हैं।

2001 में सांसद माधवराव सिंधिया की एक दुर्घटना में हुई मौत के बाद से उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया इस सीट पर आ गए थे। हर बार चुनाव में उनके हाथों पराजय के बाद भाजपा नया प्रयोग करने का प्रयास करती है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली है।

कांग्रेस की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए उनकी पत्नी प्रियदर्शिनी राजे और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट सहित सात मंत्री चुनावी प्रचार कर रहे हैं वहीँ, भाजपा के प्रत्याशी लोकेंद्र सिंह राजपूत के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनावी मैदान संभाल रहे है।

क्या है मतदाता प्रतिशत
इस सीट के 75 प्रतिशत मतदाता शहरी और 25 प्रतिशत ग्रामीण हैं।

गुना सीट पर 2014 का आंकड़ा
गुना सीट से 2014 में ज्योतिरादित्य सिंधिया को 517,036 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के जयभान सिंह पवैया ने 396,244 वोट हासिल किए थे। बसपा के लखन सिंह को 27,412 वोट मिला था। गुना में कुल 1,605,613 मतदाता हैं। जिनमें 857,327 पुरुष मतदाता और 748,265 महिला मतदाता हैं।

भाजपा का हर प्रयोग रहा असफल
कांग्रेस से इस सीट को अपने कब्जे में लेने के लिए भाजपा ने उप चुनाव -2002 में राव देशराज सिंह को चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन करारी शिकस्त खाई। 2004 में हरिवल्लभ शुक्ला, 2009 में नरोत्तम मिश्रा, 2014 में जयभानसिंह पवैया जैसे दिग्गज नेता को भी भाजपा ने दांव पर लगाया, लेकिन पल्ले कुछ नहीं आया। इस बार 23 मई को यह फैसला हो जाएगा कि यह सीट किसके नाम होती है।

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