साबित हो गया 'मोदी है तो मुमकिन है का नारा', अब सिर्फ नारेबाजी पर नहीं होगी राजनीति
नरेंद्र मोदी इस बार के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से राजनीति के बड़े जादूगर बनकर उभरे हैं। एक ऐसा जादूगर जिसके सामने बड़े-बड़े दिग्गज बिखर जाते हैं।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। नरेंद्र मोदी यानी एक जादूगर...! एक ऐसा जादूगर जिसके रहते नामुमकिन भी मुमकिन है। एक ऐसा जादूगर जो लोगों की नब्ज पहचानता है। ऐसा जादूगर जो सागर बनकर अपने संदेश से लोगों को सराबोर करता है... जो इससे टक्कर लेने उतरता है वह बिखर जाता है और जो इसकी लहरों के साथ होता है सिर्फ वही तैरता है। तीखी लड़ाई के बीच आम चुनाव के नतीजों ने यह सब कुछ साबित कर दिया है। वंशवाद के खिलाफ आए नतीजों ने जहां एक तरफ बड़े-बड़े नेताओं व उनके परिवारों को उखाड़ फेंका, वहीं राजग के साये में आए कुछ ऐसे नेताओं को भी जीत दिलाई जिन्हें परिवारवाद का उदाहरण माना जाता है।
पिछली बार से भी बड़ी जीत का लगातार दावा करते रहे मोदी ने न सिर्फ यह साबित किया है, बल्कि यह भी जता दिया है कि भविष्य की राजनीति सिर्फ खोखले नारों पर नहीं होगी। विश्वास की जमीन पर नारे भी चलेंगे और वोट भी पड़ेगा। व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप में भी सिर्फ उसी की सुनी और मानी जाएगी जो भरोसे के तराजू पर फिट बैठता हो। यह भरोसा सिर्फ नारों से नहीं जीता जा सकता। कसौटी पर खुद को साबित करना ही होगा। इन सबसे ऊपर एक बात निखर कर आई है, हर किसी के लिए देश सबसे बड़ा है और जो देश के लिए खड़ा है, उसके साथ ही देश की जनता खड़ी होगी। राष्ट्रवाद किसी भी जाति और संप्रदाय से ऊपर है और इसे चुनाव का मुद्दा बनाए जाने पर राजनीतिक दलों को आपत्ति हो सकती है, लेकिन जनता इसे सिरआंखों पर रखने को तैयार है।
जीत का मंत्र
- मजबूत और निर्णायक नेतृत्व का भरोसा
- जनकल्याणकारी योजनाओं की डिलीवरी
- आधी आबादी को पूरा अधिकार और सम्मान
- आतंक के खिलाफ बेखौफ लड़ाई का एलान
- दूरगामी प्रभाव वाले फैसले लेने की क्षमता
जीत का संदेश
- स्थिरता और निरंतरता पर सबका भरोसा
- वंशवाद की राजनीति का घटता प्रभाव
- ‘सबसे पहले राष्ट्र’ के नारे पर लगी मुहर
- नकारात्मक राजनीति जनता को पसंद नहीं
- विश्वसनीय और कर्मठ नेतृत्व की आकांक्षा
बड़ी चुनौती
- कृषि संकट दूर करना, किसानों की आय बढ़ाना
- वैश्विक कारोबार की चुनौतियों को दूर करना
- कश्मीर घाटी में स्थायी शांति का उदय
- विकास दर और निवेश को बढ़ाना होगा
- देश में बढ़ते कट्टरपंथ पर लगाम लगाना
जनता की आस
- सबको आवास की तर्ज पर शुद्ध पेयजल
- सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता
- महिलाओं में सुरक्षा की भावना पैदा करना
- सबके लिए उपलब्ध हो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
- रोजगार बढ़ें और हर हाथ को मिले काम
सटीक रणनीति
- मोदी केंद्रित चुनावी अभियान की तैयारी
- जमीनी स्तर पर जातीय और सामाजिक समीकरण
- मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचाने की तैयारी
- सकारात्मक मुद्दों पर चुनावी अभियान
- संगठन और सरकार के बीच पूरा सामंजस्य
मोदी ने दोहराया इतिहास
जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो पूर्ण बहुमत के साथ दोबारा सरकार बनाने जा रहे हैं।
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