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Lok Sabha Election 2019: आंकड़ों पर करें गौर तो, कांग्रेस के लिए आसान नहीं मंडी की जंग

Lok Sabha Election 2019 2017 के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मंडी में करारी शिकस्त मिली थी इसलिए कांग्रेस के लिए मंडी संसदीय क्षेत्र की जंग आसान नहीं लग रही है।

By BabitaEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 12:43 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 12:43 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: आंकड़ों पर करें गौर तो, कांग्रेस के लिए आसान नहीं मंडी की जंग
Lok Sabha Election 2019: आंकड़ों पर करें गौर तो, कांग्रेस के लिए आसान नहीं मंडी की जंग

मंडी, जेएनएन। चुनावी दंगल में भाजपा व कांग्रेस के चेहरे कौन होंगे अब तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। लेकिन आंकड़ों पर अगर गौर करें तो कांग्रेस के लिए मंडी संसदीय क्षेत्र की जंग आसान नहीं दिख रही है। सवा साल पहले यानी 2017 के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मंडी संसदीय क्षेत्र में करारी शिकस्त मिली थी। भाजपा अगर विधानसभा चुनाव का प्रदर्शन भी दोहराती है तो कांग्रेस की जंग जीतने की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। अकेले मंडी जिला में ही भाजपा व कांग्रेस के बीच 18.96 फीसद का मतांतर था। भाजपा को 53.03 व कांग्रेस को 34.07 प्रतिशत वोट मिले थे। कांग्रेस को जिला की सभी 10 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।

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मंडी संसदीय क्षेत्र में पांच जिलों के 17 हलके हैं। चंबा जिला का भरमौर व शिमला का रामपुर हलका भी इसी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। भरमौर में भाजपा को 49.54 व कांग्रेस को 35.43 फीसद, रामपुर में कांग्रेस को 48.07 व भाजपा को 40.75 प्रतिशत वोट मिले थे। लाहुल स्पीति में भाजपा को 47.09, कांग्रेस को 36.93, किन्नौर में कांग्रेस को 48.01 व भाजपा को 47.47 प्रतिशत व कुल्लू जिला में भाजपा के हिस्से 45.63 व कांग्रेस के 45.56 फीसद वोट आए थे। 17 हलकों में 13 में भाजपा, एक में निर्दलीय व चार में कांग्रेस विजयी रही थी।

 

भाजपा ने लोकसभा चुनाव की तैयारी करीब एक साल से शुरू कर रखी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता सबसे निचले पायदान के कार्यकर्ता से सीधे रू-ब-रू हो चुके हैं। संसदीय क्षेत्र स्तर की रैली के बाद मंडल स्तर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन कर भाजपा कार्यकर्ताओं को गतिमान कर चुकी है। चुनावों की घोषणा के बाद भी कांग्रेस पार्टी की धरातल में कोई गतिविधियां नजर नहीं आ रही हैं। आला नेताओं में चुनाव लड़ने के लिए अब भी हां-न का दौर चल रहा है। 


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