लोकसभा चुनाव में पहली बार एप से निगरानी, 100 मिनट में आचार संहिता पर कार्रवाई
Lok Sabha Polls. चुनाव आयोग के मुताबिक वाहनों की स्वीकृति से लेकर ट्रैकिंग भी एप से की जाएगी। आचार संहिता की शिकायतों का अधिकतम डेढ़ घंटे में निपटारा होगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। इस बार लोकसभा चुनाव का स्वरूप बदला सा होगा। भारत निर्वाचन आयोग पहली बार इस चुनाव में विभिन्न प्रकार के एप के अलावा इलेक्ट्रानिक माध्यमों को अपनाने का निर्णय लिया है। सोमवार को श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान में ईवीएम मैनेजमेंट को लेकर दिए गए प्रशिक्षण में ये बातें सामने आईं। इसमें प्रत्येक जिले के ईवीएम नोडल पदाधिकारियों, जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारियों एवं ईवीएम मैनेजमेंट सिस्टम के लिए कार्यरत एक-एक कंप्यूटर ऑपरेटरों को प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण के क्रम में बताया गया कि किस तरह ईवीएम मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से ईवीएम को टै्रक किया जाएगा तथा किस तरह रैंडम जांच कर ईवीएम को बूथ तक पहुंचाया जाएगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार सुविधा साफ्टवेयर के माध्यम से नामांकन के लिए चुनावी सभा तथा आमसभा की स्वीकृति के लिए आवेदन कर सकेंगे। मतगणना कार्य के लिए भी इस साफ्टवेयर का उपयोग किया जाएगा जिसके तहत प्रत्येक राउंड में मतों की गिनती इसमें दर्ज होती जाएगी। इसे आयोग की वेबसाइट पर भी देखा जा सकेगा।
इसी तरह, कोई भी व्यक्ति सिटीजन विजिलेंस (सीवीआइजीआइएल) मोबाइल एप के माध्यम से आचार संहिता के उल्लंघन की सूचना दे सकेगा। इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इसपर शिकायतकर्ता अधिकतम एक फोटो तथा दो मिनट का वीडियो भी अपलोड कर सकेंगे। आयोग द्वारा 100 मिनट के अंदर शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी। लोकसभा चुनाव में पहली बार सुगम एप के माध्यम से कोई भी दल या प्रत्याशी वाहन के उपयोग के लिए अनुमति ले सकेंगे। इसके माध्यम से वाहनों की ट्रैकिंग भी हो सकेगी।
सेवा मतदाताओं के लिए इलेक्ट्रानिक पोस्टल बैलेट
पहली बार लोकसभा चुनाव में इलेक्ट्रानिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट्स सिस्टम का भी प्रयोग किया जाएगा। इसके तहत सेवा मतदाताओं को इलेक्ट्रानिक माध्यम से पोस्टल बैलेट पेपर भेजे जाएंगे। सर्विस मतदाता इसे प्रिंट कर अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए सेवा मतदाता डाक के माध्यम से अपना मत निर्वाची पदाधिकारी को भेज सकेंगे। बता दें कि सेवा मतदाता वे हैं जो विदेश सेवा में हैं या सशस्त्र बल में हैं या राज्य सशस्त्र पुलिस बल में कार्यरत वैसे कर्मी जो राज्य से बाहर सेवा दे रहे हैं।