राफेल मामले पर बोले सीताराम येचुरी, सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया
राफेल डील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को तगड़ा झटका दिया है।
नई दिल्ली (पीटीआइ)। राफेल डील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को तगड़ा झटका दिया। जिसके बाद विपक्ष भी मोदी सरकार पर हमलावर हो गया है। राफेल सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने बुधवार को आरोप लगाया कि सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है।
फ्रांस के साथ राफेल फाइटर जेट सौदे को लेकर भाजपा पर हमला करते हुए येचुरी ने कहा कि यह सौदा "पदोन्नत क्रोनिज्म" है। येचुरी ने ट्वीट करते हुए कहा कि मोदी और उनकी सरकार ने एक महत्वपूर्ण रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार और वंशवाद के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है। उन्होंने जवाबदेही से बचने की कोशिश की, जेपीसी के गठन से इनकार किया, सीएजी से कीमत छिपाई, पहले गुमराह करने की कोशिश की, फिर सुप्रीम कोर्ट में किसी भी तरह की सुनवाई को रोक दिया।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से एक दिन पहले केंद्र में मोदी की अगुवाई वाली सरकार के लिए नई मुसीबत सामने आ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार की आपत्तियों को खारिज कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राफेल डील से संबंधित तीन दस्तावेजों को सबूत के तौर पर स्वीकार करने की अनुमति प्रदान कर दी है। सुप्रीम कोर्ट इन दस्तावेजों के आधार पर पुनर्विचार याचिका पर आगे की सुनवाई करेगा।
मालूम हो कि राफेल डील पर केंद्र सरकार ने दावा किया था कि इस सौदे से जुड़े दस्तावेजों पर सरकार का विशेषाधिकार है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि साक्ष्य अधिनियम के प्रावधानों के तहत कोई भी संबंधित विभाग की अनुमति के बगैर सौदे से जुड़े दस्तावेजों को प्रस्तुत या सार्वजनिक नहीं कर सकता है। मामले में अटार्नी जनरल ने दलील दी थी कि कोई भी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक नहीं कर सकता। राष्ट्र की सुरक्षा सबसे ऊपर है।