Lok Sabha Election 2019: पहली जंग पर सबकी नजर, जानें चतरा-पलामू-लोहरदगा का हाल
Lok Sabha Election 2019. पलामू चतरा और लोहरदगा के लिए सोमवार को डाले जाएंगे वोट। यहां नमो के बूते ही है भाजपा तीनों सीटों पर रोचक मुकाबला।
रांची, राज्य ब्यूरो। Lok Sabha Election 2019 - झारखंड में महासमर की पहली जंग को महज कुछ ही घंटे शेष हैं। पलामू, चतरा और लोहरदगा के मतदाताओं की कसौटी पर राजनीतिक दल और प्रत्याशी कितना खरे उतरे, इसका फैसला वोटर 29 अप्रैल को अपने वोट की चोट से करेंगे। परिणाम भले ही 23 मई को आए लेकिन प्रत्याशियों के भाग्य सोमवार को ईवीएम में कैद हो जाएंगे।
तीनों ही सीटों पर स्थानीय मुद्दे हावी हैं तो राष्ट्रीय स्तर के मसलों पर जिरह का दौर अंतिम चरण में भी चल रहा है। क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों को लेकर सियासी दलों ने अपने-अपने स्तर पर चक्रव्यूह रचना की है। झारखंड में पहले चरण में होने वाली तीनों सीटों पर रोचक मुकाबले की स्थिति बनी हुई है। यहां भाजपा और महागठबंधन (चतरा छोड़कर) मुकाबले में सीधे उलझे दिखाई दे रहे हैं।
तीनों संसदीय क्षेत्रों की समग्र रूप से बात की जाए तो यहां भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ रही है। इन सीटों पर भाजपा के मौजूदा सांसदों का ट्रैक रिकार्ड जनता के अनुरूप नहीं रहा है लेकिन मोदी फैक्टर अपना कमाल दिखाएगा, कमल दल को इसका पूरा भरोसा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 24 अप्रैल की विजय संकल्प रैली ने जो माहौल बनाया है उससे भाजपा खेमा खासा उत्साहित है।
झारखंड में पहले चरण के चुनाव की स्टार वार में भाजपा, महागठबंधन पर भारी पड़ती दिखाई देती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोहरदगा और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की जनसभा चतरा और पलामू संसदीय क्षेत्र में हो चुकी है। अमित शाह ने मेदिनीनगर में प्रचार थमने से कुछ घंटे पूर्व भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा कर माहौल बनाया है। वहीं, राजद के तेजस्वी यादव ने पलामू में राजद प्रत्याशी के पक्ष में दो जनसभाएं की हैं। कांग्रेस ने अब तक यहां अपने किसी शीर्ष नेता को नहीं उतारा है।
पलामू : यहां ब्राह्मणों के रुख पर टिकी हैं निगाहें
खेत भले ही बंजर हों लेकिन झारखंड में राजनीतिक दृष्टिकोण से पलामू की भूमि सर्वाधिक उर्वरा रही है। वजह यहां की सीमा का तीन राज्यों से जुड़ाव है। पड़ोस से आने वाली हवा से यहां की राजनीतिक फिजा अचानक बदल जाती है। पलामू में दलीय और निदर्लीय मिलाकर कुल 19 प्रत्याशी मैदान में हैं। जीत का समीकरण और मंत्र लेकर सभी घूम रहे हैं लेकिन मुकाबला भाजपा के बीडी राम, महागठबंधन के राजद उम्मीदवार घूरन राम के बीच ही दिखता है। बसपा प्रत्याशी अंजना भुइंया इनकी लड़ाई के बीच अपनी राह तलाश रही हैं।
विकास यहां की जरूरत है, सुखाड़, रोजगार-पलायन जैसे बड़े मुद्दे भी हैं लेकिन विकास पर जातीय गोलबंदी हावी है। यहां ओबीसी और अनुसूचित जाति के वोटरों की संख्या सबसे अधिक बताई जाती है। करीब तीस फीसद ओबीसी और 27 फीसद एससी वोटरों पर हर प्रत्याशियों की निगाह है। 27 फीसद एससी वोटरों में 13 फीसद भुइंया समाज के बताए जाते हैं जिनके बूते बसपा प्रत्याशी अंजना भुइंया चुनाव मैदान में हैं। 19 फीसद सवर्ण वोटरों में सबसे ज्यादा आबादी ब्राह्मणों की है, जिनका आशीर्वाद लेने के लिए मारामारी है। इनका झुकाव अहम है, चुनाव में इन्हें निर्णायक माना जा रहा है। 13 फीसद मुस्लिम से राजद को कुछ ज्यादा ही आस है। वहीं 11 फीसद एसटी वोटरों पर कोई एक दल अपना दावा नहीं कर सकता।
ये हैं मैदान में
प्रत्याशी का नाम राजनीतिक दल
1 अंजना भुईंया बहुजन समाज पार्टी
2 घूरन राम राष्ट्रीय जनता दल
3 विष्णु दयाल राम भारतीय जनता पार्टी
4 अमींद्र पासवान भारतीय लोकसेवा दल
5 उदय कुमार पासवान जनसंघर्ष विराट पार्टी
6 उमेश कुमार पासवान वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल
7 प्रयाग राम प्रॉटिस्ट सर्व समाज
8 बबन भुईंया जय प्रकाश जनता दल
9 बालकेश प्रसाद पासवान अंबेडकर नेशनल कांग्रेस
10 मदन राम कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्किस्ट-लेनिनिस्ट) रेड
11 श्याम नारायण भुईयां बहुजन मुक्ति पार्टी
12 सुषमा मेहता सीपीआई (मार्क्ससिस्ट-लेनिनिस्ट) (लिबरेशन)
13 जोरावर राम निर्दलीय
14 दिनेश राम निर्दलीय
15 रामजी पासवान निर्दलीय
16 विजय कुमार निर्दलीय
17 विजय राम निर्दलीय
18 श्रवण कुमार रवि निर्दलीय
19 सत्येंद्र कुमार पासवान निर्दलीय
चतरा : महागठबंधन दरका, त्रिकोणीय लड़ाई में उलझी सीट
चतरा राज्य की एकलौती सीट है, जहां महागठबंधन के प्रत्याशी एक दूसरे के खिलाफ ही ताल ठोक रहे हैं। कांग्रेस के मनोज यादव व राजद के सुभाष यादव स्वजातीय हैं। इससे माय समीकरण के दरकने के आसार हैं। यहां भाजपा प्रत्याशी सुनील सिंह मतदाताओं की नाराजगी में उलझे हैं लेकिन इस नाराजगी पर मोदी फैक्टर भारी पड़ रहा है। चतरा संसदीय क्षेत्र में भी राजनीति दल जातीय समीकरण साध रहे हैं।
करीब 14 लाख मतदाताओं वाले चतरा में साढ़े चार लाख दलित व आदिवासी बताए जाते हैं। मुस्लिम की भी बड़ी आबादी है। इनकी संख्या करीब सवा दो लाख बताई जाती है। यादव और वैश्य वोटरों की संख्या तकरीबन डेढ़-डेढ़ लाख है। सवर्ण वोटरों की संख्या भी कम नहीं है। कुशवाहा समाज भी अपना जनाधार रखता है। भाजपा यहां सवर्णों व वैश्य के साथ साथ कुशवाहा समाज को साधने में लगी है। वैश्य वोटरों के बूते ही भाजपा के बागी राजेंद्र साहू ताल ठोंक रहे हैं। मतदान के दो दिन पूर्व भाजपा ने इन्हें पार्टी से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है।
ये हैं मैदान में
प्रत्याशी का नाम राजनीतिक दल
1 सुभाष यादव राष्ट्रीय जनता दल
2 सागर राम अखिल भारतीय हिंदू महासभा
3 पंकज रंजन झारखंड पीपुल्स पार्टी
4 भागलपुरी यादव निर्दलीय
5 अरुण कुमार यादव निर्दलीय
6 योगेंद्र यादव निर्दलीय
7 मनोज कुमार यादव कांग्रेस
8 रामानंद दास भारतीय सर्वोदय पार्टी
9 रमेशी राम निर्दलीय
10 अर्जुन कुमार सीपीआई
11 नंदलाल प्रसाद निर्दलीय
12 धनंजय कुमार निर्दलीय
13 नागेश्वर गंझू बसपा
14 पवन कुमार निर्दलीय
15 बगेंद्र राम निर्दलीय
16 प्रमोद टोप्पो निर्दलीय
17 नंदलाल प्रसाद केसरी निर्दलीय
18 जयदुल्लाह अंसारी निर्दलीय
19 मनोज कुमार पांडेय निर्दलीय
20 राजेंद्र साहू निर्दलीय
21 सुनील कुमार सिंह भारतीय जनता पार्टी
22 अब्दुल रजक अंसारी सदान विकास पार्टी
23 शौकत अली निर्दलीय
24 दिलेश्वर साव निर्दलीय
25 अयूब खान निर्दलीय
26 आशुतोष कुमार पूर्वांचल जनता पार्टी
लोहरदगा : पीएम की रैली के बाद भी सुदर्शन की हैट्रिक में कम नहीं रोड़े
हाईप्रोफाइल लोहरदगा सीट से भाजपा के केंद्रीय राज्य मंत्री सुदर्शन भगत हैट्रिक मारने के लिए उतरे हैं। हालांकि, कांग्रेस के सुखदेव भगत से सीधा मुकाबला होने के कारण उनकी हैट्रिक की राह बहुत आसान नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 24 अप्रैल को लोहरदगा में हुई विजय संकल्प रैली से उन्हें काफी बल मिला है। चुनाव भी वे नमो के नाम पर ही लड़ रहे हैं। लोहरदगा का जातीय गणित बेहद रोचक है।
आदिवासी बहुल इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस ने जिन दिग्गजों को उतारा है वे जातिगत आधार पर अपने-अपने समीकरण बुन रहे हैं। यहां सर्वाधिक आबादी आदिवासियों की है, जिस पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दावा करते हैं। करीब दो लाख मुसलमानों से कांग्रेस को आस है। इसाईयों को तो कांग्रेस अपना परंपरागत वोट मानती ही है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के बाद इसमें भाजपा की सेंध लग सकती है। वहीं, सामान्य जाति के मतदाताओं पर भाजपा को भरोसा है।
ये हैं मैदान में
प्रत्याशी राजनीतिक दल
1 दिनेश उरांव टीएमसी
2 श्रवण कुमार पन्ना बहुजन समाज पार्टी
3 सुखदेव भगत इंडियन नेशनल कांग्रेस
4 सुदर्शन भगत भारतीय जनता पार्टी
5 देव कुमार धान झारखंड पार्टी
6 अजीत कुमार भगत निर्दलीय
7 अंबर सौरभ कुणाल निर्दलीय
8 आनन्द पॉल तिर्की निर्दलीय
9 आलोन बाखला निर्दलीय
10 ईकुस धान निर्दलीय
11 कलिंदर उरांव निर्दलीय
12 रघुनाथ महली निर्दलीय
13 संजय उरांव निर्दलीय
14 सनियां उरांव निर्दलीय