Lok Sabha Election 2019: किशनगंज में राष्ट्रीय मुद्दों के साथ स्थानीय चेहरे की लड़ाई, मुकाबला त्रिकोणीय
Lok Sabha Election बिहार के किशनगंज में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान हो रहा है। यहां राष्ट्रीय मुद्दों के साथ स्थानीय चेहरे की लड़ाई है।
किशनगंज [जेएनएन]। नेपाल और बांग्लादेश की सीमा से सटा किशगनंज पूर्वोत्तर के द्वार के नाम से जाना जाता है। पूर्वोत्तर के सात राज्यों को सड़क और रेल मार्ग से देश के अन्य हिस्सों से किशनगंज ही जोड़ता है। मुस्लिम मतदाताओं की बहुलता वाले इस क्षेत्र के लिए नए रहनुमा का फैसला होना है। लोकसभा चुनाव में इस बार यहां की लड़ाई त्रिकोणीय दिख रही है। यहां राष्ट्रीय मुद्दों के साथ स्थानीय चेहरे की लड़ाई है।
ताल ठोक रहे ये उम्मीदवार
किशनगंज में कांग्रेस ने डॉ. मोहम्मद जावेद को अपना उम्मीदवार बनाया है तो जनतादल यूनाइटेड (जदयू) की तरफ से महमूद अशरफ। दोनों के बीच की कड़ी टक्कर में तीसरा कोण बने हुए हैं एमआइएमआइएम के अख्तरूल ईमान। यहां कुल 14 प्रत्याशी मैदान में ताल ठोक रहे हैं।
कांग्रेस- डॉ. मोहम्मद जावेद
जदयू- महमूद अशरफ
एआइएमआइएम- अख्तरूल ईमान
आप- अलीमुद्दीन अंसारी
बसपा- इंद्रदेव पासवान
झामुमो- शुकल मुर्मू
तृणमूल- जावेद अख्तर
शिवसेना- प्रदीप कुमार सिंह
बहुजन मुक्ति पार्टी- राजेंद्र पासवान
निर्दलीय- अजीमुद्दीन, असद आलम, छोटे लाल महतो, राजेश कुमार दुबे और हसेरूल
राष्ट्रीय मुद्दों के बीच स्थानीय चेहरे पर भी लड़ाई
यहां राष्ट्रीय मुद्दों के बीच स्थानीय चेहरे पर भी लड़ाई लड़ी जा रही है। जदयू और एमआइएमआइएम की मजबूत घेराबंदी के बीच कांग्रेस के सामने गढ़ बचाने की मुश्किल चुनौती है। 2014 में कांग्रेस के मौलाना असरारुल हक कासमी यहां लगातार दूसरी बार जीते थे। भाजपा के दिलीप जायसवाल दूसरे स्थान पर रहे थे। तब जदयू के अख्तरूल ईमान मैदान छोड़ गए थे।
इस बार की परिस्थितियां थोड़ी बदली सी हैं। पिछली बार जहां भाजपा और जदयू अलग-अलग थे, वहीं इस बार दोनों साथ हैं। जाहिर है कि जदयू बढ़ी ताकत के साथ मुकाबला कर रहा। जाति-बिरादरी के वोटों का बोलबाला है। तय है कि अंतिम समय में जिसके पक्ष में कुनबाई गोलबंदी होगी, उसी के सिर जीत का सेहरा बंधेगा।
कुल मतदाता: 1652940 (पुरुष: 855667, महिला: 797215, थर्ड जेंडर: 58)
मतदान केंद्र: 1626