Lok Sabha Election 2019: BIG ISSUE: चकाचक हाईवे से बदली हंसडीहा की तस्वीर, लेकिन दुख यह कि पानी ही छीन लिया
झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हंसडीहा की मूढ़ी और घुघनी खाकर संताल परगना में पहचान बनाई। वर्तमान विधायक प्रदीप यादव का हंसडीहा से एक विशेष नाता रहा है।
हंसडीहा, अरविंद कुमार। झारखंड की उपराजधानी दुमका का हंसडीहा गांव। सरैयाहाट प्रखंड का बेहद खास पंचायत होने के साथ झारखंड व बिहार के चार जिलों को आपस में हाईवे सड़क मार्ग से जोड़ता है। आने वाले कुछ वर्षों में हंसडीहा रेलमार्ग में चार जिलों को आपस में जोडऩे वाला महत्वपूर्ण जंक्शन बनने की ओर अग्रसर है।
झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हंसडीहा की मूढ़ी और घुघनी खाकर संताल परगना में पहचान बनाई। झारखंड आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले अपने जमाने के दिग्गज नेता और वर्तमान के भाजपा नेता सूरज मंडल से लेकर वर्तमान विधायक प्रदीप यादव का हंसडीहा से एक विशेष नाता रहा है। बावजूद इसके गांव के वाशिंदों को इस बात का दर्द है कि पीने के पानी के लिए बोतलबंद पानी पर निर्भर हैं। सरकार है कि आश्वासन दिए जा रही है। गांव में आज से तीन साल पहले तक ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना के तहत घर-घर तक पीने का पानी पहुंचाया जाता था। लेकिन नवनिर्मित दुमका-हंसडीहा स्टेट हाईवे के निर्माण के बाद से आपूर्ति बंद कर दी गई।
हाईवे निर्माण के दौरान पहले से बिछाए गए पाइप को हटाकर नए सिरे से पाइप लगाना था, लेकिन सड़क निर्माण कर रही कंपनी और पेयजल विभाग में तालमेल के अभाव में पानी आपूर्ति केंद्र से लेकर पथ निर्माण विभाग के डाक बंगला तक जो पाइप बिछाया गया, वह सर्विस रोड के नीचे आ गया। ऐसे में ग्रामीणों के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए करोड़ों खर्च कर बनाई गई नई सड़क की खुदाई कर दोबारा से पाइप बिछाना पड़ता। गर्दन फंसता देख संबंधित विभाग ने इस मामले में चुप्पी साध ली। डाक बंगला से आगे मुख्य बाजार में पाइप बिछाने में प्रशासन को एक नई परेशानी उठानी पड़ेगी, क्योंकि हाईवे निर्माण के लिए की गई अधिग्रहण की जमीन को पूरी तरह से खाली नहीं कराने से लोग अब धीरे-धीरे उसपर निर्माण करना शुरू कर चुके हैं।
जिला मुख्यालय से करीब 42 किलोमीटर और प्रखंड मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर स्थित हंसडीहा गांव के ग्रामीणों के लिए पेयजल का मुख्य साधन कुआं का पानी है। वैसे सरकारी आंकड़ों में हंसडीहा पंचायत में 54 अदद चापाकल से लोगों की प्यास बुझ रही है। हंसडीहा पंचायत की आबादी 4500 के करीब है। इस पंचायत में हंसडीहा सदर, हथगढ़, परखेता, पगवारा और बेलटीकरी राजस्व ग्राम है। लेकिन सभी जगह पेयजल की समस्या विकराल स्थिति में है। हंसडीहा बाजार को छोड़ दें तो अन्य जगहों में लोग कुएं के पानी पर ही आश्रित हैं। गर्मी के मौसम में जलस्तर नीचे चले जाने पर पानी के लिए गिनती के चापाकल या डब्बाबंद पानी खरीदकर पीते हैं। हंसडीहा जैसे एक छोटे गांव में डब्बाबंद पानी सप्लाई करने वाली चार कंपनी चल रही हैं और प्रतिदिन करीब दस हजार लीटर डब्बाबंद पानी की खपत हो रही है। इन सबके बीच बीते कई लोकसभा चुनावों में इस बार के आम चुनाव में वोटर पहली बार पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित होकर वोट मांगने आने वालों से सवालों की बौछार करने को तैयार हैं कि आखिर उनके सूखे हलक को तर कौन करेगा।
ग्रामीणों का रोना है कि आज जब पंचायत स्तर पर सोलर वाटर सप्लाई सिस्टम के सहारे पानी की सप्लाई की जा रही है, तो हंसडीहा की जनता का कैसा गुनाह, जो बंद पड़े ग्रामीण पेयजलापूर्ति को शुरू करने में कोई पहल नहीं हो रहा है। हंसडीहा के ग्रामीणों ने 20 अगस्त को मुख्यमंत्री जनसंवाद में बंद ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना को शुरू करने की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन छह महीने बीतने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। हथगढ़ में आंगनबाड़ी केन्द्र का चापाकल भी दो वर्षों से खराब है।
जनता की आवाज
सरकार ने घर-घर शौचालय तो बनवा दिया, लेकिन पानी कहां से आएगा इस पर ध्यान नहीं दिया। पीने के लिए पानी को अब खरीदना पड़ता है। सरकार को इस समस्या पर ध्यान देने की जरूरत है।
-अरूण कुमार जायसवाल, हंसडीहा
ग्रामीण पेयजलापूर्ति शुरू हो जाने से पानी की समस्या पर कुछ हद तक राहत मिलेगा। वोट मांगने के लिए आने वाले नेताओं को इस समस्या पर जवाब देना होगा।
-दीपक मरीक, परखेता ( हंसडीहा )
हंसडीहा पंचायत में पेयजल की समस्या गंभीर बनी हुई है। ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना को चालू कराने के लिए जल्द ही जिले के संबंधित विभाग के अधिकारियों से बातचीत करने का प्रयास होगा।
सतवन सिंह, ग्राम प्रधान, हंसडीहा
क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जनप्रतिनिधि
प्रदीप यादव
विधायक : 2004, 2009, 2014 पौडयाहाट विधानसभा क्षेत्र से
निशिकांत दूबे
सांसद : 2009, 2014 गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से
फुरकान अंसारी
सांसद : 2004 गोड्डा लोकसभा क्षेत्र