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Lok Sabha Election 2019 : पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने चालू कराई थी मेजा की बंद कताई मिल

1980 में लोकसभा चुनाव के दौरान तत्‍कालीन सीएम वीपी सिंह ने जनता से दो वायदे किए थे। चुनाव के नतीजे आने के एक महीने में ही उसे पूरा भी कर दिया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 08 May 2019 04:07 PM (IST)Updated: Wed, 08 May 2019 04:07 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने चालू कराई थी मेजा की बंद कताई मिल
Lok Sabha Election 2019 : पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने चालू कराई थी मेजा की बंद कताई मिल

प्रयागराज : पूर्व प्रधानमंत्री स्व. विश्वनाथ प्रताप सिंह की यदि तमाम बातों के लिए आलोचना होती है तो कुछ बातें ऐसी भी हैं, जो आज भी उनकी याद दिलाती हैं। ऐसी ही एक बात करीब चार दशक पुरानी है। एक चुनावी सभा में बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने दो वादे किए थे। चुनाव समाप्त होने के एक महीने भर के भीतर उन्होंने यह वादा निभा भी दिया था। एक वादा मेजा कताई मिल शुरू कराने का था, दूसरा नैनी सेंट्रल जेल के बर्खास्त पांच कर्मचारियों की बहाली का।

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 बात 1980 के लोकसभा चुनाव की है

वर्ष 1980 में लोकसभा चुनाव हुए थे। राजनीतिक दलों ने जोर-शोर से तैयारी की थी। प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री और राजा मांडा के नाम से ख्यात वीपी सिंह ने मेजा निवासी अपने अति विश्वसनीय केपी तिवारी को इलाहाबाद संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाने के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) में दबाव बनाया। उनका दबाव रंग लाया और केपी तिवारी प्रत्याशी घोषित किए गए। 

चुनाव से पहले कताई मिल बंद व जेल में आंदोलनरत कर्मी बर्खास्त हो गए

चुनाव से कुछ समय पहले मेजा स्थित कताई मिल बंद कर दी गई थी। इसे फिर से चालू कराने की मांग हो रही थी। उधर नैनी सेंट्रल जेल में आंदोलनरत पांच कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। इसे लेकर भी नाराजगी थी। दोनों ही मांगों को लेकर औद्योगिक क्षेत्र के कामगार संगठनों की संयुक्त आमसभा आइटीआइ के मुख्य द्वार पर हुई थी। उसमें बीपीसीएल, स्वदेशी कॉटन मिल, त्रिवेणी इलेक्ट्रिकल वक्र्स (टीईडब्ल्यू), डेज मेडिकल के अलावा राज्य व केंद्र सरकार के कर्मचारियों की भी भागेदारी थी। कांग्र्रेस प्रत्याशी केपी तिवारी भी इस सभा में बतौर मुख्य वक्ता बुलाए गए। सभा में मुख्यमंत्री को भी आमंत्रित किया गया था। लोग बड़ी बेसब्री से उनके आने का इंतजार कर रहे थे। 

...तभी मुख्यमंत्री का काफिला पहुंच गया 

लंच अवकाश समाप्त होने वाला था। इसलिए मुख्य वक्ता को माइक थमा दिया गया। वह भाषण दे रहे थे, तभी मुख्यमंत्री वीपी सिंह का काफिला आइटीआइ गेट पर पहुंच गया। केपी तिवारी ने बीच में अपना भाषण रोककर मुख्यमंत्री को मंच पर आमंत्रित किया। मुख्य वक्ता ने मुख्यमंत्री से मेजा कताई मिल शुरू कराने और बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल कराने की मांग रखी और माइक मुख्यमंत्री को थमा दिया। विश्वनाथ प्रताप सिंह ने माइक थामते ही कहा  'तोहार नेता केपी ने दो समस्याएं हमका बताई है, तू सब लोग मिलकर चुनाव उनका जिताई दा, लोकसभा में भेज दा, चुनाव खत्म होने पर दोनों मांगे एक महीने में पूरी कर देब'। 

केपी तिवारी जीत गए और दोनों मांगें एक महीने में पूरी हो गईं

कर्मचारी नेता कृपाशंकर श्रीवास्तव बताते हैं कि चुनाव में केपी तिवारी जनता पार्टी के प्रत्याशी लल्ला भूषण वाष्र्णेय को हराकर देश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचे। विश्वनाथ प्रताप सिंह की पहल से एक महीने के भीतर कताई मिल चालू करा दी गई और बर्खास्त कर्मचारी बहाल हो गए। कर्मचारियों की इस सभा का संचालन आइटीआई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष व मेजा के विधायक दुलारे लाल यादव ने किया था।  

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